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शेख हसीना का छात्र संगठन बैन, अवामी लीग पर भी संकट के बादल; चुनाव से बाहर हो जाएगी पार्टी?

  • शेख हसीना को बड़ा झटका देते हुए उनके छात्र संगठन बांग्लादेश छात्र लीग (बीसीएल) पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यूनुस सरकार ने यह फैसला उस छात्र संगठन के हिंसक हमलों में शामिल होने के कारण लिया है।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानThu, 24 Oct 2024 07:48 AM
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बांग्लादेश बदर के बाद शेख हसीना की विचारधारा वाली पार्टियों और संगठन पर बैन लगाने के योजना बनाई जा रही थी। इस योजना को अब बांग्लादेश की अंतरिम यूनुस सरकार ने अमल में लेना शुरू कर दिया है। शेख हसीना को बड़ा झटका देते हुए उनके छात्र संगठन बांग्लादेश छात्र लीग (बीसीएल) पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यूनुस सरकार ने यह फैसला उस छात्र संगठन के हिंसक हमलों में शामिल होने के कारण लिया है। बीसीएल पर इल्जाम है कि शेख हसीना की सरकार के अगस्त में गिरने के बाद हुए छात्र प्रदर्शनों के दौरान इस संगठन ने काफी उत्पात मचाया था।

आतंकी गतिविधियों के चलते बैन हुआ छात्र संगठन

यूनुस सरकार की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया, "बांग्लादेश सरकार ने बांग्लादेश छात्र लीग को आतंकवाद विरोधी कानून के तहत प्रतिबंधित कर दिया है।" समाचार एजेंसी एएफपी ने अपनी रिपोर्ट में इस जानकारी का उल्लेख किया है। सरकार की अधिसूचना के अनुसार, छात्र लीग पर पिछले तीन कार्यकालों के दौरान कई गंभीर आरोप लगे हैं। इनमें हत्या, उत्पीड़न, यातना और अन्य गतिविधियों का उल्लेख किया गया है। शेख हसीना की छात्र लीग सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा मानी गई हैं। अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि 2009 के आतंकवाद विरोधी कानून के प्रावधानों के तहत छात्र लीग पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया गया है।

हसीना की सरकार के खिलाफ जुलाई में शुरू हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शनों ने तब हिंसक रूप ले लिया, जब छात्र लीग के सदस्यों ने विश्वविद्यालय परिसरों में छात्र प्रदर्शनकारियों पर हमला किया। सरकार समर्थक समूहों द्वारा विरोध प्रदर्शनों को रोकने के प्रयासों ने जनता के गुस्से को और भड़काया, जिसके परिणामस्वरूप हसीना की सरकार गिर गई। अधिकारियों के अनुसार, इस हिंसा में 700 से अधिक लोग मारे गए जिनमें से अधिकांश पुलिस और हसीना विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच हुए संघर्षों में मारे गए थे। इस महीने बांग्लादेश की एक अदालत ने हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।

अवामी लीग भी होगी बैन?

बता दें शेख हसीना के अगस्त में देश छोड़कर भागने के बाद भीड़ ने गणभवन (बांग्लादेश प्रधानमंत्री निवास) पर हमला कर दिया था। हसीना अपनी विदाई का भाषण रिकॉर्ड करना चाहती थीं, लेकिन प्रदर्शनकारियों के गणभवन के करीब पहुंचने के चलते सेना ने उन्हें 45 मिनट का समय दिया ताकि वे देश छोड़कर अपनी जान बचा सकें। इसके बाद शेख हसीना ने अपना त्यागपत्र दे दिया था। हसीना की सरकार गिरने के बाद उनके कई सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें पुलिस की कार्रवाई में शामिल होने का आरोपी ठहराया गया है। पूर्व मंत्रियों और वरिष्ठ अवामी लीग के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि उनके द्वारा नियुक्त किए गए न्यायाधीशों और केंद्रीय बैंक के अधिकारियों को भी हटा दिया गया है। अब ऐसा बताया जा रहा है कि बांग्लादेश में शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग और अन्य समान विचारधारा वाले दलों को राजनीतिक भागीदारी से रोकने की योजना बनाई है।

बांग्लादेशी मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, अंतरिम सरकार के विशेष सहायक महफूज आलम ने बताया कि शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रशासनिक और कानूनी बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। 84 वर्षीय मोहम्मद यूनुस ने 8 अगस्त को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में पदभार ग्रहण किया था। इससे पहले, हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद 5 अगस्त को शेख हसीना भारत भाग आईं थीं। यूनुस के वफादार महफूज आलम ने कहा, “जो लोग पिछले तीन चुनावों में हिस्सा लेकर अवैध तरीके से संसद में पहुंचे और जनता को धोखा दिया, उनकी राजनीतिक भागीदारी पर बाधाएं डाली जाएंगी।”

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