पाक से टूटा चीन का मोह; चीनी नागरिकों पर हमलों के बाद CPEC के विकल्प तलाश रहे जिनपिंग
- पाकिस्तान को आने वाला दिनों में चीन बड़ा झटका दे सकता है। चीनी नागरिकों पर एक के बाद एक हो रहे हमलों के बाद चीन CPEC के विकल्प तलाश रहा है। चीन द्वारा बार-बार इस मामले को उठाए जाने के बावजूद पाकिस्तान चीनी नागरिकों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के अपने वादों को पूरा करने में विफल रहा है।
चीन जल्द ही पाकिस्तान को बड़ा झटका दे सकता है। अपने नागरिकों पर लगातार हो रहे हमलों के बाद चीन का पाक मोह टूटता नजर आ रहा है। चीन अफगानिस्तान के रास्ते ईरान से जोड़ने वाली अपनी महत्वाकांक्षी योजना चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के विकल्प की तलाश कर रहा है। CNN-News18 ने सूत्रों के हवाले से बताया कि चीन देश में चीनी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान से नाराज है। गौरतलब है कि बीते कुछ सालों में आतंकियों ने चीनी नागरिकों को लगातार निशाना बनाया है। चीनी अधिकारियों ने ग्वादर में CPEC में 65 बिलियन डॉलर से जुड़े फंड और बजट में भ्रष्टाचार पर भी नाराजगी जताई है।
खबरों के मुताबिक अक्टूबर में कराची हवाई अड्डे पर आत्मघाती विस्फोट में दो चीनी नागरिकों की मौत के बाद चीनी नागरिकों को पर्याप्त सुरक्षा देने में फिसड्डी रहने के कारण चीन पाकिस्तान से तंग आ चुका है। इस हमले की जिम्मेदारी अलगाववादी बलूच लिबरेशन आर्मी ने ली थी जिसने पाकिस्तान और चीन पर बलूचिस्तान प्रांत का शोषण करने का आरोप लगाया है।
चीन कथित तौर पर वैश्विक ऊर्जा में अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिए तेल आयात के लिए ईरान से जुड़ने वाली सड़क पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है। चीन अफगानिस्तान के माध्यम से ईरान से तेल प्राप्त करने का सबसे तेज मार्ग बना रहा है। सूत्रों ने ईरान तक रास्ता बनाने की चीन की योजना को गेम-चेंजर है और कहा है कि इससे न केवल तेल आयात बढ़ेगा बल्कि संभावित रूप से चीन के व्यापार मार्गों को पूरी तरह से नया रूप दिया जा सकता है। इससे पाकिस्तान पर भी दबाव बढ़ेगा क्योंकि अमेरिका के साथ-साथ भारत, ईरान और अफगानिस्तान जैसे देश भी पाकिस्तान से कन्नी काट रहे हैं।
संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब भी नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान से नाराज हैं और उसे बचाने के लिए तैयार नहीं हैं। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ पाकिस्तान का 7 मिलियन डॉलर का सौदा भी फिलहाल मुश्किल में है क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था लगातार चरमरा रही है।
इससे पहले चीन ने पाकिस्तान में अपने नागरिकों के लिए बेहतर सुरक्षा की मांग तेज कर दी थी। चीनी राजदूत जियांग जैदोंग ने अक्टूबर में इस्लामाबाद में कहा था कि घातक हमलों की बढ़ती संख्या अस्वीकार्य है। वहीं पाक आश्वासन देने के बावजूद अपने वादों पर खरा उतरने में विफल रहा है।
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