Hindi Newsविदेश न्यूज़At least 17 villagers hacked to death in eastern Congo

कांगो में विद्रोहियों ने कई लोगों के सिर किए कलम, 25 को मौत के घाट उतारा

कांगो के पूर्वी बेनी क्षेत्र में नववर्ष की पूर्व संध्या पर विद्रोहियों के हमले में कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई। स्थानीय अधिकारियों ने शुक्रवार को इस बारे में बताया। बेनी क्षेत्र में गवर्नर के...

Rakesh Kumar एपी, किंशासाSat, 2 Jan 2021 01:35 AM
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कांगो के पूर्वी बेनी क्षेत्र में नववर्ष की पूर्व संध्या पर विद्रोहियों के हमले में कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई। स्थानीय अधिकारियों ने शुक्रवार को इस बारे में बताया। बेनी क्षेत्र में गवर्नर के प्रतिनिधि सबिति निजामोजा ने बताया कि तिंगवे गांव में किसान अपने खेतों में काम कर रहे थे उसी दौरान अलाइड डेमोक्रेटिक फोर्स (एडीएफ) के विद्रोहियों ने यह हमला किया। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने कुछ शव झाड़ियों से बरामद किए।

स्थानीय नागरिक संस्था के प्रतिनिधि ब्रावो मुहिंदो ने 25 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की और कहा कि कई लोगों के सिर कलम कर दिए गए थे। कुछ लोगों को अगवा भी किया गया। एडीएफ के हमले की आशंका के चलते बेनी और आसपास के गांवों के निवासी सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे थे।

इस्लामिक स्टेट समूह ने दावा किया है कि कुछ हमलों में एडीएफ के लड़ाकों की भूमिका थी। कांगो की सेना ने पिछले साल विद्रोहियों के खिलाफ अभियान शुरू किया था और उसके बाद से कई विद्रोहियों ने पूर्वी कांगो में पनाह ली थी। पूर्वी कांगो खनिज संपन्न क्षेत्र है, जहां कई सशस्त्र समूहों के बीच दबदबा बनाने को लेकर लड़ाई चलती रहती है।

इथियोपिया: सशस्त्र हमले में 75 की मौत, दो सौ जख्मी
दूसरी ओर, इथियोपियाई सुरक्षा बलों ने एक लोकप्रिय गायक की हत्या के बाद जून और जुलाई में 75 से अधिक लोगों को मौत के घाट उतार दिया। वहीं, सशस्त्र हमले में लगभग 200 लोग जख्मी हो गए। 30 से अधिक अन्य लोगों को हमलावरों द्वारा प्रताड़ित किया गया। उन्हें जमीन पर गिराकर घसीटा गया। इथियोपिया के मानवाधिकार आयोग द्वारा शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी मिली। इसके मुताबिक जातीय हाल ही के कुछ वर्षों में हिंसा का भयानक दृश्य देखने को मिला। नागरिकों के खिलाफ व्यापक और व्यवस्थित रूप से किए गए ये हमले मानवता के खिलाफ अपराध की ओर इशारा करते हैं।

इथियोपिया में जातीय हिंसा से निपटना नोबेल शांति पुरस्कार विजेता प्रधानमंत्री अबी अहमद के लिए एक बड़ी चुनौती है, जिन्होंने अफ्रीका के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश में 80 से अधिक जातीय समूहों के बीच राष्ट्रीय एकता का आग्रह किया है। 2018 में प्रधानमंत्री अबी अहमद सत्ता में आए थे। उसके बाद से हिंसा का दौर लगातार जारी है। बताया जाता है कि क्षेत्र में लगातार हालात खराब हो रहे हैं और मानवाधिकारों को रौंदा जा रहा है। हाल के दिनों में हमलों में काफी तेजी देखी गई है। आतंकियों या विद्रोहियों के हमलों की दहशत के चलते क्षेत्र में अशांति पैदा हो गई है।

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