डॉलर के सहारे US कर रहा दूसरों का शोषण, ट्रंप की धमकी पर पुतिन का पलटवार
- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कई मौकों पर डॉलर के विकल्प तलाशने पर जोर दिया है। उन्होंने बुधवार को डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार की जरूरत पर सवाल उठाया है। साथ ही उन्होंने बिटकॉइन जैसी डिजिटल करेंसी का भी समर्थन किया है।
डॉलर के विकल्प तलाशने पर जोर दे चुके रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को देशों के विदेशी मुद्रा भंडार को रखने की जरूरत पर सवाल उठाए हैं। पुतिन ने कहा है कि ऐसे भंडारों की क्या जरूरत है जिन्हें राजनीतिक कारणों से आसानी से जब्त किया जा सकता है। गौरतलब है कि पश्चिमी देशों ने 2022 में यूक्रेन में जंग शुरू होने के बाद लगभग 300 बिलियन डॉलर के रूसी भंडार को फ्रीज कर दिया था। जी7 देशों के बीच इस बात पर चर्चा चल रही है कि इसका प्रयोग यूक्रेन के समर्थन के लिए कैसे किया जा सकता है। एक कार्यक्रम में बात करते हुए पुतिन ने कहा, "एक बड़ा सवाल यह है कि अगर विदेशी मुद्रा भंडार इतनी आसानी से खो सकते हैं तो उन्हें क्यों जमा किया जाए?" उन्होंने कहा है कि विदेशी संपत्तियां रखने की बजाय देश के बुनियादी ढांचे, लॉजिस्टिक्स और शिक्षा में निवेश करने की तुलना में कहीं अधिक फायदेमंद है।
पुतिन ने कहा कि मौजूदा अमेरिकी प्रशासन वैश्विक अर्थव्यवस्था में रिजर्व मुद्रा के रूप में अमेरिकी डॉलर की भूमिका को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करके कमजोर कर रहा है जिससे कई देश क्रिप्टोकरेंसी सहित दूसरे विकल्पों की ओर रुख करने को मजबूर हो रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान पुतिन ने कहा, “वैश्विक मुद्रा के रूप में डॉलर का उपयोग अमेरिका को बहुत सारा पैसा देता है। डॉलर की बदौलत अमेरिका अपने लाभ के लिए दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं का शोषण करता है। डॉलर के उपयोग पर रोक लगाना एक बात है और दूसरी बात इसका उपयोग न करना है। पुतिन ने आगे कहा, “ट्रंप चार साल से व्हाइट हाउस में नहीं है। इस दौरान विश्व अर्थव्यवस्था के साथ-साथ अमेरिकी अर्थव्यवस्था में भी कुछ बदलाव हुए हैं। उनके विरोधियों ने डॉलर को अंतरराष्ट्रीय आरक्षित मुद्रा के रूप में मौलिक आधार को कमजोर करने के लिए बहुत कुछ किया। उन्होंने खुद ही अपने हाथों से डॉलर का राजनीतिक उपयोग किया।”
बिटकॉइन का समर्थन
पुतिन ने इस दौरान कहा, “विश्व अर्थव्यवस्था में अमेरिका का हिस्सा कम हो रहा है और डॉलर का प्रभाव भी कम हो रहा है। यही कारण है कि हम अन्य साधनों के उपयोग के विकल्प तलाश रहे हैं। उदाहरण के लिए, बिटकॉइन। इसके उपयोग पर कौन रोक लगा सकता है? या अन्य इलेक्ट्रॉनिक तरीकों का उपयोग। कोई भी इनके उपयोग पर प्रतिबंध नहीं लगा सकता क्योंकि ये नई तकनीकें हैं। डॉलर के साथ कुछ भी हो सकता है। इन साधनों का उपयोग बढ़ेगा। डॉलर का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
ट्रंप ने दी थी चेतावनी
गौरतलब है कि बीते सप्ताह अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी डॉलर की जगह किसी दूसरी मुद्रा के इस्तेमाल को लेकर ब्रिक्स देशों को चेतावनी दी थी। ट्रंप ने भारत, रूस, चीन और ब्राजील समेत नौ देशों के समूह ब्रिक्स से यह वादा करने को कहा है कि वे ऐसा नहीं करेंगे नहीं तो उन पर 100% टैरिफ लगा दिया जाएगा। बीते कुछ सालों में ब्रिक्स देश, खास तौर पर रूस और चीन ने अमेरिकी डॉलर के विकल्प के तौर पर ब्रिक्स की अपनी मुद्रा लाने की कोशिश की है। हालांकि भारत अभी तक ऐसे किसी कदम में शामिल नहीं रहा है।
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