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हिंसा से जल रहे फ्रांस में आपातकाल की नौबत? प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बॉर्न ने दिया ऐसा जवाब

फ्रांस में बीते कुछ दिनों से हालात खराब हैं। इसको लेकर वहां की सरकार भी चिंतित है। फ्रांसीसी प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बॉर्न ने शुक्रवार को कहा कि देश में कानून व्यवस्था के लिए सरकार जरूरी कदम उठाएगी।

Deepak लाइव हिंदुस्तान, पेरिसFri, 30 June 2023 01:57 PM
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फ्रांस में बीते कुछ दिनों से हालात खराब हैं। इसको लेकर वहां की सरकार भी चिंतित है। फ्रांसीसी प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बॉर्न ने शुक्रवार को कहा कि देश में कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए सरकार सभी जरूरी कदम उठाएगी। गौरतलब है कि मंगलवार को यातायात जांच के दौरान 17 वर्षीय नाहेल की हत्या का वीडियो भी सामने आया है। इस घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया है और लोग काफी आक्रोशित हैं। इस घटना के बाद फ्रांस में हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़क उठे और जगह-जगह आगजनी की घटनाएं हुईं तथा विरोध प्रदर्शन तीसरी रात भी रहा।

रिपोर्टर्स ने पूछा सवाल
फ्रांसीसी प्रधानमंत्री से रिपोर्टर्स ने पूछा था कि क्या देश में इमरजेंसी लगाने की नौबत आ गई है? गौरतलब है कि यहां पर कुछ राइट-विंग विपक्षी दल इसकी मांग कर रहे हैं। इसके जवाब में प्रधानमंत्री बॉर्न ने कहा कि मैं आपको अभी नहीं बताऊंगी, लेकिन हम सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। फिलहाल हमारी प्राथमिकता पूरे देश में व्यवस्था बहाल करना है। प्रधानमंत्री पेरिस के दक्षिण में एवरी-कोरकोरोनेस में एक पुलिस थाने का दौरा कर रही थीं। इसके बाद वह राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की अध्यक्षता में एक संकट सुरक्षा बैठक में हिस्सा लिया।

इमरजेंसी लागू हुई तो होगा ऐसा
इमरजेंसी की हालत में अधिकारियों को अधिक शक्तियां मिल जाएंगी। इसके तहत वह पुलिस को स्थानीय कर्फ्यू घोषित करने, प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाने और संदिग्ध दंगाइयों को रोकने और घरों की तलाशी लेने के संबंध में अधिक शक्तियां दे सकेंगे। उधर फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने यूरोपीय संघ के शिखर सम्मेलन के लिए ब्रसेल्स की अपनी यात्रा बीच में ही समाप्त कर दी थी। उनके एक सहयोगी ने बिना अधिक कड़ाई के सुरक्षा के नए उपाय अपनाने की सलाह दी थी। हालांकि कैबिनेट के कुछ मंत्री आपातकाल को लेकर सहमत नहीं हैं। 

2005 में लग चुकी है इमरजेंसी
गौरतलब है कि 2005 में राष्ट्रव्यापी शहरी दंगों के दौरान, उस समय दक्षिणपंथी सरकार ने लगभग दो सप्ताह के संघर्ष के बाद आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी थी। वहीं, पहली बार 1950 के दशक के बाद से मुख्य भूमि फ्रांस में इस उपाय का उपयोग किया गया था। धुर दक्षिणपंथी नेशनल रैली के प्रवक्ता सेबेस्टियन चेनू ने शुक्रवार को एलसीआई टेलीविजन से कहा कि हम शुरू में कर्फ्यू का आह्वान कर रहे हैं। फिर पूर्ण आपातकाल लागू करने और देश में कानून एवं व्यवस्था की सभी ताकतों को एकजुट करने के लिए कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें बेहद सख्त होने की जरूरत है।

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