Hindi Newsविदेश न्यूज़Big Relief to 8 Indians lodged in Qatar Reduced To Jail Term Sources said what will be future now - International news in Hindi

कतर में बंद 8 भारतीयों को बड़ी राहत, फांसी की सजा से बच गए; अब क्या होगा भविष्य

Qatar : कतर की जेल में बंद आठ भारतीयों को बड़ी राहत मिली है। उनकी फांसी की सजा पर रोक लगा दी गई है। ये सभी भारतीय नौ सेना के अधिकारी रह चुके हैं और कंपनी ओमान के एक उद्योगपति की है। कतर की पुलिस ने

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 28 Dec 2023 04:49 PM
share Share

कतर की जेल में बंद आठ भारतीयों को बड़ी राहत मिली है। उनकी फांसी की सजा पर रोक लगा दी गई है।कतर में दहरा ग्लोबल मामले में फैसले पर विदेश मंत्रालय की और से इसकी जानकारी दी गई है। मामले से परिचित लोगों ने बताया कि कतर की एक अदालत ने गुरुवार को इस साल की शुरुआत में आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को दी गई मौत की सजा को कम कर दिया और उन्हें अलग-अलग अवधि के लिए जेल की सजा सुनाई है।

कतर की अपील अदालत का फैसला उन आठ लोगों के परिवारों की अपील की सुनवाई के दौरान आया, जिन्हें अगस्त 2022 में अघोषित आरोपों पर हिरासत में लिया गया था। रिपोर्टों से पता चला है कि उन पर जासूसी का आरोप लगाया गया था, हालांकि कतर और भारतीय अधिकारियों ने उनके खिलाफ आरोपों का विवरण उपलब्ध नहीं कराया है।

विदेश मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि कतर की अपील अदालत ने आठ लोगों - कैप्टन नवतेज गिल और सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, अमित नागपाल, एसके गुप्ता, बीके वर्मा और सुगुनाकर पकाला नाविक रागेश को दी गई सजा को "कम" कर दिया है। - लेकिन कोई विवरण नहीं दिया गया। बयान में कहा गया, ''विस्तृत फैसले का इंतजार है।''

 विदेश मंत्रालय ने कहा है, "हमने दहरा ग्लोबल मामले में कतर की अपील अदालत के आज के फैसले पर गौर किया है, जिसमें सजाएं कम कर दी गई हैं। विस्तृत फैसले का अभी इंतजार है। कतर में हमारे राजदूत और अन्य अधिकारी आज पीड़ित परिवार के सदस्यों के साथ अपील न्यायालय में उपस्थित थे। हम मामले की शुरुआत से ही उनके साथ खड़े हैं और सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे। हम कतर के अधिकारियों के साथ इस मामले को उठाना जारी रखेंगे।"

विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है, "इस मामले में कार्यवाही की गोपनीय और संवेदनशील प्रकृति के कारण, इस समय कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।" मामले से परिचित एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यह सब एक प्रक्रिया का हिस्सा है और यह जारी रहेगा। भारतीय पक्ष विकल्पों का पता लगाने के लिए कानूनी टीम के साथ काम करेगा, जिसमें पुरुषों को दी गई जेल की सजा के खिलाफ आगे अपील करना भी शामिल है। 

भारतीय नौसेना में अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों की कमान संभालने वाले सम्मानित अधिकारियों सहित आठ लोगों को एक साल से अधिक समय तक हिरासत में रखने के बाद इसी साल 26 अक्टूबर को कतर की प्रथम दृष्टया अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। उस समय, विदेश मंत्रालय ने फैसले पर "गहरा झटका" व्यक्त किया था और पूर्व नौसैनिकों की मदद के लिए सभी कानूनी विकल्पों पर विचार करने का वादा किया था।

कतर की अपील अदालत ने 23 नवंबर, 30 नवंबर और 7 दिसंबर को तीन सुनवाई की थी। भारतीय राजदूत को 3 दिसंबर को आठ लोगों से मिलने के लिए कांसुलर पहुंच प्रदान की गई थी। इससे पहले, कतर की जेल में बंद आठों भारतीयों के परिवारों ने कतर के अमीर से उन्हें माफ करने के लिए याचिका दायर की थी। अमीर आमतौर पर 18 दिसंबर को कतर के राष्ट्रीय दिवस और ईद त्योहारों के दौरान कैदियों को माफ कर देते हैं।

जिन आठ भारतीयों को कतर की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी, वे सभी वहां की 'अल-जाहिरा अल-आलमी कन्सलटेन्सी एंड सर्विसेज' नामक कंपनी में काम करते थे। ये सभी भारतीय नौ सेना के अधिकारी रह चुके हैं। इन पर जासूसी करने के आरोप थे। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इन आठों भारतीयों को अब फांसी की जगह उम्र कैद की सजा दी जाएगी। वैसे अभी अदालत के फैसले का इंतजार किया जा रहा है कि उनकी सजा घटाकर कितने दिनों की जेल की गई है।

ये सभी पूर्व नेवी अफसर पिछले साल अगस्त से कतर की जेल में बंद हैं। कतर ने अभी तक इन पर लगे आरोपों की जानकारी नहीं दी है। इन 8 पूर्व नौसैनिकों में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित कमांडर पूर्णंदू तिवारी (रि.) भी शामिल हैं। इन्हें 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रवासी भारतीय पुरस्कार से सम्मानित किया था।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें