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भारतीय छात्रों से अटेंडेंस और मार्क्स तक पूछने लगी कनाडा की सरकार, वापस भेजे जाने का डर

  • कनाडा में भारतीय छात्रों को परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। कनाडा के प्रशासन ने छात्रों से उनके दस्तावेज मांगे हैं जिनमें अटेंडेंस और मार्क्स तक शामिल हैं।

Ankit Ojha लाइव हिन्दुस्तानSat, 14 Dec 2024 06:55 AM
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कनाडा में भारतीयों पर लगातार हमले हो रहे हैं। तीन भारतीय छात्रों की हत्या के बाद दोनों देशों में तनाव और बढ़ गया है। उधर कनाडा की सरकार भी भारतीय छात्रों को परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। कनाडा में पढ़ रहे भारतीय छात्रों को अब नई टेंशन हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक उनसे तरह-तरह के दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। छात्रों से ईमेल के जरिए स्टडी परमिट, वीजा, एजुकेशनल रिकॉर्ड, मार्क्स और अटेंडेंस मांगी गई है।

कनाडा के इमिग्रेशन रिफ्यूजी एंड सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) डिपार्टमेंट के इस कदम की वजह से विदेशी छात्र डरे हुए हैं। कई छात्र ऐसे हैं जिनके पास दो साल का ही वीजा है। कनाडा ने विदेशी छात्रों को लेकर अपने नियम बेहद कड़े कर दिए हैं। एक छात्र ने बताया, मुझे ईमेल मिला तो मैं हैरान था। मेरा वीजा मई 2026 तक ही है। मुझे सारे दस्तावेज जमा करने को कहा गया है। यहां तक कि मेरी अटेंडेंस, मार्क्स और पार्ट टाइम काम का रिकॉर्ड भी मांगा गया था।

पिछले सप्ताह पंजाब के छात्रों को भी इस तरह के ईमेल मिले थे और उसे कहा या था कि वे आईआरसीसी के ऑफिस जाकर वेरिफाइ करवाएं। बता दें कि तीन भारतीय छात्रों की हत्या को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि यह भयानक त्रासदी हैे। भारतीय उच्चायोग इस मामले में पूरी जांच की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा था कि कनाडा में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इसको लेकर भारतीय मिशन अधिकारियों के साथ संपर्क में है।

भारत और कनाडा में टेंशन लगातार बढ़ती ही जा रही है। बीते साल जस्टिन ट्रूडो ने बारत पर निज्जर की हत्या का बेबुनियाद आरोप लगाया था। इसके बाद भारत ने अपने उच्चायुक्त को ओटावा से वापस बुला लिया। इसके बाद कनाडा ने भी अपने अधिकारियों को वापस बुलाया। दोनों देशों में लगातार टकराव बढ़ता ही चला गया। एक तरफ भारत ने कहा कि कनाडा को पुख्ता सबूत मुहैया करवाने चाहिए। दूसरी तरफ कनाडा बेबुनियाद आरोप ही लगाता चला गया और सबूत भारत को नहीं सौंप पाया।

जस्टिन ट्रूडो की सरकार में खालिस्तानियों को हौसले बुलंद हैं। ऐसे में कई बार भारतीय मिशन पर हमला भी हुआ। कनाडा में भारतीय हिंदुओं के मंदिरों पर हमला किया गया। जस्टिन ट्रूडो की सरकार मूक दर्शक बनकर यह सब देखती रहती है।

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