मुस्लिम देशों के बीच चौधरी बना फिरता है ये मुल्क, पर खुद की हालत जर्जर; 68% महंगाई दर से बेहाल
Turkey Inflation Rate: तुर्की में मंहगाई दर बढ़कर 68 फीसदी को पार कर गई है। इससे तुर्कीवासी परेशान हैं। महंगाई की मार झेल रहे तुर्कीवासी अब क्रेडिट कार्ड के भरोसे अपनी जिंदगी काटने को मजबूर हैं।
मिडिल-ईस्ट के कई देश पिछले कुछ सालों से आपसी संघर्षों में उलझे रहे हैं। इनमें इजरायल और फिलिस्तीन का संघर्ष सबसे पुराना है और सबसे लंबे समय से चल रही लड़ाई है। इसके अलावा ईरान-इजरायल के बीच तनाव, गाजा पट्टी पर हालिया इजरायली हमले, इराक-सीरिया और लेबनान में खूनी संघर्ष कुछ ऐसे मुद्दे रहे हैं जो इस क्षेत्र को हमेशा से रह-रहकर सुलगाते रहे हैं। इन सबके बीच तुर्की ने पिछले एक दशक से भी अधिक समय से मध्य-पूर्व में अपना प्रभाव बढ़ाने और इलाके के सदस्य देशों के खासकर मुस्लिम देशों के बीच अपनी बेहतर और ताकतवर छवि गढ़ने की कोशिश की है।
तुर्की ने मिडिल-ईस्ट के दो दुश्मन देशों के बीच मध्यस्थ बनने की चाहत रखी है और उसे निभाता भी रहा है। हाल ही में तुर्की इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम कराने को लेकर मध्यस्थता करता नजर आया है। इस कोशिश में वह इजरायल से लेकर मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब का करीबी बन चुका है लेकिन इन सबके बीच मुस्लिम बहुल तुर्की की अर्थव्यवस्था लगातार गोते मार रही है। हालात यह है कि तुर्की में मंहगाई दर बढ़कर 68 फीसदी को पार कर गई है। इससे तुर्कीवासी परेशान हैं।
महंगाई की मार झेल रहे तुर्कीवासी अब क्रेडिट कार्ड के भरोसे अपनी जिंदगी काटने को मजबूर हैं। बीबीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई दर बढ़ने की वजह से तुर्की के लोगों की खरीद क्षमता प्रभावित हुई है। उन्हें रोजमर्रे का जरूरी सामान खरीदने के लिए भी दो बार सोचना पड़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्की में न्यूनतम वेतन 17,000 लीरा (524 अमेरिकी डॉलर) प्रति माह है, जबकि गरीबी रेखा 25,000 लीरा (768 अमेरिकी डॉलर) से ऊपर है।
तुर्की में लोगों को सबसे ज्यादा मुश्किलें खाने-पीने का सामान खरीदने में हो रही है। इसके अलावा वहां घरों का किराया दोगुना हो गया है। बढ़ते मकान किराए का आलम यह है कि तुर्की के केंद्रीय बैंक की पूर्व गवर्नर हाफिज अरकान ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि वह इस्तांबुल में मकान का किराया देने में सक्षम नहीं हो पा रही हैं। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन यानी आईसीडी से जुड़े देशों में तुर्की में ही सबसे ज्यादा महंगाई है।
हालंकि, पिछले साल राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन के दोबारा चुने जाने के बाद अर्थशास्त्री वित्त मंत्री मेहमत सिमसेक के नेतृत्व में आर्थिक नीतियों में बदलाव देखने को मिला है। मार्च में, केंद्रीय बैंक ने महंगाई पर लगाम कसने के लिए अप्रत्याशित रूप से ब्याज दरों में 500 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोत्तरी की है। अब वहां ब्याज दर 50 फीसदी हो गया है। उन्होंने अब क्रेडिट कार्ड पर लगाम लगाने का फैसला किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2023 में तुर्की में क्रेडिट कार्ड का कर्ज़ 2.5 गुना बढ़कर 1 ट्रिलियन लीरा (34 बिलियन अमेरिकी डॉलर) से ज़्यादा हो गया, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
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