देश छोड़कर निकल जाओ; इजरायली हमलों के बीच हमास के नेताओं से 'दोस्त' कतर की दो टूक, क्या वजह
- कतर लगातार अमेरिका के सहयोग से इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम और शांति समझौता करवाने का प्रयास कर रहा है लेकिन हमास के नेता इजरायली बंधकों को छोड़ने के किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं।
इजरायल हमास संघर्ष में लगातार युद्धविराम की कोशिश कर रहे कतर ने हमास के नेताओं को देश छोड़ने के लिए कहा है। हमास इजरायली बंधकों को छोड़ने के किसी भी समझौते पर राजी नहीं हो रहा था। हाल ही अमेरिका के विदेश मंत्री ब्लिंकेन की दोहा यात्रा और अमेरिका और कतर अधिकारियों की 10 दिनों लंबी चली बातचीत के बाद कतर ने हमास के नेताओं से देश छोड़ने के लिए कह दिया है। सीरिया में गृहयुद्ध शुरू होने के बाद से ही हमास ने कतर को अपनी राजनीतिक इकाई का गढ़ बना लिया था।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक हमास के नेताओं को देश छोड़ने के लिए कहने की बात अमेरिकी अधिकारियों से 10 से भी ज्यादा चली बातचीत के बाद सामने आई। अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका की तरफ से कतर को चेतावनी दी गई थी कि जब हमास के नेता शर्तों पर तैयार ही नहीं है तो उनके कतर में रहने की कोई भी वजह नजर नहीं आती। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि वह बार-बार इजरायली बंधकों को छोड़ने से इनकार कर रहे हैं। ऐसे में अमेरिका के किसी भी मित्र देश की राजधानी में इनका स्वागत नहीं किया जाना चाहिए।
कतर की राजधानी दोहा में हमास का राजनैतिक कार्यालय भी है। अधिकारियों के मुताबिक कार्यालय के ऊपर क्या कार्रवाई करनी इसके बारे में अभी कतर सरकार से बातचीत जारी है।
2012 में कतर में शिफ्ट हुआ था हमास का हेडक्वार्टर
कतर से पहले हमास का हेडक्वार्टर सीरिया में था, लेकिन 2012 में सीरिया में हुए गृहयुद्ध के बाद फिलिस्तीनी समूह को दमिश्क से अपना हेडक्वार्टर शिफ्ट करके कतर में लाना पड़ा था। इस मामले के परिचित लोगों के मुताबिक कतर को अमेरिका ने ही हमास को कार्यालय खोलने की अनुमति देने के लिए कहा था, जिससे हमास के साथ बातचीत का एक चैनल खुला रहे।
दोहा के बाद अंकारा पहुंच सकता है हमास का हेडक्वार्टर
एक रिपोर्ट के मुताबिक हमास के नेता दोहा से अपने कार्यलय का स्थानांतरण तुर्किए की राजधानी अंकारा में कर सकते हैं। राष्ट्रपति एर्दोगन भले ही आतंकी संगठन हमास के समर्थन में रहे हैं लेकिन अभी तक उनके प्रशासन की तरफ से इस पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई है।
खाड़ी देश कतर लगातार हमास के नेताओं के लिए एक सुरक्षित जगह के तौर पर रहा है। हमास के नेताओं को देश से बाहर जाने के लिए कहना उसकी विदेश नीति में एक बड़े बदलाव की तरह है। 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के बाद जब इजरायल ने गाजा में हमला करना शुरू कर दिया तो इस संघर्ष को शांत कराने के लिए कतर ने आगे बढ़कर पहल की थी। वह शुरुआत से ही एक महत्वपूर्ण वार्ताकार के रूप में रहा है।
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