Hindi Newsविदेश न्यूज़Putin showed his attitude to Ukraine Russia is far ahead of America in nuclear weapons know

ICBM तो ट्रेलर है... पुतिन ने यूक्रेन को दिखा दिए तेवर, परमाणु हथियारों में अमेरिका से भी कहीं आगे रूस; जानें

  • यूक्रेन के खिलाफ आईसीबीएम का इस्तेमाल न केवल रूस की परमाणु शक्ति का प्रदर्शन है, बल्कि पश्चिमी देशों और नाटो को एक स्पष्ट संदेश भी है कि रूस अपनी परमाणु क्षमताओं का प्रयोग करने से नहीं हिचकेगा।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानThu, 21 Nov 2024 06:07 PM
share Share

रूस की तरफ से यूक्रेन के खिलाफ इंटर-कॉन्टिनेटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) के कथित उपयोग ने दुनियाभर के देशों की चिंता बढ़ा दी है। यह हमला न केवल रूस की सैन्य आक्रामकता का नया संकेत है, बल्कि परमाणु हमले की आशंका को भी जन्म देता है। आईसीबीएम का इस्तेमाल आमतौर पर रणनीतिक परमाणु हथियार ले जाने के लिए होता है और इसका यूक्रेन जैसे पड़ोसी देश पर उपयोग असामान्य और गंभीर संकेत देता है।

यह कदम ऐसे समय पर आया है जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में अपनी परमाणु नीति में बदलाव करते हुए हथियारों के उपयोग की शर्तों को औपचारिक रूप से कम किया है। यह न केवल रूस की परमाणु शक्ति का प्रदर्शन है, बल्कि पश्चिमी देशों और नाटो को एक स्पष्ट संदेश भी है कि रूस अपनी परमाणु क्षमताओं का प्रयोग करने से नहीं हिचकेगा। अगर रूस परमाणु हमले में पर उतारू हो गया तो बड़ा विनाश हो सकता है, क्योंकि पुतिन के देश में परमाणु हथियारों का जखीरा पर्याप्त है।

रूस की परमाणु ताकत कितनी बड़ी?

फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स (एफएएस) के मुताबिक, रूस के पास दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु हथियारों का भंडार है। देश के पास कुल 5,580 परमाणु हथियार हैं, जिनमें से 4,380 अभी भी सक्रिय और प्रभावी हैं। इनमें 1,710 मिसाइलें रणनीतिक रूप से तैनात की गई हैं। इनमें जमीन से दागे जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइलें, पनडुब्बियों से छोड़ी जाने वाली मिसाइलें और भारी बमवर्षक विमान शामिल हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि रूस के पास इतनी परमाणु ताकत है कि वह कई बार दुनिया को तबाह कर सकता है। शीत युद्ध के दौर में भी रूस और अमेरिका के पास इतना बड़ा परमाणु शस्त्रागार था, जिसने पूरी दुनिया को दहशत में डाल रखा था।

पुतिन की परमाणु नीति और यूक्रेन पर असर

रूस की 2020 में जारी परमाणु नीति के अनुसार, देश केवल तब परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा जब उस पर सामूहिक विनाश के हथियारों से हमला हो या उसके अस्तित्व को खतरा हो। हालांकि, पुतिन ने हाल ही में संकेत दिया है कि अगर रूस को किसी भी प्रकार का बड़ा खतरा महसूस होता है, तो वह इस दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।

इसके अलावा, पुतिन ने बेलारूस को भी परमाणु सुरक्षा के तहत रखा है, जिससे यूरोप में तनाव और बढ़ गया है। रूस ने यह भी कहा है कि अगर अमेरिका परमाणु परीक्षण करता है, तो वह भी ऐसा करेगा। 2023 में रूस ने परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) से पीछे हटने का फैसला लिया था।

पुतिन के पास है अंतिम जिम्मेदारी

रूस के राष्ट्रपति के पास परमाणु हमले का आदेश देने की पूरी जिम्मेदारी है। उनके पास एक खास न्यूक्लियर ब्रीफकेस होता है जिसे 'चेजेट' कहा जाता है, जिससे वह सीधे परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने का आदेश दे सकते हैं। इस बीच, रूस और यूक्रेन के बीच तनाव परमाणु जंग की ओर बढ़ने की आशंका को और गहरा कर रहा है। पुतिन का यह कदम पश्चिमी देशों और नाटो को एक सख्त संदेश है कि रूस अपनी ताकत दिखाने से पीछे नहीं हटेगा। दुनिया अब उम्मीद कर रही है कि स्थिति को संभालने के लिए कूटनीति का रास्ता अपनाया जाएगा, वरना इसका अंजाम बहुत भयानक हो सकता है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें