Hindi Newsविदेश न्यूज़Italy is highly unlikely to renew Belt and Road Initiative deal with China major jolt to dragon - International news in Hindi

4 साल में ही उतरी चीनी खुमारी, बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव डील रिन्यू करने को तैयार नहीं इटली; PMO ने साधी चुप्पी

मामले के जानकार अधिकारी ने कहा कि जापान के हीरोशिमा में इस महीने 19 मई से 21 मई के बीच होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन से पहले कोई भी औपचारिक निर्णय नहीं लिया जाएगा क्योंकि यह एक अत्यधिक संवेदनशील विषय है

Admin रॉयटर्स, रोमFri, 5 May 2023 05:45 AM
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इटली के चीन के साथ बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) डीन को रिन्यू करने पर सस्पेंस बढ़ गया है। इटली के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि इटली द्वारा चीनी डील को नवीनीकृत करने की ज्यादा संभावना नहीं है। यह डील अगले साल की शुरुआत में समाप्त हो रहा है। अधिकारी ने कहा कि बीजिंग के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए अभी और समय चाहिए।

मामले के जानकार अधिकारी ने कहा कि जापान के हीरोशिमा में इस महीने 19 मई से 21 मई के बीच होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन से पहले कोई भी औपचारिक निर्णय नहीं लिया जाएगा क्योंकि यह एक अत्यधिक संवेदनशील विषय है। प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी के कार्यालय ने भी इस पर किसी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।

2019 में इटली बेहद महत्वाकांक्षी BRI कार्यक्रम में शामिल होने वाला पहला और अब तक का एकमात्र G7 राष्ट्र है। कार्यक्रम के आलोचकों ने कहा था कि इससे चीन को इटली के संवेदनशील प्रौद्योगिकियों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर नियंत्रण हासिल करने में कामयाब हो जाएगा।

हालांकि, तत्कालीन प्रधान मंत्री ग्यूसेप कोंटे ने उम्मीद जताई थी कि यह सौदा इटली की खराब अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा, लेकिन पिछले चार वर्षों में इटली को इसका बहुत कम लाभ हुआ है। 2019 में 13 बिलियन यूरो के मुकाबले पिछले साल चीन को कुल 16.4 बिलियन यूरो (18.1 बिलियन डॉलर) का निर्यात ही हो सका है। इसके विपरीत, इटली के आंकड़ों के मुताबिक, इसी अवधि में इटली में चीन से होने वाला आयात 31.7 अरब से बढ़कर 57.5 अरब हो गया है।

इटली के अधिकारियों का कहना है कि रोम इसी आर्थिक विकास की कमी का तर्क चीनी प्रोजेक्ट के रिन्यू नहीं करने का बड़ा करण है। बता दें कि चीन की यह परियोजना दुनिया के 60 से अधिक देशों को सड़क, रेल और समुद्री रास्ते से जोड़ने के लिए बनाई गई है। चीन के मुताबिक उनकी इस परियोजना से दुनिया के अलग-अलग देश एक दूसरे के नज़दीक आएंगे। इससे आर्थिक सहयोग के साथ-साथ आपसी संपर्क को भी बढ़ावा मिल सकेगा।

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