Hindi Newsविदेश न्यूज़Russia has decided at highest level to remove Taliban from terrorist list

तालिबान को आतंकवादी संगठनों की लिस्ट से हटाएगा रूस, अमेरिका को भी दी एक नसीहत

  • रूस के विदेश मंत्रालय के मुताबिक रूस में बड़े स्तर पर तालिबान को आतंकवादियों की लिस्ट से हटाने का फैसला लिया गया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जुलाई में कहा था कि रूस तालिबान आंदोलन को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक सहयोगी मानता है।

Jagriti Kumari रॉयटर्स, मॉस्कोFri, 4 Oct 2024 05:09 PM
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अफगानिस्तान में सत्ता में लौटी तालिबान को रूस जल्द ही आतंकियों की सूची से हटा सकता है। रूस के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा है कि तालिबान को आतंकवादी संगठनों की सूची से हटाने का फैसला उच्चतम स्तर पर लिया गया है। अफगानिस्तान में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विशेष प्रतिनिधि ज़मीर काबुलोव ने कहा है कि इस फैसले को जमीन पर उतारने के लिए कुछ कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने की जरूरत है। इससे पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बीते जुलाई में कहा था कि रूस अफगानिस्तान के तालिबान आंदोलन को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक सहयोगी मानता है।

अगस्त 2021 में अफ़गानिस्तान में सत्ता पर कब्ज़ा करने के बाद से रूस धीरे-धीरे तालिबान के साथ नजदीकियां बढ़ा रहा है। रूस ने 2003 में तालिबान को आतंकवादी संगठनों की अपनी सूची में शामिल किया था। इसे हटाना अफ़गानिस्तान के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में मास्को द्वारा एक महत्वपूर्ण कदम होगा। गौरतलब है कि दुनिया के किसी भी देश ने औपचारिक रूप से तालिबान को देश के वैध सरकार के रूप में मान्यता नहीं दी है। हालांकि चीन और यूएई ने इसके राजदूतों को स्वीकार कर लिया है।

विदेश मंत्री ने की अफगान नेतृत्व की तारीफ

शुक्रवार को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि रूस फिलहाल अफ़गान सरकार के साथ व्यावहारिक बातचीत बनाए रखने की जरूरत महसूस करता है। लावरोव ने कहा, "यह स्पष्ट है कि काबुल के सहयोग के बिना समस्याओं को हल करना या अफ़गान समझौते पर चर्चा करना असंभव है।" उन्होंने अपने अफ़गान समकक्ष आमिर खान मुत्ताकी और पड़ोसी देशों के प्रतिनिधियों के साथ मास्को में एक बैठक में बोलते हुए कहा, "मास्को काबुल के साथ राजनीतिक, व्यापारिक और आर्थिक संबंध विकसित करने की अपनी दिशा जारी रखेगा।" हालांकि उन्होंने तालिबान का नाम नहीं लिया लेकिन उन्होंने नशीली दवाओं के उत्पादन पर अंकुश लगाने और रूस में प्रतिबंधित इस्लामिक स्टेट से लड़ने के लिए वर्तमान अफगान नेतृत्व की प्रशंसा की।

अमेरिका को दी नसीहत

लावरोव ने कहा कि अमेरिका को अफगानिस्तान को जब्त की गई संपत्ति वापस करनी चाहिए और पश्चिम को देश के संघर्ष के बाद पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए। लावरोव ने अफगानिस्तान को मानवीय सहायता बढ़ाने का भी अपील की और कहा कि रूस देश को अनाज और आवश्यक सामान भेजता रहेगा।

कैसा रहा है इतिहास

अफगानिस्तान में रूस का इतिहास अच्छा नहीं रहा है। सोवियत सेना ने 1979 में मास्को समर्थक सरकार का समर्थन करने के लिए आक्रमण किया था लेकिन मुजाहिदीन लड़ाकों के हाथों भारी तबाही होने के बाद 10 साल बाद वापस लौट गई थी। वहीं रूस और उसके पड़ोसी अफगानिस्तान से जुड़े इस्लामी आतंकवादी समूहों से लगातार हमलों का सामना कर रहे हैं। मार्च में मास्को के पास एक कॉन्सर्ट हॉल में इस्लामिक स्टेट द्वारा किए गए हमले में 145 लोग मारे गए थे।

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