दु्श्मन से बातचीत करने को भी तैयार है ईरान, सुप्रीम लीडर खामेनेई ने अमेरिका पर बदले सुर
- इजरायल से तनाव के बीच ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने दुश्मन देश अमेरिका पर अपने सुर बदल दिए हैं। कहा कि दुश्मन से बात करने में कोई दिक्कत नहीं है।
हमास चीफ इस्माइल हानियेह के कत्ल के बाद इजरायल से तनाव के बीच ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने दुश्मन देश अमेरिका पर अपने सुर बदल दिए हैं। उन्होंने अपने देश के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका के साथ नये सिरे से बातचीत का रास्ता खोलने का संकेत दिए। उन्होंने देश की सरकार से मंगलवार को कहा कि ‘दुश्मन’ के साथ बातचीत करने में ‘कोई बाधा’ नहीं है।
खामेनेई की टिप्पणियों ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान की सरकार के तहत होने वाली किसी भी वार्ता के लिए दायरा निर्धारित कर दिया है, साथ ही अपनी चेतावनी को दोहराया कि अमेरिका पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
हालांकि, खामेनेई की टिप्पणियां ईरान के विभिन्न देशों के साथ 2015 के परमाणु समझौते के समय की गई टिप्पणियों से मिलती-जुलती हैं। उक्त समझौते में आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम की गति धीमी करने पर सहमति जताई थी।
खामेनेई की टिप्पणी के बावजूद यह स्पष्ट नहीं है कि पेजेश्कियान के पास अमेरिका से बातचीत की कितनी गुंजाइश होगी, खासकर तब जब इजराइल-हमास युद्ध को लेकर दुनिया में तनाव बना हुआ है और अमेरिका खुलकर इजरायल को अपना समर्थन दे रहा है। इसके अतिरिक्त अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी चल रही है।
खामेनेई ने सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘हमें अपनी उम्मीदें दुश्मन से नहीं करनी चाहिए। अपनी योजनाओं के लिए हमें दुश्मनों की मंजूरी का इंतजार नहीं करना चाहिए।’’ उन्होंने आगे यह भी कहा, ‘‘कुछ जगह पर उसी दुश्मन से वार्ता में संलग्न होना विरोधाभासी नहीं है, इसमें कोई बाधा नहीं है।’’
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