Hindi Newsविदेश न्यूज़Justin Trudeau confirmed Indian allegations says Khalistanis are in Canada

हां, कनाडा में हैं खालिस्तानी; भारत के आरोपों पर ट्रूडो ने ही लगाई मुहर, बोले- सभी हिंदू मोदी के फैन नहीं

  • भारत ने इस आरोप को सख्त तरीके से नकारा और कनाडा के साथ अपने रिश्तों को और अधिक ठंडा कर दिया। ओटावा में भारतीय उच्चायुक्त को वापस बुला लिया और छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानSat, 9 Nov 2024 07:38 AM
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India-Canada Tension: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों की मौजूदगी की बात को स्वीकार किया है। ट्रूडो ने हालांकि कहा कि ये लोग कनाडा में सिख समुदाय का सम्पूर्ण प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। उनका यह बयान भारत के उस रुख को सही ठहराता है जिसमें भारत ने आरोप लगाया था कि कनाडा सरकार खालिस्तानी समर्थक तत्वों को पनाह दे रही है।

जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थकों के बारे में भी कहा। उन्होंने कहा, "कनाडा में खालिस्तान के समर्थक हैं, लेकिन वे सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते। इसी तरह कनाडा में मोदी सरकार के समर्थक भी हैं, लेकिन वे सभी हिन्दू कनाडाई लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।" यह बयान उन्होंने ओटावा के पार्लियामेंट हिल में दिवाली समारोह के दौरान भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए दिया।

ट्रूडो के इस बयान से भारत और कनाडा के बीच बढ़ते कूटनीतिक तनाव के बीच स्थिति और जटिल हो गई है। तनाव की शुरुआत तब हुई थी जब जस्टिन ट्रूडो ने हर्डीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों का हाथ होने का आरोप लगाया था। यह घटना 2023 के जून में हुई थी। निज्जर को ब्रिटिश कोलंबिया में एक गुरुद्वारे के बाहर गोलियों से मारा गया था।

इससे पहले, सितंबर 2023 में कनाडा और भारत के बीच रिश्ते और भी खराब हो गए थे। कनाडा ने भारतीय उच्चायुक्त को निज्जर की हत्या की जांच में एक "रुचि रखने वाला व्यक्ति" बताया। इसके जवाब में भारत ने इस आरोप को सख्त तरीके से नकारा और कनाडा के साथ अपने रिश्तों को और अधिक ठंडा कर दिया। ओटावा में भारतीय उच्चायुक्त को वापस बुला लिया और छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया।

भारत के विदेश मंत्रालय ने कई बार कहा है कि कनाडा सरकार ने निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता का कोई ठोस सबूत साझा नहीं किया है। भारत ने बार-बार इस संबंध में जानकारी की मांग की थी। मंत्रालय ने प्रधानमंत्री ट्रूडो पर वोट बैंक राजनीति करने का आरोप भी लगाया और यह भी कहा कि कनाडा सरकार ने अपनी जमीन पर खालिस्तानी तत्वों से निपटने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए।

भारत और कनाडा के बीच यह तनाव बढ़ता जा रहा है। खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर दोनों देशों के संबंधों में और भी जटिलताएं आ सकती हैं।

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