'आतंकवादी हैं अल जजीरा के ये पत्रकार', इजरायल ने जारी कीं तस्वीरें, हमास से जुड़े होने का आरोप
- इजरायल ने कथित तौर पर गाजा में मिले दस्तावेजों और अन्य खुफिया जानकारी का हवाला देते हुए ये आरोप लगाए हैं और कहा कि ये सभी फिलिस्तीनी नागरिक हैं।
इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने बुधवार को कहा कि उसने गाजा पट्टी में ऐसे दस्तावेज खोजे हैं, जिनसे पता चलता है कि अल जजीरा के छह सक्रिय पत्रकार हमास और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद आतंकवादी समूहों में एक्टिव हैं। आईडीएफ ने इन पत्रकारों के नाम और तस्वीरें भी जारी की हैं। इजरायली सेना ने गाजा में जारी युद्ध को कवर करने वाले अंग्रेजी समाचार पत्र ‘अल जजीरा’ के छह पत्रकारों पर फिलिस्तीनी आतंकवादी होने का बुधवार को आरोप लगाया। हालांकि, ‘अल जजीरा’ ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
इजरायली सेना ने आरोप लगाया कि ‘अल जजीरा’ के छह पत्रकार फिलिस्तीन के आतंकवादी समूह से पूर्व में या वर्तमान में जुड़े रहे हैं और वे इसके लिए काम करते थे तथा इसके बदले उन्हें भुगतान भी किया जाता था। आईडीएफ के अनुसार, अल-शरीफ नाम का पत्रकार हमास की नुसीरत बटालियन में रॉकेट लांचिंग दस्ते के प्रमुख और नुखबा फोर्स कंपनी के सदस्य के रूप में काम कर चुका है। वहीं सलामेह इस्लामिक जिहाद में शबौरा बटालियन की प्रचार इकाई के उप प्रमुख के रूप में काम करता है। इसके अलावा, शबात हमास की बेत हनून बटालियन में एक स्नाइपर के रूप में काम करता है। अल-सरराज इस्लामिक जिहाद की बुरीज बटालियन का सदस्य है। अबू उमर ईस्ट खान यूनिस बटालियन में एक प्रशिक्षण कंपनी कमांडर के रूप में काम करता है। ये कई महीने पहले एक इजरायली हवाई हमले में घायल हो गया था। वहीं अल-अरौकी हमास की नुसीरत बटालियन में एक टीम कमांडर के रूप में।
इजरायल ने कथित तौर पर गाजा में मिले दस्तावेजों और अन्य खुफिया जानकारी का हवाला देते हुए ये आरोप लगाए हैं और कहा कि ये सभी फिलिस्तीनी नागरिक हैं। सेना ने कहा कि ‘अल जजीरा’ के छह पत्रकारों में से चार आतंकवादी संगठन हमास से जुड़े हैं या पूर्व में जुड़े रह चुके हैं तथा दो फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद से जुड़े हैं।
‘अल जजीरा’ ने इजरायली सेना के इन आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें ‘‘मनगढ़ंत’’ करार दिया और कहा कि ये आरोप समूचे अरब नेटवर्क के प्रति ‘‘दुश्मनी की भावना’’ के तहत लगाए गए हैं। ‘अल जजीरा’ ने कहा कि इजरायली सेना ने पत्रकारों पर इसलिए यह आरोप लगाए हैं ताकि ‘‘गाजा में बचे हुए कुछ पत्रकारों की आवाज को चुप कराया जा सके जिससे दुनिया भर के लोगों से युद्ध की कठोर वास्तविकताओं को छिपाया जा सके।’’
‘अल जजीरा’ का मुख्यालय कतर में स्थित है, जहां हमास के कई वरिष्ठ अधिकारी कार्यरत हैं। इजरायली सेना ने ‘अल जजीरा’ के पत्रकार अनस अल-शरीफ, होस्साम शबात, इस्माइल अबू उमर और तलाल अरोकी पर हमास से संबंध रखने का आरोप लगाया है। वहीं, अशरफ सराज और अला सलामेह पर इस्लामिक जिहाद से जुड़े होने के आरोप हैं।
इजरायल ने दस्तावेजों और अन्य खुफिया जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि इन छह पत्रकारों ने फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह के लिए विभिन्न भूमिकाओं में काम किया है जिसमें ‘स्नाइपर’, सैनिक, लड़ाकू, कप्तान, प्रशिक्षण समन्वयक और दुष्प्रचार फैलाने वाले शामिल हैं। पत्रकारों की सुरक्षा समिति ने बुधवार को एक बयान जारी कर इजरायेल की आलोचना की और कहा कि ‘‘उसने विश्वसनीय सबूत पेश किए बिना बार-बार इसी तरह के अप्रमाणिक दावे किए हैं।’’
(इनपुट एजेंसी)
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