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मुसलमानों का भारत में उत्पीड़न; ईरान के सुप्रीम लीडर का चुभने वाला संदेश, इस्लामिक एकता की अपील

  • अली खामेनेई ने एक्स पर पोस्ट करके कहा, ‘अगर हम म्यांमार, गाजा, भारत या किसी अन्य स्थान पर किसी मुस्लिम को होने वाली पीड़ा से बेखबर हैं तो हमें खुद को मुसलमान नहीं मानना चाहिए।’

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानMon, 16 Sep 2024 03:06 PM
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ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा है कि भारत में मुसलमानों का उत्पीड़न हो रहा है। पैगंबर मोहम्मद की जयंती पर सोमवार को उन्होंने यह बात कही और दुनिया भर के मुसलमानों के बीच एकजुटता की जरूरत बताई। खामेनेई ने एक्स पर पोस्ट करके कहा, ‘अगर हम म्यांमार, गाजा, भारत या किसी अन्य स्थान पर किसी मुस्लिम को होने वाली पीड़ा से बेखबर हैं तो हमें खुद को मुसलमान नहीं मानना चाहिए।’ उन्होंने इसमें भारत के मुस्लिम अल्पसंख्यकों का जिक्र क्यों किया, इसे लेकर कुछ डिटेल में नहीं बताया है। भारतीय अधिकारियों की ओर से इस पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

अली खामेनेई ने कहा, 'इस्लाम के दुश्मनों ने इस्लामिक उम्माह (समुदाय या राष्ट्र) के रूप में हमारी साझा पहचान को हमेशा बिगाड़ने की कोशिश की है।' एक्स पर एक अलग पोस्ट में उन्होंने फिर से गाजा और फिलिस्तीन के उत्पीड़ित लोगों का मुद्दा उठाया। हालांकि, इसमें भारत का जिक्र नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इस्लामिक उम्माह के सम्मान को बनाए रखने का लक्ष्य केवल एकता से ही हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा, 'आज गाजा और फिलिस्तीन के सताए लोगों का समर्थन करना हमारा कर्तव्य है। जो कोई भी इससे मुंह मोड़ेगा, निश्चित तौर पर उससे अल्लाह पूछताछ करेंगे।'

कैसे हैं भारत और ईरान के संबंध

वैसे तो भारत और ईरान के बीच संबंध मजबूत रहे हैं। द्विपक्षीय संबंधों में कोई बड़ी अड़चन नहीं आई है। भारत चाबहार समझौते का अहम हिस्सा है। मई 2015 में चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए नई दिल्ली ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। मई 2016 में भारत, ईरान और अफगानिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय परिवहन के लिए त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसे चाबहार समझौते के रूप में भी जाना जाता है। पूर्व ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी और पूर्व विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन की मृत्यु के बाद संवेदना व्यक्त करने मई में आधिकारिक समारोह में भाग लेने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ गए थे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इसी साल जुलाई में तेहरान में ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे।

खामेनेई पहले भी कर चुके ऐसी टिप्पणी 

यह पहली बार नहीं है जब ईरान के सुप्रीम लीडर ने भारत के मुसलमानों के बारे में टिप्पणी की है। साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर उन्होंने कश्मीर में मुसलमानों की स्थिति पर चिंता जताई थी। खामेनेई ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कश्मीर में उठाए गए इस कदम से मुसलमानों में डर बना हुआ है। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'हम कश्मीर में मुसलमानों की स्थिति के बारे में जानकार चिंतित हुए। भारत के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं, मगर हम उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार कश्मीर के कुलीन लोगों के प्रति न्यायपूर्ण नीति अपनाएगी। साथ ही, इस क्षेत्र में मुसलमानों के उत्पीड़न को रोकेगी।' उन्होंने ब्रिटेन को भारत-पाकिस्तान के बीच विवाद का दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने जानबूझकर कश्मीर में संघर्ष बनाए रखने के लिए उस क्षेत्र में कई ऐसे काम किए जो आज भी दोनों देशों को दिक्कत में डालते हैं।

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