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इस अरब देश में नौकरी पर जा रहे हैं? जरूर पढ़ लें ये खबर, भारतीयों के लिए चेतावनी

रिपोर्ट के मुताबिक, एडवाइजरी में इस बात पर जोर दिया गया है कि 'कन्ज्यूमर ऑर्डर,' 'कंज्यूमर गुड्स,' या 'डिलीवरी ऑफ ऑर्डर' जैसे टाइटल वाली कोई भी जॉब वैकेंसी पर आंख मूंदकर भरोसा न करें।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, कुवैतSat, 9 Dec 2023 05:26 PM
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इस अरब देश में नौकरी पर जा रहे हैं? जरूर पढ़ लें ये खबर, भारतीयों के लिए चेतावनी

भारी कमाई के लालच में लाखों भारतीय नागरिक अरब देशों में नौकरी के लिए जाते हैं। इनमें से कई लोगों के साथ अक्सर ठगी की खबरें आती रहती हैं। इसी क्रम में भारतीय दूतावास ने लोगों को चेतावनी जारी है। कुवैत स्थित भारतीय दूतावास ने उन भारतीयों के लिए एक खास एडवाइजरी जारी की है, जो रोजगार वीजा पर 'रेस्तरां ड्राइवर' के रूप में काम करने के लिए कुवैत आ रहे हैं। ये लोग जैसे ही कुवैत में लैंड करते हैं वैसे ही उन्हें 'डिलीवरी ड्राइवर' या 'फूड प्लेटफॉर्म के लिए राइडर्स' के रूप में तैनात कर दिया जाता है। अब भारतीय दूतावास ने अपनी एडवाइजरी में कहा है कि इस तरह की नौकरी में कई जाल बिछे होते हैं जिनके बारे में लोगों को यहां पहुंचने से पहले पता होना चाहिए। 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एडवाइजरी में इस बात पर जोर दिया गया है कि 'कन्ज्यूमर ऑर्डर,' 'कंज्यूमर गुड्स,' या 'डिलीवरी ऑफ ऑर्डर' जैसे टाइटल वाली कोई भी जॉब वैकेंसी पर आंख मूंदकर भरोसा न करें। इस तरह की नौकरी कुछ और नहीं बल्कि 'फूड डिलीवरी एग्रीगेटर्स' ही हैं। यानी आपसे दोपहिया (साइकिल) या बाइक का इस्तेमाल करके फूड डिलीवरी करवाई जाएगी। जॉब प्रोफाइल के बारे में विस्तार से बताते हुए, एडवाइजरी में कहा गया है कि जब कोई डिलीवरी एजेंट के रूप में साइन अप करता है, तो उनमें से ज्यादातर लोगों को दोपहिया वाहनों या बाइक का इस्तेमाल करके ऑर्डर डिलीवर करना होता है। यहां तक कि चिलचिलाती गर्मी के दौरान भी उनसे ये काम करवाया जाता है।"

डिलीवरी ड्राइवरों को लघु-से-मध्यम उद्यम (एसएमई) वीजा प्रदान किया जाता है। यह वीजा कर्मचारी को तीन साल तक एक ही नियोक्ता के लिए काम करने के लिए बाध्य करता है। सीधे शब्दों में कहें तो आप तीन साल तक केवल एक ही कंपनी के लिए काम कर सकेंगे और बीच में आप अपनी मर्जी से नौकरी नहीं बदल सकते। तीन वर्षों के दौरान वीजा रिलीज करने या ट्रांसफर करने का भी कोई प्रावधान नहीं है। जिसका मतलब है कि प्रवासी अपने वर्क परमिट को अन्य कंपनियों को ट्रांसफर नहीं कर सकता है। तीन साल के बाद, श्रमिक किसी अन्य एसएमई कंपनी के पास ट्रांसफर हो सकते हैं या भारत लौट सकते हैं।

जब वेतन की बात आती है, तो यह आमतौर पर डिलीवरी टारगेट के साथ-साथ कमीशन-बेस्ड होती है। इसके अलावा, डिलीवर किए गए ऑर्डर की दूरी पर भी आपकी सैलरी निर्भर करती है। कोई निश्चित मंथली इनकम नहीं है। इस बारे में कुछ नौकरी एजेंटों द्वारा गलत वादा किया जाता। वर्ष के कुछ महीनों के दौरान कुवैत में मौसम की स्थिति कठोर (अत्यधिक गर्मी और धूल भरी आंधी) होती है।

ऐसे जाल से बचने के संबंध में, कुवैत में भारतीय दूतावास के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि डिलीवरी राइडर्स के रूप में भर्ती किए गए इन सभी प्रवासियों को अपने हितों की रक्षा के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित दूतावास-सत्यापित रोजगार अनुबंधों पर जोर देना चाहिए। अनुबंध के मुताबिक, डिलीवरी राइडर्स के लिए कुवैत के श्रम कानूनों के अनुसार 120 कुवैती दीनार (32,000 रुपये) के न्यूनतम वेतन का प्रावधान है। दूतावास के माध्यम से रोजगार अनुबंध सत्यापन के लाभों में बीमा कवरेज और प्रवासी भारतीय बीमा योजना (पीबीबीवाई) का अतिरिक्त बीमा लाभ शामिल है। उन्होंने कहा, "यह मुद्दा कुवैती और भारतीय अधिकारियों के लिए पहले से ही चिंता का विषय है। नौकरी के ये ऑफर प्रस्ताव जांच के दायरे में हैं।"

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