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बढ़ेंगी शेख हसीना की मुश्किलें? गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल से मदद मांग सकती हैं बांग्लादेशी एजेंसियां

  • बांग्लादेशी अधिकारियों के मुताबिक एजेंसियां शेख हसीना और उनकी पार्टी के 45 नेताओं को गिरफ्तार करने के लिए इंटरपोल और अन्य इंटरनेशनल एजेंसियों से मदद मांगने पर विचार कर रही हैं।

Upendra Thapak एएनआईThu, 17 Oct 2024 07:05 PM
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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। बांग्लादेशी अधिकारियों के मुताबिक एजेंसियां शेख हसीना और उनकी पार्टी के 45 नेताओं को गिरफ्तार करने के लिए इंटरपोल और अन्य इंटरनेशनल एजेंसियों से मदद मांगने पर विचार कर रही हैं। हसीना पर मानवता के खिलाफ कथित अपराधों के लिए चलाए जा रहे मुकदमे में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।

स्थानीय मीडिया के अनुसार, इस मामले के मुख्य वकील मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने कहा कि हमारी एजेंसियां शेख हसीना की गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल या अन्य तरीकों का इस्तेमाल कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि अगर कानून लागू करने वाली एजेंसियां ​​रिपोर्ट देती हैं कि आरोपी विदेश में हैं, तो हम ट्रिब्यूनल से अनुरोध करेंगे कि वह राज्य को उन्हें वापस लाने का निर्देश दें।

ताजुल ने बताया कि जस्टिस मोहम्मद गुलाम मुर्तजा मजूमदार की अध्यक्षता वाले न्यायाधिकरण ने यह आदेश पारित किया। अभियोजन पक्ष ने इस संबंध में न्यायाधिकरण में दो याचिकाएं दायर की थीं और शेख हसीना और नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि न्यायाधिकरण ने संबंधित नेताओं और शेख हसीना सहित 46 अन्य को 18 नवंबर तक गिरफ्तार कर उनके समक्ष पेश करने का भी निर्देश दिया था।

अब तक हसीना, उनकी अवामी लीग पार्टी और 14 दलों के गठबंधन के अन्य नेताओं, पत्रकारों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के पूर्व शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ न्यायाधिकरण में जबरन गायब करने, हत्या और सामूहिक हत्याओं की 60 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं। इसके अलावा हसीना पर लगभग 200 मामले दर्ज हैं, जिनमें से अधिकतर मामले सामूहिक छात्र विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हत्याओं से संबंधित हैं।

जुलाई-अगस्त के दौरान आरक्षण को लेकर शुरू हुए छात्र आंदोलन की वजह से शेख हसीना को बांग्लादेशी पीएम का पद छोड़कर भारत भागना पड़ा था। इस आंदोलन में बांग्लादेशी सरकार के मुताबिक करीब 600 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। 5 अगस्त को हसीना के भारत भागने के बाद सेना ने कमान संभाली। छात्रों के दवाब में जल्दी ही नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया। 5 अगस्त को भारत आईं शेख हसीना का विमान दिल्ली के पास हिंडन एयरबेस पर उतरा था। फिलहाल वह किसी सुरक्षित स्थान पर हैं। शेख हसीना इससे पहले भी भारत में शरणार्थी के तौर पर करीब 6 साल बिता चुकी हैं।

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