Hindi Newsविदेश न्यूज़Pakistan complains to Taliban an Afghan diplomat disrespected Pakistan anthem

तालिबान के राजदूत ने कर दिया पाकिस्तान के राष्ट्रगान का अपमान, भड़क गई शहबाज सरकार

  • पाकिस्तान ने तालिबान से शिकायत की है कि पेशावर में एक कार्यक्रम के दौरान जब पाकिस्तान का राष्ट्रगान चलाया तो अफगान राजदूत अपनी कुर्सी पर बैठे रहे।

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तानThu, 19 Sep 2024 10:44 AM
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पाकिस्तान और अफगानिस्तान की तालिबान हुकूमत में एक बार फिर ठन गई है। मामला पाकिस्तान के पेशावर में एक कार्यक्रम से जुड़ा है। जब कार्यक्रम की शुरुआत में पाकिस्तान का राष्ट्रीय गान चलाया गया तो उपस्थित अपगान राजदूत अपनी कुर्सी पर ही बैठे थे। इस मामले को पाकिस्तान सरकार ने गंभीरता से लिया है। अफगान राजदूत की तालिबान से शिकायत की है। विदेश मंत्रालय ने मामले में अफगान के प्रभारी राजदूत को भी तलब किया। अफगान दूतावास की तरफ से अजीबो-गरीब दलील आई है।

पाकिस्तान के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि शहबाज शरीफ सरकार ने तालिबान से शिकायत की है कि देश के उत्तर-पश्चिम में एक कार्यक्रम के दौरान जब पाकिस्तानी राष्ट्रगान गाया गया तो एक अफगान राजनयिक खड़ा नहीं हुआ। विदेश मंत्रालय ने इस घटना पर विरोध जताते हुए अफगानिस्तान के प्रभारी राजदूत और इस्लामाबाद में अपने सबसे वरिष्ठ राजनयिक अहमद शाकिब को तलब किया।

पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार,  पेशावर में अफगान वाणिज्य दूत मोहिबुल्लाह शाकिर एक आधिकारिक समारोह के दौरान जब राष्ट्रगान गाया गया तो वे अपनी सीट पर ही बैठे रहे। मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने कहा कि मेजबान देश के राष्ट्रगान का ऐसा अनादर कूटनीतिक मानदंडों के खिलाफ है।

अफगान दूतावास की अजीबो-गरीब दलील

पेशावर में अफ़गान वाणिज्य दूतावास ने इस मामले में बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि शाकिर इसलिए खड़े नहीं हुए क्योंकि राष्ट्रगान संगीत के साथ चल रहा था। अगर राष्ट्रगान बिना संगीत के गाया जाता तो शाकिर सम्मान में खड़े हो जाते। उन्होंने कहा कि शाकिर को यह जानकारी थी कि अगर राष्ट्रगान संगीत के साथ चले तो खड़े होने की जरूरत नहीं है, वरना वो राष्ट्रगान को सम्मान जरूर देते। बता दें कि तालिबान ने अफगानिस्तान में संगीत पर प्रतिबंध की घोषणा कर रखी है।

अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर काबिज होने के बाद तालिबान ने अंतरिम सरकार का गठन किया और अफगानों पर शरिया कानून के नाम पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए। इसमें संगीत से लेकर हेयर कट, महिलाओं के अकेले में घूमना और फिल्में देखना तक शामिल है। इस्लामाबाद और काबुल के बीच संबंध काफी समय से खराब चल रहे हैं। पाकिस्तान का आरोप है कि अफ़गानिस्तान के नए शासक खुलेआम पाकिस्तानी तालिबान का समर्थन करते हैं। यह एक ऐसा चरमपंथी संगठन है जिस पर पाकिस्तान में आतंकी हमलों के आरोप लगते रहते हैं।

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