Hindi Newsविदेश न्यूज़Do not worry Rishi Sunak Ryanair Airline trolls UK PM post viral

चिंता मत कीजिए ऋषि सुनक, हमारे पास आपके लिए सीट है; हार पर एयरलाइंस ने उड़ाया मजाक

Rishi Sunak: ब्रिटेन के चुनाव में ऋषि सुनक को करारी हार का सामना करना पड़ा है। इसके बाद सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जा रहा है। रेयानेयर एयरलाइंस ने सुनक को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है।

Deepak लाइव हिन्दुस्तान, लंदनFri, 5 July 2024 11:09 AM
share Share

Rishi Sunak: ब्रिटेन के चुनाव में ऋषि सुनक को करारी हार का सामना करना पड़ा है। इसके बाद सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जाने लगा है। रेयानेयर एयरलाइंस ने सुनक को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। ब्रिटेन में लेबर पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की है और कीर स्टारमर अगले प्रधानमंत्री बनने वाले हैं। लेबर पार्टी ने 650 में से 326 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल कर ली है। वहीं, ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को मात्र 70 सीटें मिली हैं। सुनक की पार्टी पिछले 14 साल से सत्ता में थी। वह जबर्दस्त एंटी इंकम्बैंसी के अलावा बढ़ती महंगाई जैसे मुद्दों से भी जूझ रहे थे। इसके अलावा कंजर्वेटिव पार्टी में अंदरूनी मतभेद भी काफी ज्यादा थे। ब्रेग्जिट वोट 2016 के बाद पार्टी पांच प्रधानमंत्री बदल चुकी थी।

सोशल मीडिया पर वायरल
संसद में सीट गंवाने के बाद सोशल मीडिया पर सुनक का मजाक उड़ रहा है। कम कीमत पर वाली फ्लाइट उपलब्ध कराने वाली रेयानेयर एयरलाइंस ने उन्हें अपनी फ्लाइट में सीट ऑफर की है। सोशल मीडिया पर अपनी मजाकिया पोस्ट्स के लिए जानी जाने वाली एयरलाइंस कंपनी ने एक्स पर यह पोस्ट लिखी है। इसमें उसने लिखा है कि भले ही सुनक हार गए हैं, लेकिन हमारी फ्लाइट में उनके लिए सीट सुरक्षित है। यह पोस्ट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। खबर लिखे जाने तक इस पोस्ट को 2.6 मिलियन लोगों ने देखा था। वहीं, बड़ी संख्या में लोगों ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। एक शख्स ने लिखा है कि बरसों बाद वाकई कोई मजाकिया विज्ञापन देखा।

समय से पहले कराए थे चुनाव
गौरतलब है कि ऋषि सुनक ने समय से पूर्व चुनाव करवाकर सभी को हैरान कर दिया। चुनाव पूर्व जनमत सर्वेक्षणों ने मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी को कंजर्वेटिव पार्टी पर 20 अंकों की बढ़त दी, जो 14 वर्षों से सत्ता में है। प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सरकार में ब्रिटेन की मुद्रास्फीति दर 2022 में चार दशक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, जिससे जनता को परेशानी का सामना करना पड़ा है। अप्रैल में एक आधिकारिक सर्वेक्षण के अनुसार, हाल के महीनों में मुद्रास्फीति में गिरावट के बावजूद, किराने का सामान, ऊर्जा और किराए जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिये आम लोगों की प्राथमिक चिंता का विषय बनी हुयी हैं। लिवरपूल विश्वविद्यालय में राजनीति के प्रोफेसर स्टुअर्ट विल्क्स-हीग ने मीडिया को बताया कि आम राय यह है कि सरकार में अपने 14 वर्षों के दौरान इन मुद्दों से निपटने में कंजरवेटिव का रिकॉर्ड ‘भयानक’ रहा है। 

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें