भारत और पाकिस्तान दोनों अच्छे पड़ोसी, बढ़ते तनाव के बीच सुलह कराने आगे आया यह मुस्लिम देश
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच ईरान ने बातचीत कर मसले को हल करने की जरूरत पर जोर देते हुए किसी भी तरह की मदद उपलब्ध कराने की बात कही है। पहलगाम हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले पर भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए कूटनीतिक कदमों से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। वहीं दूसरी तरफ पुलवामा हमले के बाद भारत की तरफ से हुए बालाकोट एयरस्ट्राइक जैसे किसी जवाबी हमले की आशंका में पाकिस्तान की रातों की नींद भी उड़ी हुई है। पाक ने इस डर से सीमा पर अपनी तैनाती बढ़ा दी है। इस बीच भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर भारत के पड़ोसी देशों में हलचल मची हुई है। बढ़ते हुए तनाव को देखते हुए अब ईरान दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने के लिए आगे आया है।
ईरान ने शुक्रवार को भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को सुधारने में मदद की पेशकश की है। ईरान के विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची ने कहा है कि तेहरान इस्लामाबाद और नई दिल्ली में अपनी उपस्थिति का उपयोग कर इस कठिन समय में मदद के लिए करने के लिए तैयार है। इससे पहले अगारची ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की थी।
कविता के जरिए लिखी अपनी बात
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में अराघची ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान ईरान के अच्छे पड़ोसी हैं। ईरानी मंत्री अराघची ने पोस्ट में कहा, "तेहरान फारसी कवि सादी द्वारा सिखाई गई भावना के अनुरूप, हम इस कठिन समय में अधिक समझ बनाने के लिए इस्लामाबाद और नई दिल्ली में अपनी उपस्थिति का उपयोग करने के लिए तैयार है।" उन्होंने इस दौरान एक कविता के बोल भी लिखे: “मानव एक ही पूरे के सदस्य हैं, एक सार और आत्मा का निर्माण करते हैं। अगर एक को दर्द होता है तो दूसरे को भी दर्द होगा।”
पहलगाम हमले की की थी निंदा
इससे पहले बुधवार को ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की थी और इसे एक गंभीर अपराध बताया था। ईरान ने आतंकवाद से निपटने और आतंकियों को सजा दिलाने के लिए क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग और समन्वय को मजबूत करने की जरूरत पर भी जोर दिया था।
26 लोगों की मौत
बीते मंगलवार को आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में सैर करने आए सैलानियों पर अचानक फायरिंग कर दी। इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। यह 2019 में पुलवामा हमले के बाद घाटी में यह सबसे घातक हमला था। प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक प्रतिनिधि द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
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