बांग्लादेश में चुनाव नहीं लड़ पाएगी शेख हसीना की पार्टी, बैन की तैयारी; राजनीतिक दल बनेगा जमात-ए-इस्लामी
- 84 वर्षीय मोहम्मद यूनुस ने 8 अगस्त को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में पदभार ग्रहण किया था। इससे पहले, हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद 5 अगस्त को शेख हसीना भारत भाग आईं थीं।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का नेतृत्व कर रहे नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने बर्खास्त प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग और अन्य समान विचारधारा वाले दलों को राजनीतिक भागीदारी से रोकने की योजना बनाई है। बांग्लादेशी मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, अंतरिम सरकार के विशेष सहायक महफूज आलम ने बताया कि शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रशासनिक और कानूनी बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
84 वर्षीय मोहम्मद यूनुस ने 8 अगस्त को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में पदभार ग्रहण किया था। इससे पहले, हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद 5 अगस्त को शेख हसीना भारत भाग आईं थीं। यूनुस के वफादार महफूज आलम ने कहा, “जो लोग पिछले तीन चुनावों में हिस्सा लेकर अवैध तरीके से संसद में पहुंचे और जनता को धोखा दिया, उनकी राजनीतिक भागीदारी पर बाधाएं डाली जाएंगी।”
यूनुस ने 10 राजनीतिक दलों के साथ एक बैठक की है, जिसमें उन्होंने अवामी लीग को आगामी राष्ट्रीय चुनावों में भाग लेने से रोकने की मांग की। जनवरी में हुए चुनावों में हसीना लगातार चौथी बार विजयी रही थीं, जो बांग्लादेश के चुनावी इतिहास में एक रिकॉर्ड था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अवामी लीग के 14 सहयोगी दल इन चर्चाओं में शामिल नहीं थे। जब हसीना की पार्टी पर प्रतिबंध लगाने के बारे में पूछा गया, तो आलम ने कहा, “सरकार यह निर्णय एकतरफा नहीं लेगी,” और विभिन्न राजनीतिक दलों से परामर्श के बाद सर्वसम्मति से फैसला लिया जाएगा।
वहीं, पिछले महीने अवामी लीग के कट्टर प्रतिद्वंद्वी खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और जमात-ए-इस्लामी हैं ने हसीना की पार्टी को प्रतिबंधित करने से इनकार कर दिया था। ढाका उच्च न्यायालय ने 1 सितंबर को अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने और उसका पंजीकरण रद्द करने की मांग वाली याचिका को भी खारिज कर दिया था।
बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने हाल में छात्रों के व्यापक आंदोलन के दौरान मानवता के विरुद्ध कथित अपराध के लिए पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और अवामी लीग के अन्य शीर्ष नेताओं सहित 45 लोगों के खिलाफ बृहस्पतिवार को गिरफ्तारी वारंट जारी किया। स्थानीय मीडिया के अनुसार न्यायाधिकरण ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे हसीना और अन्य को 18 नवंबर तक उसके समक्ष पेश करें। हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट से - तकनीकी रूप से - देश की अंतरिम सरकार द्वारा भारत से उनके प्रत्यर्पण की संभावना बन सकती है, जहां वह पांच अगस्त को भाग गई थीं।
जमात-ए-इस्लामी को फिर से राजनीतिक पार्टी का दर्जा मिलने की संभावना
जहां एक तरफ हसीना की पार्टी पर प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी को राजनीतिक दल का दर्जा दिया जा सकता है। जमात ने अपने रद्द किए गए राजनीतिक पंजीकरण को फिर से प्राप्त करने के लिए अपील की है, जिसे बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय के अपीलीय प्रभाग ने बहाल कर दिया है। चार न्यायाधीशों की पीठ, जिसका नेतृत्व मुख्य न्यायाधीश सैयद रफात अहमद कर रहे थे, उन्होंने यह आदेश मंगलवार को पारित किया। वकीलों का कहना है कि इस निर्णय से जमात को अपनी पंजीकरण और पार्टी के प्रतीक ‘तराजू’ को कानूनी रूप से पुनः प्राप्त करने का रास्ता मिल गया है। जमात ने इससे पहले हाई कोर्ट के 2013 के उस फैसले के खिलाफ अपील की थी, जिसमें उसकी पंजीकरण को अवैध घोषित किया गया था।
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