देश छोड़कर भाग रहे पाकिस्तानी, समुद्र में डूबकर सैकड़ों की मौत; अब जागी शहबाज सरकार
- 2023 में हुए एड्रियाना नाव हादसे में करीब 300 पाकिस्तानी मारे गए या लापता हो गए। उस घटना के बाद सरकार ने अपनी नीतियों की समीक्षा की और कठोर कदम उठाए।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने बुधवार को देश की केंद्रीय जांच एजेंसी (एफआईए) के प्रमुख अहमद इसहाक जहांगिर को उनके पद से हटा दिया। यह कार्रवाई उस बड़ी प्रशासनिक सफाई का हिस्सा है जो जनवरी की शुरुआत में मोरक्को के तट पर कम से कम 43 पाकिस्तानियों की मौत के बाद शुरू हुई।
घटनाओं का क्रम
15 जनवरी को मोरक्को के अधिकारियों ने 36 लोगों को बचाया, जिनकी नाव भूमध्य सागर में 13 दिनों तक फंसी रही। इस घटना में कम से कम 37 लोग, जिनमें कई पाकिस्तानी भी शामिल थे, लापता हो गए। चार हफ्ते पहले ग्रीस के तट के पास हुए हादसे में करीब 50 लोग मारे गए थे, जिनमें 40 पाकिस्तानी थे।
इन त्रासदियों के बाद अब शाहबाज सरकार ने उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जिन्हें मानव तस्करी रोकने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। एफआईए के लगभग 50 अधिकारियों को कथित लापरवाही के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया। साथ ही, 50 से अधिक अधिकारियों को देश के किसी भी आव्रजन चौकी या मानव तस्करी विरोधी इकाइयों में सेवा करने से प्रतिबंधित कर दिया गया।
सरकार की कार्रवाई
अल-जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री शरीफ इन घटनाओं पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। एक अधिकारी ने कहा, “प्रधानमंत्री इन मामलों को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। वे देश की प्रतिष्ठा को हुए नुकसान और उन परिवारों के दुख को समझते हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया।” एफआईए ने अपनी सीमा निगरानी और कानून प्रवर्तन को मजबूत करने के साथ-साथ अभियोजन प्रक्रिया को सख्त बनाने की बात कही है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि मानव तस्करों के नेटवर्क को खत्म करना अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
पाकिस्तान से यूरोप तक का खतरनाक सफर
यूरोप में बेहतर जीवन की तलाश में पाकिस्तानियों के खतरनाक प्रवास का इतिहास नया नहीं है। यह प्रवृत्ति 1960 के दशक में मंगला डैम के निर्माण के बाद शुरू हुई, जब विस्थापित परिवारों को ब्रिटिश सरकार ने पुनर्वास के लिए सहायता प्रदान की। हालांकि, हाल के दशकों में यूरोपीय देशों की कड़ी आव्रजन नीतियों के कारण अवैध प्रवास के मामलों में वृद्धि हुई है। फ्रंटेक्स (यूरोपीय संघ की सीमा और तटरक्षक एजेंसी) के आंकड़ों के अनुसार, 2009 से अब तक 1.5 लाख से अधिक पाकिस्तानी यूरोपीय देशों में प्रवेश कर चुके हैं।
नए मार्ग और बढ़ती चुनौतियां
2023 में हुए एड्रियाना नाव हादसे में करीब 300 पाकिस्तानी मारे गए या लापता हो गए। उस घटना के बाद सरकार ने अपनी नीतियों की समीक्षा की और कठोर कदम उठाए। एफआईए के वरिष्ठ अधिकारी मुनिर मसूद मराठ ने बताया कि तस्कर अब नए मार्गों का उपयोग कर रहे हैं, जिससे उन्हें रोकना मुश्किल हो गया है।
सामाजिक दबाव और आर्थिक चुनौती
मराठ ने बताया कि अवैध प्रवासन का एक बड़ा कारण सामाजिक दबाव है। उन्होंने कहा, “पड़ोसी के बेटे अगर यूरोप में हैं और उन्होंने नई गाड़ी खरीद ली है या घर को नया बना लिया है, तो यह एक प्रतिस्पर्धा बन जाती है।” सरकार अब प्रवासियों को जागरूक करने के साथ-साथ तस्करों के नेटवर्क को खत्म करने पर जोर दे रही है। इसके अलावा, अफ्रीकी देशों के रास्तों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
सरकार का संकल्प
प्रधानमंत्री शरीफ के नेतृत्व में गठित टास्क फोर्स के अधिकारी ने कहा कि हजारों पाकिस्तानी अभी भी लीबिया में फंसे हुए हैं, और उनकी वापसी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को अपने देश में बेहतर भविष्य बनाने के लिए प्रोत्साहित करना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा, “लोग तस्करों को 25 से 35 लाख रुपये तक देते हैं। क्यों न इस पैसे का उपयोग अपने देश में सुरक्षित भविष्य बनाने के लिए किया जाए?”
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