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महामारी का रूप ले चुका मंकीपॉक्स, अफ्रीका में तबाही के बाद एशियाई देश में एंट्री; हड़कंप

  • कांगो के बाद यह अफ्रीका के 12 देशों में फैला और अब एशिया में भी इस संक्रमित रोग की एंट्री हो चुकी है। थाईलैंड सरकार ने कंफर्म किया है कि उसके देश में मंकीपॉक्स का पहला केस आया है।

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 22 Aug 2024 09:21 PM
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Monkeypox Alert: अफ्रीकी देश कांगो में शुरू हुआ मंकीपॉक्स अब महामारी का रूप ले चुका है। कांगो के बाद यह अफ्रीका के 12 देशों में फैला और अब एशिया में भी इस संक्रमित रोग की एंट्री हो चुकी है। थाईलैंड सरकार ने कंफर्म किया है कि उसके देश में मंकीपॉक्स के नए वैरिएंट का पहला केस आया है। संक्रमित शख्स 14 अगस्त को अफ्रीका से थाईलैंड पहुंचा था। थाईलैंड सरकार ने यह भी बताया कि यह एशिया में पहला और अफ्रीका महाद्वीप से बाहर दूसरा केस है। मंकीपॉक्स के खतरे को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही वैश्विक आपातकाल घोषित कर चुका है। WHO का कहना है कि 2022 के मुकाबले मंकीपॉक्स का नया वैरिएंट बेहद संक्रामक और ज्यादा घातक है। अकेले कांगो में इसके हजार से ज्यादा ज्ञात मामले हैं और कम से कम 540 लोगों की जान जा चुकी है।

थाईलैंड के रोग नियंत्रण विभाग के अनुसार, संक्रमित 66 वर्षीय यूरोपीय व्यक्ति 14 अगस्त को एक अज्ञात अफ्रीकी देश से बैंकॉक आया था। उसमें मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने लगे तो उसे तुरंत अस्पताल भर्ती किया गया। जांच के बाद यह पुष्टि हो गई है कि वह एमपॉक्स और विशेष रूप से क्लैड 1 बी नामक स्ट्रेन से संक्रमित है। बता दें कि अफ्रीकी देश डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में शुरू हुए मंकीपॉक्स के प्रकोप में कम से कम 540 लोगों की मौत हो गई है।

अकेले कांगो में एक हजार से ज्यादा केस

अफ्रीकी देश कांगो में मंगलवार तक एक हजार से अधिक मंकीपॉक्स के नए मामले सामने आए हैं। वहीं, अफ्रीकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने महाद्वीप पर इसके ‘‘बढ़ते’’ खतरे से लड़ने में मदद के लिए अत्यंत आवश्यक टीकों की मांग की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही अफ्रीका में प्रकोप को वैश्विक आपातकाल घोषित कर चुका है।

मंकीपॉक्स के लक्ष्य

मंकीपॉक्स चेचक जैसी बीमारी जैसा है। लेकिन इसमें बुखार, ठंड लगना और शरीर में दर्द जैसे हल्के लक्षण होते है। इसके बाद शरीर में हर जगह लाल दाने निकलने लगते हैं। कुछ ही दिनों में उन दानों से पस निकलता है, जो बेहद दर्दनाक होता है। यह अधिकतर यौन संबंध बनाने या त्वचा से त्वचा के संपर्क में आने से होता है। ज्यादा गंभीर मामलों वाले लोगों के चेहरे, हाथ, छाती और जननांगों पर फोड़े हो सकते हैं।

गौरतलब है कि अफ्रीका के 54 देशों में से 12 देशों में मंकीपॉक्स के मामलों की पुष्टि हो चुकी है जबकि कांगो में इस साल अब तक सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। अफ्रीका रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (अफ्रीका सीडीसी)ने बताया कि 2024 में कुल 18,910 मामलों में से 94 प्रतिशत या 17,794 मामले अकेले कांगो में सामने आए हैं। सरकार के मुताबिक इस साल इस बीमारी से 541 लोगों की मौत हुई है जिनमें से 535 मौतें अकेले कांगो में हुई है।

भारत में भी अलर्ट

भारत में भी मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी हवाई अड्डों के साथ-साथ बांग्लादेश और पाकिस्तान की सीमाओं के पास स्थित भूमि बंदरगाहों के अधिकारियों को ‘मंकीपॉक्स’ के चलते अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के प्रति सतर्क रहने को कहा है।

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