हम युद्ध के समर्थक नहीं, ब्रिक्स ही दुनिया को सही रास्ते पर लाएगा; क्या-क्या बोले पीएम मोदी
- पीएम मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रूस के कज़ान पहुंचे हैं। पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन जंग का समाधान बातचीत के जरिए करने का आह्वान करते हुए बुधवार को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में कहा कि भारत युद्ध का नहीं बल्कि संवाद और कूटनीति का समर्थन करता है।
पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन जंग का समाधान बातचीत के जरिए करने का आह्वान करते हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में कहा है कि भारत युद्ध का नहीं बल्कि संवाद और कूटनीति का समर्थन करता है। बुधवार को पीएम मोदी ने कहा है कि पूरी दुनिया ब्रिक्स समूह से सकारात्मक भूमिका निभाने की उम्मीद कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि आज विश्व चुनौतियों से जूझ रहा है और इसके समाधान में ब्रिक्स अहम भूमिका निभा सकता है। पीएम मोदी ने रूस के कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बधाई भी दी है। पीएम मोदी ने बुधवार को कहा, "मेरा मानना है कि एक समावेशी मंच के रूप में ब्रिक्स सभी मुद्दों पर सकारात्मक भूमिका निभा सकता है। हम युद्ध का नहीं संवाद और कूटनीति का समर्थन करते हैं। जिस तरह हमने मिलकर कोविड जैसी चुनौती को हराया उसी तरह हम भावी पीढ़ी के लिए सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध भविष्य के लिए नए अवसर पैदा करने में पूरी तरह सक्षम हैं।"
पीएम मोदी ने आज के समय में दुनिया में अलग अलग चुनौतियों का जिक्र किया। इनमें युद्ध, आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और देशों के बीच बंटवारा शामिल है। उन्होंने कहा, “प्रौद्योगिकी के युग में साइबर सुरक्षा, डीप फेक जैसी नई चुनौतियां सामने आई हैं। ऐसे में ब्रिक्स से काफी उम्मीदें हैं।” पीएम मोदी ने आतंकवाद और टेरर फंडिंग से निपटने के लिए सहयोग की अपील की है और कहा है कि ऐसे गंभीर मुद्दों पर दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं हो सकती। उन्होंने कहा, "हमें देश के युवाओं में कट्टरपंथ को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा है कि हमें संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के लंबित मुद्दे पर मिलकर काम करना होगा।
पीएम मोदी ने कहा है कि भारत ब्रिक्स में नए देशों का स्वागत करने के लिए तैयार है लेकिन इस संदर्भ में सभी फैसले सर्वसम्मति से किए जाने चाहिए और ब्रिक्स के संस्थापक सदस्यों के विचारों का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “पिछले साल अफ्रीकी देशों को ब्रिक्स में जोड़ा गया था। इस साल भी रूस ने ग्लोबल साउथ के कई देशों को आमंत्रित किया है। मोदी ने कहा, अलग अलग तरह की विचारधाराओं के संगम से बना ब्रिक्स समूह आज दुनिया को सकारात्मक सहयोग की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है। हमारी विविधता, एक-दूसरे के प्रति सम्मान और आम सहमति से आगे बढ़ने की परंपरा हमारे सहयोग का आधार है।” ब्रिक्स की स्थापना मूल रूप से ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने किया था और पिछले साल मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल करके इस समूह का विस्तार किया गया था।
रिपोर्ट- रेज़ाउल एच लस्कर
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।