पहले इजरायल ने तोड़ी कमर, अब बड़ी ताकतें आ रहीं साथ; मिट जाएगा हमास का नामोनिशान?
मैक्रों ने कहा कि फ्रांस-इजरायल आतंकवाद को साझा दुश्मन के तौर पर देखते हैं। हालांकि, उन्होंने बहुत ज्यादा जानकारी नहीं दी कि अमेरिका के नेतृत्व वाले दर्जनों देशों का गठबंधन कैसे इसमें शामिल होगा।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ने वाले अंतरराष्ट्रीय गठबंधन का दायरा बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने गाजा में फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के खिलाफ लड़ाई को भी इसमें शामिल करने की मांग रखी। मैक्रों ने मंगलवार को येरुशलम में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने जोर देकर कहा कि फ्रांस और इजरायल आतंकवाद को अपने साझा दुश्मन के तौर पर देखते हैं। हालांकि, उन्होंने इसे लेकर बहुत ज्यादा जानकारी नहीं दी कि अमेरिका के नेतृत्व वाले दर्जनों देशों का गठबंधन कैसे इसमें शामिल होगा।
इमैनुएल मैक्रों ने इजरायल को अकेला नहीं छोड़ने का वादा किया। इस्लामिक स्टेट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'फ्रांस दाएश के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के लिए तैयार है जिसमें हम इराक और सीरिया के साथ हमास के खिलाफ भी लड़ाई में भाग लेंगे।' मैक्रों ने क्षेत्रीय संघर्ष के खतरों के प्रति भी आगाह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमास के खिलाफ लड़ाई में दया नहीं होनी चाहिए। हालांकि, नियमों के बिना नहीं। मालूम हो कि 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमले के दौरान हमास आतंकियों ने 30 फ्रांसीसी नागरिकों की हत्या की। राष्ट्रपति ने तेल अवीव हवाई अड्डे पर फ्रांसीसी पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि 9 फ्रांसीसी बंधकों को मुक्त कराना फ्रांस के लिए पहली प्राथमिकता है।
इजरायल ने गाजा पर फिर तेज कर दिए हमले
ऐसे में अगर हमास के खिलाफ दुनिया के बड़े प्लेयर (अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन) साथ आते हैं तो उसके लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इजरायल ने पहले ही गाजा पट्टी पर लगातार हमले करके हमास की एक तरह से कमर तोड़ दी है। इजरायली सेना ने चरमपंथी संगठन के ठिकानों को निशाना बनाकर एक बार फिर हमले तेज कर दिए हैं। इजरायल की ओर से हमास के चरमपंथियों के खिलाफ जल्द ही जमीनी स्तर पर कार्रवाई शुरू किए जाने का अनुमान है। अमेरिका ने आशंका जताई कि इससे क्षेत्र में तनाव काफी बढ़ सकता है और अमेरिकी सैनिकों पर भी हमले हो सकते हैं। गाजा में इजरायल के हमलों में अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है।
गाजा पट्टी से 100 फ्रांसीसी नागरिकों को निकालने की तैयारी
वहीं, फ्रांस गाजा पट्टी में रहने वाले अपने 100 से ज्यादा नागरिकों को निकालने की भी योजना बना रहा है। फ्रांसीसी विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, 'हम गाजा पट्टी में रहने वाले फ्रांसीसी परिवारों के संपर्क में हैं। हमारे करीब 100 नागरिक और उनका परिवार वहां पर हैं। हम यह सुनश्चिति करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं कि वे इस बमबारी वाले खतरनाक क्षेत्र से दूर जा सकें। हम उन्हें वहां से निकालने में मदद करने के लिए तत्पर हैं।' मंत्री ने कहा कि गाजा पट्टी के लिए मानवीय गलियारा खोलने की खातिर संघर्ष विराम समझौता जरूरी है। इजरायल को अपनी रक्षा करने का अधिकार होने के बावजूद नागरिकों की सुरक्षा सहित अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करने के लिए बाध्य है।
'गाजा के अस्पताल में विस्फोट के लिए फिलिस्तीनी रॉकेट जिम्मेदार'
फ्रांस की सेना की खुफिया रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि गाजा शहर के अल-अहली अस्पताल में भीषण विस्फोट का सबसे संभावित कारण फिलिस्तीनी रॉकेट था, जो लगभग 5 किलोग्राम का विस्फोटक ले जा रहा था। फ्रांस की सेना के एक सीनियर अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी चरमपंथी समूह हमास के शस्त्रागार में मौजूद कई रॉकेटों में लगभग इतने ही वजन के विस्फोटक होते हैं, जिनमें एक ईरान निर्मित रॉकेट और दूसरा फिलिस्तीन निर्मित रॉकेट शामिल है। अधिकारी ने कहा कि उनकी किसी भी खुफिया जानकारी ने इस घटना में इजरायली हमले की ओर इशारा नहीं किया। यह विश्लेषण गोपनीय जानकारी, उपग्रह तस्वीरों, अन्य देशों की ओर साझा की गई खुफिया सूचना और ओपन-सोर्स जानकारी पर आधारित है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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