Britain Election: मंदिर के चक्कर, भारतीयों को रिझाया; कुछ ऐसी है कीर स्टारमर के ऋषि सुनक को पीछे छोड़ने की कहानी
Britain Election Keir Starmer: ब्रिटेन में लेबर पार्टी लंबे अरसे बाद सत्ता में वापसी करती नजर आ रही है। लेबर पार्टी की जीत के नायक बने हैं कीर स्टारमर। 61 साल के कीर स्टारमर पेशे से वकील हैं।
Britain Election Keir Starmer: ब्रिटेन में लेबर पार्टी लंबे अरसे बाद सत्ता में वापसी कर रही है। लेबर पार्टी की जीत के नायक बने हैं कीर स्टारमर। भारतीय मूल के ऋषि सुनक को ब्रिटेन की सत्ता से बेदखल करने वाले 61 साल के कीर स्टारमर पेशे से वकील हैं। साल 2015 में उन्हें पहली बार ब्रिटिश संसद के लिए चुना गया था। कीर स्टारमर ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बनने की राह पर हैं। हालांकि उनके लिए यह इतना भी आसान नहीं रहा है। लेबर पार्टी को लेकर आशंकित भारतीय समुदाय के मन को बदलने के लिए कीर को काफी काम करना पड़ा। इसके लिए उन्होंने मंदिरों के चक्कर लगाए। इसके साथ ही साथ भारतीय मूल के लोगों को रिझाया भी।
इसलिए परेशान थे भारतीय मूल के लोग
असल में कीर स्टारमर से पूर्व लेबर पार्टी के नेता रहे जेरेमी कॉर्बिन का कश्मीर को लेकर रवैया भारत विरोधी रहा है। इससे ब्रिटेन में मौजूद भारतीय समुदाय खुद को अलग-थलग महसूस करता था। हालांकि कीर स्टारमर ने ब्रिटेन में भारतीयों के साथ संबंध जोड़ने को तवज्जो दी है। पिछले साल भाषण के दौरान उन्होंने विश्व, पर्यावरण और आर्थिक सुरक्षा के मोर्चे पर भारत के साथ मजबूत संबंधों पर जोर दिया था। कीर स्टारमर ने कहा था कि मेरी लेबर सरकार, भारत के साथ संबंधों पर विशेष बल देगी। हम लोकतंत्र और संभावनाओं के साझा मूल्यों को ध्यान में रखते हुए संबंध बनाएंगे। उन्होंने कहा था कि इसमें फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भी शामिल होगा, जो दोनों देशों की महत्वाकांक्षा है। साथ ही साथ हम ग्लोबल सिक्योरिटी, क्लाइमेट सिक्योरिटी और इकोनॉमिक सिक्योरिटी पर नई रणनीतिक साझेदारियां करेंगे।
श्री स्वामीनारायण मंदिर भी गए
कीर स्टारमर के 2024 के इलेक्शन मैनिफेस्टो में भी भारत के साथ संबंधों पर जोर दिया गया है। इसमें सुरक्षा, शिक्षा, तकनीक और पर्यावरण पर गहरे सहयोग की बात कही गई है। इस साल की शुरुआत में वह लंदन के किंग्सबरी स्थित श्री स्वामीनारायण मंदिर भी गए थे। वहां पर लोगों से बात करते हुए कीर ने आश्वस्त किया था कि ब्रिटेन में हिंदूफोबिया के लिए कोई जगह नहीं है। गौरतलब है कि कीर का बचपन काफी संघर्षमय रहा है। उन्होंने अपने कुछ भाषणों में इसका जिक्र भी किया है। एक साधारण बैकग्राउंड से उठकर आज कीर स्टारमर ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने की राह पर हैं। कीर के जीवन का सबसे बड़ा दुख उनकी मां की मौत है, जो कीर के एमपी बनने के कुछ ही दिन बाद गुजर गईं।
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