G7 समिट के दौरान नेताओं ने जर्मन चांसलर के लिए गाया हैप्पी बर्थडे सॉन्ग
इटली में G7 समिट के दौरान दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्यस्थाओं के प्रमुख इकठ्ठा हुए। इस बीच जर्मन चांसलर ओलफ़ स्कोल्ज़ के जन्मदिन के मौके पर सभी नेताओं ने उनके लिए हैप्पी बर्थडे सॉन्ग गाया।
इटली में बीते 13 और 14 जून को G7 समिट का आयोजन किया गया। इस दौरान दुनिया के प्रमुख देशों के नेताओं का जमावड़ा लगा। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के आमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस समारोह में हिस्सा लेने के लिए यहां पहुंचे थे। इस बीच एक दिलचस्प वाकया भी हुआ। दरअसल जर्मनी के चांसलर ओलफ़ स्कोल्ज़ शुक्रवार को अपना जन्मदिन मना रहे थे। समिट के दौरान एकत्रित हुए नेताओं ने जर्मन चांसलर को गाना गाकर जन्मदिन की बधाई दी। नेताओं ने ओलाफ स्कोल्ज़ के लिए "हैप्पी बर्थडे" गाया गया।
वैश्विक चुनौतियों पर गंभीर वार्ता के एक दिन पहले यह हल्का-फुल्का माहौल देखने को मिला। इन सब के बीच माहौल और दिलचस्प तब हो गया जब राष्ट्रपति जो बाइडेन और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों सहित नेताओं को अपने गायकी में सामंजस्य बिठाने में मशक्कत करनी पड़ी। मौके पर जॉर्जिया मेलोनी के अलावा ऋषि सुनक, जस्टिन टुड्रो भी मौजूद थे। दुनिया की विकसित अर्थव्यवस्थाओं के इस शिखर सम्मेलन में यूक्रेन के अलावा अंतरराष्ट्रीय मामलों में चीन की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया गया।
नेताओं ने एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा से लेकर निष्पक्ष व्यापार नीतियों के मुद्दों पर चर्चा की गई। खास तौर पर यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के दौरान रूस को चीन के कथित समर्थन के बारे में बातचीत की गई। जापान और अमेरिका सहित G7 देशों ने वैश्विक बाजारों को प्रभावित करने वाली आर्थिक नीतियों सहित कई मोर्चों पर चीन का सामना करने में एकजुटता की बात की गई। कई ब्रिटिश अखबारों के अनुसार, शिखर सम्मेलन के दौरान तनाव की स्थिति तब बनी जब फ्रांस और अमेरिका ने इटली के संवेदनशील मुद्दों से निपटने के तरीके की आलोचना की, खास तौर पर अंतिम शिखर सम्मेलन के वक्तव्य में गर्भपात के अधिकारों के संदर्भ को कम करने के प्रयासों की।
चुनावों में ऐतिहासिक जीत लोकतंत्र की जीत: मोदी
शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में अपने संबोधन में हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों की बात की और कहा कि भारत के लोगों ने चुनावों में ऐतिहासिक जीत के रूप में जो “आशीर्वाद” दिया है, वह “लोकतंत्र की जीत” है। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि विश्व को समावेशी समाज की नींव रखने और सामाजिक असमानताओं को खत्म करने में मदद करने के लिए टेक्नोलॉजी में मोनोपॉली को खत्म करने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को पारदर्शी, निष्पक्ष, सुरक्षित, सुलभ और जिम्मेदार बनाने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करेगा।
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