Hindi Newsविदेश न्यूज़International Monetary Fund slams Pakistan not controlling expenditure expressed concerns over provincial cash surplus

खर्च में कटौती के बाद भी क्यों फेल पाक सरकार, शहबाज शरीफ को IMF ने लगाई झाड़

IMF ने पाकिस्तान पर एक तकनीकी सहायता रिपोर्ट जारी की है, जिसमें शरीफ सरकार को दो टूक कहा गया है कि पाकिस्तान को सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन पर ध्यान देने और इस पर काम करने की जरूरत है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 15 Nov 2024 03:06 PM
share Share
Follow Us on

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पड़ोसी देश पाकिस्तान की नवाज शरीफ सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उसे अपने बजट पर कड़े नियंत्रण की जरूरत है। आईएमएफ ने कहा कि आने वाले वर्षों में पाकिस्तान को खर्च में कटौती करने के अलावा वित्तीय अनुशासन पर ध्यान देने की जरूरत है। IMF के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2017 के बाद से ही पाकिस्तान का कर्ज भुगतान दोगुना हो चुका है, इसलिए इससे निपटने के लिए खर्च में कटौती करना होगा। IMF ने हालिया रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान अपने राजस्व का 60 फीसदी हिस्सा लिए गए कर्ज का ब्याज चुकाने में खर्च कर रहा है, जो चिंताजनक है।

IMF ने पाकिस्तान पर एक तकनीकी सहायता रिपोर्ट जारी की है, जिसमें शरीफ सरकार को दो टूक कहा गया है कि पाकिस्तान को सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन पर ध्यान देने और इस पर काम करने की जरूरत है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि खर्चों में कटौती के बाद भी पाकिस्तान सरकार को इस मोर्चे पर नाकामी का सामना करना पड़ा है। वैश्विक संस्था ने पाकिस्तान की नवाज शरीफ सरकार को इससे निपटने के उपाय ढूंढ़ने को कहा है।

आईएमएफ की यह रिपोर्ट तब आई है, जब वह पाकिस्तान को दिए गए सहायता पैकेज की तीन महीने बाद समीक्षा करने पर विचार कर रहा है। फिलहाल आईएमएफ की तरफ से इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है कि समीक्षा बैठक कब होगी।

डॉन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि IMF के मिशन प्रमुख नाथन पोर्टर के नेतृत्व में दौरा करने वाली आईएमएफ टीम ने कथित तौर पर पहली तिमाही में प्रांतीय नकद अधिशेष लक्ष्य के चूकने पर भी चिंता जताई है। इसका मुख्य कारण पंजाब सरकार द्वारा लगभग 160 अरब रुपये का अधिक खर्च करना है। इसकी वजह से प्रांतीय बजट अधिशेष के लिए 350 अरब रुपये का राष्ट्रीय लक्ष्य चूक गया है, जबकि तीन अन्य प्रांतों ने अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा किया है।

ये भी पढ़ें:पाकिस्तान में पलूशन से बीमार पड़े 20 लाख, अकेले लाहौर में 12 लाख अस्पताल पहुंचे
ये भी पढ़ें:हिंदुओं के लिए खुलकर बैटिंग, पाक को मानती हैं नापाक, कौन हैं ट्रंप की साथी तुलसी
ये भी पढ़ें:भारत ने आर्मेनिया को दिया 'आकाश' सुरक्षा कवच तो सकते में क्यों आया पाकिस्तान

बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने सितंबर के आखिरी हफ्ते में पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर के ऋण को मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य दक्षिण एशियाई देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में मदद करना है। इस डील के तहत पातकिस्तान को ऋण की 1 अरब डॉलर की पहली किस्त तुरंत मिलनी थी, जबकि शेष राशि का भुगतान अगले तीन वर्षों में किया जाना है। आईएमएफ उसी पहली किस्त के भुगतान के बाद समीक्षा बैठक करने जा रहा है।

इस साल की शुरुआत में सत्ता संभालने के बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के नेतृत्व वाली शहबाज शऱीफ सरकारकी नई गठबंधन सरकार ने ऋण के लिए 25वीं बार IMF से संपर्क किया था। 12 सितंबर को, प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि उनके देश ने नए ऋण के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए IMF द्वारा निर्धारित सभी शर्तों को पूरा कर लिया है। इसके बाद 25 सितंबर को IMF ने ऋण की औपचारिक स्वीकृति पर हस्ताक्षर कर दिए थे लेकिन इसके लिए कई तरह की कड़ी शर्तें भी थोंप दी थीं, जिसमें खर्चों में कटौती अहम था। पाकिस्तान ने 1958 से अब तक आईएमएफ से 20 से अधिक ऋण लिए हैं और वर्तमान में यह उसका पांचवां सबसे बड़ा कर्जदार है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें