लॉन्च होते फुस्स हुआ किम जोंग का जासूसी उपग्रह, सियोल ने समंदर से मलबा निकाल चिढ़ाया
दक्षिण कोरिया की सेना ने उ. कोरिया के जासूसी उपग्रह के उस हिस्से की तस्वीरें जारी की हैं, जो बुधवार को लॉन्चिंग के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। सियोल की सेना ने समंदर से उसे निकाल लिया है।
सनकी तानाशाह किम जोंग उन के शासन वाले उत्तर कोरिया का पहला जासूसी उपग्रह लॉन्च होते ही बुधवार को फेल हो गया। रॉकेट और सैटेलाइट के मलबे समंदर में जा गिरे। उत्तर कोरिया ने कहा है कि जून में फिर से सैटेलाइट की लॉन्चिंग की जाएगी। उत्तर कोरिया ने कहा कि जासूसी उपग्रह ले जा रहा रॉकेट दूसरे चरण के बाद कोरियाई प्रायद्वीप के पश्चिमी तट के पास पानी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। बयान में कहा गया है कि लॉन्चिंग विफल होने के कारणों की जांच की जा रही है।
इधर, दक्षिण कोरिया की सेना ने उत्तर कोरिया के जासूसी उपग्रह के उस हिस्से की तस्वीरें जारी की हैं, जो बुधवार को लॉन्चिंग के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। सियोल की सेना ने इओचॉन्ग द्वीप के पश्चिम में 200 किलोमीटर (124 मील) की दूरी पर समंदर में सैटेलाइट के मलबे को ढूंढ निकाला है। दक्षिण कोरिया की सेना द्वारा जारी तस्वीरों में पतले पाइप और तारों के साथ एक बड़ी बैरल जैसी धातु की संरचना दिख रही है।
उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने कहा है कि उपग्रह अपनी उड़ान के दौरान "दुर्घटना" के तुरंत बाद समुद्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। प्योंगयांग के पास अंतरिक्ष में एक भी ऐक्टिव सैटेलाइट नहीं है। इसलिए किम जोंग उन ने अपने शासन काल में एक सैन्य जासूसी उपग्रह को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। वह खुद व्यक्तिगत रूप से कुछ सैटेलाइट लॉन्चिंग की तैयारियों की निगरानी करता रहा है।
इससे पहले कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने आधिकारिक तौर पर बताया था कि उत्तर कोरियाई अंतरिक्ष अधिकारियों ने एक सैन्य टोही उपग्रह 'मल्लिगयोंग-1' एक नए प्रकार के रॉकेट 'चोलिमा-1' की सहायता से उत्तरी फ्योंगन प्रांत के चोलसन काउंटी में सोहे सैटेलाइट लॉन्चिंग ग्राउंड से 31 मई की सुबह 6:27 बजे लॉन्च किया है लेकिन रॉकेट "सामान्य उड़ान के दौरान पहले चरण से अलग होने के बाद दूसरे चरण में इंजन में आई खराबी के कारण समुद्र में गिर गया।
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