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'हमें मरा हुआ समझ लिया था', बलूच आर्मी के हमले में बच गया था ट्रेन ड्राइवर; अब सुनाई आपबीती

  • यह घटना उस समय शुरू हुई जब ट्रेन बालूचिस्तान के एक सुदूर इलाके से गुजर रही थी। आतंकियों ने ट्रेन को रोककर यात्रियों पर हमला बोला, जिसके बाद 36 घंटे तक तनावपूर्ण स्थिति बनी रही।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, क्वेटाSat, 15 March 2025 06:28 AM
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'हमें मरा हुआ समझ लिया था', बलूच आर्मी के हमले में बच गया था ट्रेन ड्राइवर; अब सुनाई आपबीती

पाकिस्तान के बालूचिस्तान प्रांत में जाफर एक्सप्रेस के ड्राइवर अमजद ने उस भयावह 36 घंटे के आतंकी हमले की यादें साझा कीं हैं। इस हमले में 21 लोगों की जान चली गई। यह हमला बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के विद्रोहियों ने किया था। पाकिस्तान की सेना ने शुक्रवार को कहा कि बलूचिस्तान में एक ट्रेन पर घात लगाकर हमला करने वाले बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के उग्रवादियों द्वारा मारे गए 26 बंधकों में से 18 सेना और अर्धसैनिक बल के कर्मी थे।

इसी ट्रेन के ड्राइवर अमजद ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, "आतंकियों ने खिड़कियां तोड़कर ट्रेन में घुसपैठ की, लेकिन उन्हें गलतफहमी हुई कि हम सभी मर चुके हैं।" ड्राइवर ने आगे कहा, "जैसे ही ट्रेन रुकी, बीएलए के आतंकियों ने हमला शुरू कर दिया। वे अंधाधुंध गोलीबारी कर रहे थे।" इस हमले में कई यात्रियों को अपनी जान गंवानी पड़ी, जबकि कुछ चमत्कारिक ढंग से बच गए।

यह घटना उस समय शुरू हुई जब ट्रेन बालूचिस्तान के एक सुदूर इलाके से गुजर रही थी। आतंकियों ने ट्रेन को रोककर यात्रियों पर हमला बोला, जिसके बाद 36 घंटे तक तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। अमजद ने कहा, "यह एक भयानक अनुभव था। हम सब डर के साये में जी रहे थे, लेकिन कुछ यात्रियों ने हिम्मत दिखाई और छिपकर अपनी जान बचाई।"

इस हमले के बाद बचे लोगों ने भी अपनी आपबीती साझा की। एक यात्री ने बताया, "आतंकियों ने बिना कुछ कहे गोलीबारी शुरू कर दी। जो जहां था, वहीं छिप गया।" इस घटना ने पूरे देश में शोक और गुस्से की लहर पैदा कर दी है।

बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के उग्रवादियों ने मंगलवार को बलूचिस्तान के बोलन इलाके में 400 से अधिक यात्रियों को ले जा रही जाफर एक्सप्रेस पर घात लगाकर हमला किया और यात्रियों को बंधक बना लिया, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने एक अभियान शुरू किया जो अगले दिन शाम तक चला।

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सुरक्षा बलों ने बुधवार को अपहृत ट्रेन में घुसकर 30 घंटे तक बनी रही स्थिति को नाटकीय ढंग से समाप्त करते हुए सभी 33 उग्रवादियों को मार गिराया, जबकि 300 से अधिक यात्रियों को सफलतापूर्वक बचाया। सेना के प्रवक्ता ने कहा कि कुल 354 बंधकों को बचाया गया, जिनमें 37 घायल यात्री शामिल हैं।

इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती के साथ एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि सेना के अभियान की शुरुआत से पहले उग्रवादियों ने 26 बंधकों को मार डाला था। उन्होंने कहा, ‘‘26 बंधकों में सेना और अर्धसैनिक बल के 18 कर्मी, तीन अन्य सरकारी अधिकारी और पांच नागरिक शामिल थे।’’ चौधरी ने यह भी कहा कि अभियान के दौरान फ्रंटियर कोर के पांच कर्मी मारे गए, जिनमें फ्रंटियर कोर के वो चार कर्मी भी शामिल हैं, जिन्हें उग्रवादियों ने ट्रेन पर हमले के दौरान मार डाला।

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