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5 घंटे तक बहता रहा खून, नहीं पहुंच सकी एम्बुलेंस; इजरायली हमले में अल जजीरा के पत्रकार की मौत

अल जजीरा की ओर से बताया गया कि एक एम्बुलेंस ने कैमरामैन को निकालने के लिए स्कूल तक पहुंचने की कोशिश की, मगर उसे वापस लौटना पड़ा क्योंकि हमले में टूटे घरों के मलबे से सड़क पर पड़े थे।

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तान, यरुशलमSat, 16 Dec 2023 08:44 AM
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5 घंटे तक बहता रहा खून, नहीं पहुंच सकी एम्बुलेंस; इजरायली हमले में अल जजीरा के पत्रकार की मौत

इजरायल के हमले में अल जजीरा के फिलिस्तीनी कैमरामैन समीर अबू दक्का की मौत हो गई है। टीवी नेटवर्क की ओर से गाजा में उसका प्रमुख संवाददाता वाएल दहदौह घायल हो गया है। ये दोनों गाजा के दक्षिण में एक स्कूल के पास शुक्रवार को रिपोर्टिंग करने गए थे। दरअसल, खान यूनिस स्थित फरहाना स्कूल पर सुबह में इजरायल की ओर से ड्रोन दागा गया था। अबू दक्का और दहदौह खबर के सिलसिले में यहां पहुंचे थे। टीवी नेटवर्क के मुताबिक, जब वे घटनास्थल से रिपोर्ट कर रहे थे, तभी इजरायली ड्रोन ने स्कूल पर दूसरा हमला कर दिया।

वाएल दहदौह के हाथ और कंधे में गंभीर चोटें लगी हैं। अस्पताल के बिस्तर से उन्होंने अल जजीरा को बताया कि उनके शरीर से खून बह रहा था मगर वो स्कूल से भागने में सफल रहे। इस दौरान एम्बुलेंस कर्मचारी मिल गए जिन्होंने उन्हें हॉस्पिटल पहुंचाया। दाहदौह ने कहा, 'मैंने एम्बुलेंस टीम से कहा कि अबू दक्का की तलाश की जाए। इस पर उन्होंने मुझसे कहा कि यह बहुत जोखिम भरा है मगर यह वादा किया कि उसके लिए एक और एम्बुलेंस आएगी।' रिपोर्टर ने कहा कि आखिरी बार जब मैंने अबू दक्का को देखा तब वो लहूलुहान होकर जमीन पर गिरा था। वह मदद के लिए जोर-जोर से पुकार रहा था।

मलबे से रास्ता बंद था, नहीं जा की एम्बुलेंस 
अल जजीरा की ओर से बताया गया कि एक एम्बुलेंस ने कैमरामैन को निकालने के लिए स्कूल तक पहुंचने की कोशिश की, मगर उसे वापस लौटना पड़ा क्योंकि टूटे घरों के मलबे से सड़क पर पड़े थे। ऐसे में वहां से आगे बढ़ना ही संभव नहीं था। टीवी नेटवर्क के बयान में कहा गया, 'अबू दक्का के शरीर से कई घंटों तक खून बहता रहा। नागरिक सुरक्षा दल जब तक उसके पास पहुंचा तब तक वह दम तोड़ चुका था।' वहीं, दाहदौह ने बताया कि नेटवर्क का दल बमबारी के बाद उसे निकालने के मिशन पर नागरिक सुरक्षा बचावकर्मियों के साथ था। हमने विनाशकारी दृश्यों को कैद किया है। हम उन जगहों पर पहुंचे जहां इजरायली जमीनी ऑपरेशन शुरू होने के बाद से कोई भी कैमरा लेंस नहीं पहुंच पाया था।'

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