यूक्रेन को लेकर 'प्लान बी' बना रहे हैं ट्रंप? सऊदी अरब में रूस और अमेरिका बातचीत के क्या हैं मायने
- रूस और अमेरिका के बीच चर्चा यूक्रेन के लिए घाटे का सौदा भी हो सकता है। यूक्रेन ने इस चर्चा में साफ लेने और इसे स्वीकार करने से साफ इनकार कर दिया है। डोनाल्ड ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि वह फ्री में यूक्रेन की मदद नहीं करेंगे।
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यूक्रेन में शांति स्थापित करने के लिए सऊदी अरब में रूस और अमेरिका वार्ता कर रहे हैं। हालांकि इसमें यूक्रेन की हिस्सेदारी ही नहीं है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भी सऊदी अरब की यात्रा पर बुधवार को पहुंच रहे हैं। इसके बाद भी चर्चा की टेबल पर यूक्रेन के लिए कुर्सी नहीं लगाई गई है। इस वार्ता में यूरोप की क्या भूमिका होगी, अभी यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन के मुद्दे पर पेरिस में होने वाली यूरोपीय आपातकालीन बैठक से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ फोन पर बातचीत की। राष्ट्रपति मैक्रों के कार्यालय ने इस बातचीत के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी।
मैक्रों ने यूरोपीय संघ के प्रमुख देशों और ब्रिटेन के नेताओं को ‘एलिसी पैलेस’ में सोमवार को बुलाया था, जिससे इस बारे में चर्चा की जा सके कि यूक्रेन पर अमेरिकी कूटनीतिक हमले पर कैसे प्रतिक्रिया दी जाए। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को तीन साल का वक्त होने जा रहा है। पहली बार है जब कोई दो देश यूक्रेन में शांति को लेकर इस स्तर पर वार्ता कर रहे हैं। इसमें रूस भी शामिल है। इस बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो और रूस के विदेश मंत्री सरजेई लावरोव भी शामिल हो रहे हैं।
राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस मुद्दे पर रूस के राष्ट्रपति से फोन पर बात की थी। बताया जा रहा है कि यह बैठक डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर की मुलाकात को लेकर भूमिका बनाने के लिए है। क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा कि पहले तो अमेरिका और रूस के बीच संबंधों को लेकर यह चर्चा होने जा रही है। वहीं इसमें यूक्रेन के मामले में भी दोनों राष्ट्रपतियों के मुलाकात को लेकर बात हो सकती है। वहीं जेलेंस्की का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप यह सब केवल पुतिन को खुश करने के लिए कर रहे हैं।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने सोमवार को कहा कि लगभग तीन साल पहले लड़ाई शुरू होने के बाद से अपनी “केंद्रीय भूमिका” का हवाला देते हुए अमेरिका यूक्रेनी संघर्ष को सुलझाने में मदद कर सकता है। क्रेमलिन ने कहा कि दोनों पक्षों द्वारा संघर्ष को समाप्त करने के लिए बातचीत करने की उम्मीद है, जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बैठक का मार्ग प्रशस्त करेगी। लावरोव ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं है कि यूरोपीय लोगों को बातचीत का प्लैटफॉर्म मिलेगा, उन्होंने उन पर यूक्रेन को संघर्ष जारी रखने में सक्षम बनाने के लिए संभावित युद्धविराम का उपयोग करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
डोनाल्ड ट्रंप बना रहे हैं प्लान B?
एक तरफ जेलेंस्की का बातचीत से किनारा करना और दूसरी तरफ अमेरिका और रूस के बीच यह गर्मजोशी किसी प्लान बी की ओर इशारा कर रही है। जानकारों का कहना है कि रूस और अमेरिकी की मिलीभगत से यूक्रेन को बड़ा नुकसान हो सकता है। डोनाल्ड ट्रंप पहले ही साफ कर चुके हैं कि वह फोकट में यूक्रेन की मदद नहीं करने वाले हैं। इसके बदले में वह यूक्रेन के खनिज भंडार पर कब्जा करना चाहते हैं। ऐसे में सऊदी अरब में होने वाली वार्ता किसी नए प्लान को लेकर भी हो सकती है।
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