मासूमों की लाशें लौटाएगा हमास, इजरायल में मातम; नेतन्याहू भी रो रहे खून के आंसू
- हमास की कैद में रहे मासूमों की अब लाश 16 महीने बाद इजरायल लाई जा रही हैं। इजरायल इस घड़ी को अपनी सबसे दर्दनाक लम्हों में से एक कह रहा है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे दिल तोड़ देने वाला दिन बताया।
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16 महीने की उम्मीद, हर दिन एक नई दुआ, हर पल एक नया इंतजार लेकिन गुरुवार को जब हमास की कैद में रहे इजरायली बंधक शिरी बिबास और उनके मासूम बेटों में पांच साल के एरियल और दो साल के कफीर के शव इजरायल लौटेंगे, तो उनकी जिंदगी की आखिरी उम्मीद भी टूट जाएगी। इजरायल इस घड़ी को अपनी सबसे दर्दनाक लम्हों में से एक कह रहा है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे दिल तोड़ देने वाला दिन बताया।
बिबास परिवार की इस त्रासदी ने पूरे इजरायल को झकझोर कर रख दिया है। जब हमास ने इन मासूमों और उनकी मां की मौत की पुष्टि की, तो परिवार के आखिरी बचे सदस्य उम्मीद की लौ जलाए बैठे थे। शिरी के पति यार्डेन बिबास को अलग से 7 अक्टूबर 2023 को अगवा किया गया था, लेकिन वह 1 फरवरी को बंधक-संधि के तहत रिहा कर दिए गए।
हवाई हमले में हुई बच्चों की मौत: हमास
हमास का दावा है कि शिरी और उनके दोनों बच्चों की मौत इजरायली हवाई हमले में हुई थी, हालांकि इजरायल ने इस दावे की पुष्टि कभी नहीं की। बिबास परिवार को अब तक उम्मीद थी कि वे जिंदा होंगे। लड़कों की चाची ओफ्री बिबास ने सोशल मीडिया पर लिखा, "हमने 16 महीने से उम्मीद थाम रखी थी, और हम अब भी हार नहीं मानेंगे।"
इस बीच हमास ने संकेत दिया है कि वह अगली चरण की संधि में सभी बचे हुए बंधकों को एक ही बार में छोड़ने को तैयार है। हमास के वरिष्ठ अधिकारी ताहेर अल-नूनू ने कहा, "हमने मध्यस्थों को बता दिया है कि हमास अगले चरण में सभी बंधकों को एक साथ छोड़ने को राजी है, न कि चरणबद्ध तरीके से जैसा कि अभी हो रहा है।"
हमास-इजरायल संघर्ष में अब तक गई कई मासूमों की जान
इजरायल-हमास संघर्षविराम 19 जनवरी से लागू है, और अब तक इसके तहत 19 इजरायली बंधकों को रिहा किया गया है, जबकि 1,100 से अधिक फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा गया है। अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति ने शवों के सम्मानजनक लौटाने की अपील की है। गौरतलब है कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास और उसके सहयोगियों ने इजरायल पर हमला कर 251 लोगों को बंधक बना लिया था। इनमें से 70 अब भी गाजा में हैं, जिनमें से 35 की मौत की आशंका इजरायली सेना जता रही है। इस हमले में 1,211 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें अधिकतर नागरिक थे। इसके जवाब में इज़राइल ने भीषण हमले किए, जिनमें गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब तक 48,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
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