मर्जी या मजबूरी? कैसे बदल गई कश्मीर राग अलापने वाली लेबर पार्टी; कीर स्टारमर ने दिए बड़े संकेत
भारत के साथ संबंधों पर कीर स्टारमर का बड़ा संकेत दिया है। उन्होंने साफ कहा कि वह भारत के साथ नई रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाएंगे जिसमें फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भी शामिल होगा।
ब्रिटेन के आम चुनाव में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने अपनी हार स्वीकार कर ली है। उन्होंने लेबर पार्टी के कीर स्टारमर को बधाई भी दे दी है। जानकारी के मुताबिक 650 सीटों वाले यूके में लेबर पार्टी बहुमत की तरफ बढ़ चली है। ब्रिटेन में सत्ता परिवर्तन के दौर में सबसे बड़ा सवाल है कि नई सरकार भारत और भारत के साथ संबंध कैसे होंगे। दरअसल लेबर पार्टी का इतिहास भारत के साथ संबंधों को लेकर बहुत अच्छा नहीं रहा है। लेबर पार्टी की सत्ता के दौरान कई बार कश्मीर का मुद्दा भी सामने आया था। हालांकि कीर स्टारमर ने साफ कह दिया है कि यह लेबर पार्टी का बदला हुआ रूप है। यहां तक कि उन्होंने अपने घोषणापत्र में भी भारत के साथ संबंधों के वादे को प्रमुखता से शामिल किया था।
लेबर पार्टी ने अपने घोषणापत्र में भी कहा था कि वह भारत के साथ नए रणनीतिक संबंधों के साथ आगे बढ़ेगी। इसके अलावा दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता (FTA) जारी रहेगा। बता दें कि 61 साल के कीर स्टारमर कानूनी पेशे से जुड़े रहे हैं। साल 2019 के आम चुनाव में लेबर पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था। हालांकि इस बार पार्टी की किस्मत बदलने का श्रेय स्टारमर को ही दिया जा रहा है।
कीर स्टारमर ने ब्रिटेन में भारतीय प्रवासियों को भी प्रभावित करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि यह बदली हुई लेबर पार्टी है। बता दें कि कश्मीर पर लेबर पार्टी के रुख के बाद 2019 में उसे काफी नुकसान उठाना पड़ा था। लेबर पार्टी के प्रति ब्रिटेन में रहने वाले भारतीयों का आक्रोश भी सामने आया था। ऐसे में इस चुनाव में कीर स्टारमर ने बेहद फूंक-फूंककर कदम रखा है और भारतीयों के पक्ष में ही बातें की हैं। उन्होंने कहा, मेरी लेबर पार्टी लोकतांत्रिक मूल्यों से समझौता नहीं करेगी और इस आधार पर भारत के साथ अच्छे संबंध स्थापित करेगी। इसके अलावा वह फ्री ट्रेड एक्रीमेंट को भी अपने रणनीतिक संबंधों में शामिल करेंगे। वैश्विक सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक सुरक्षा को लेकर वह नई रणनीतिक साझेदारी चाहते हैं।
हिंदूफोबिया पर क्या बोले थे स्टारमर
चुनाव प्रचार के दौरान स्टारमर लंदन के किंग्सबरी में स्वामिनारायण मंदिर भी पहुंचे थे। उन्होंने ब्रिटेन में रहने वाले हिंदुओं का विश्वास जीतने की कोशिश की। उन्होंने कहा था, ब्रिटेन में हिंदूफोबिया के लिए कोई जगह नहीं है। बता दें कि लेबर पार्टी को समझ में आ गया था कि सत्ता में आने के लिए ब्रिटेन में हिंदू और भारतीयों को पक्ष में लेना जरूरी है। ऐसे में कई सालों से वह होली और दिवाली के मौके पर इस बात को दोहराते रहे हैं।
क्या होगी विदेश नीति
बताया जाता है कि कीर स्टारमर ने खुद को पिछली पार्टी लाइन से अलग कर लिया है। विदेश नीति की बात करें तो स्टारमर रूस के साथ चल रहे संघर्ष मे यूक्रेन का समर्थन जारी रख सकते हैं। हालांकि इजरायल और गाजा के मामले में कुछ बदलाव देखा जा सकती है। लेबर पार्टी चाहती है कि इजरायल को होने वाली हथियारों की सप्लाई रोक दी जाए। वहीं अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को देखते हुए लेबर पार्टी इस बार बीजिंग से दूरी बनाने की कोशिश कर सकती है। माना जाता है कि अगर अमेरिका में ट्रंप की वापसी हो जाती है तो वह अपने सहयोगियों से चीन के प्रति कड़ा रवैया अपनाने की उम्मीद करेंगे।
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