Hindi Newsविदेश न्यूज़India extends financial support to the Maldives through the rollover of the USD 50 million Treasury Bill

कर्ज लेकर खुश है पाकिस्तान, उधर भारत ने मालदीव को दे दी 420 करोड़ की सहायता; खुश हुआ पड़ोसी

भारत ने मालदीव को 50 मिलियन डॉलर का कर्ज एक साल के लिए और बढ़ा दिया, ताकि मालदीव को अभी पैसे लौटाने की चिंता न करनी पड़े और वो अपनी आर्थिक दिक्कतों को ठीक कर सके।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, मालेMon, 12 May 2025 11:38 AM
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कर्ज लेकर खुश है पाकिस्तान, उधर भारत ने मालदीव को दे दी 420 करोड़ की सहायता; खुश हुआ पड़ोसी

हाल ही में जहां पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से 1 बिलियन डॉलर का कर्ज लेकर खुशी मना रहा है, वहीं भारत ने अपने पड़ोसी देश मालदीव को 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 420 करोड़ रुपये) के ट्रेजरी बिल को रोलओवर करके वित्तीय सहायता दी है। यह कदम भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति को दर्शाता है, जिसके तहत मालदीव को आर्थिक संकट से उबारने में मदद की गई है। मालदीव सरकार के अनुरोध पर, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने मालदीव के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ट्रेजरी बिल को एक और वर्ष के लिए रोलओवर किया है। यह कदम भारत द्वारा मालदीव को दी जाने वाली आपातकालीन वित्तीय सहायता का हिस्सा है, जो दोनों देशों के बीच गहरे रिश्तों को दर्शाता है।

इस सहायता के लिए मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने भारत और विदेश मंत्री एस. जयशंकर का आभार व्यक्त किया है। अब्दुल्ला खलील ने सोमवार को X पर लिखा, "मैं डॉ. एस. जयशंकर और भारत सरकार का इस महत्वपूर्ण वित्तीय सहयोग के लिए हार्दिक आभार प्रकट करता हूं। यह सहायता मालदीव और भारत के बीच घनिष्ठ मित्रता का प्रमाण है और हमारी सरकार की आर्थिक स्थिरता के लिए जारी सुधारात्मक प्रयासों में मदद करेगी।"

क्या बोला भारत?

भारत में मालदीव के उच्चायोग ने भी इस फैसले पर आधिकारिक बयान जारी किया। बयान में कहा गया है, “मालदीव सरकार के अनुरोध पर, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने वित्त मंत्रालय द्वारा जारी 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के सरकारी ट्रेजरी बिल को एक साल के लिए बिना ब्याज के सब्सक्राइब किया है।” यह भी बताया गया कि भारत सरकार 2019 से ऐसे ट्रेजरी बिल्स को सब्सक्राइब करती आ रही है और हर साल इन्हें नवीनीकृत किया जाता रहा है — वह भी बिना किसी ब्याज के, जो कि एक विशेष सरकार-से-सरकार के बीच की व्यवस्था है। बयान में आगे कहा गया, “मालदीव भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी और ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति एवं ‘महासागर’ दृष्टिकोण का एक अहम भागीदार है।”

भारत की इस मदद को हाल ही में मालदीव को दी गई आवश्यक दवाओं की आपूर्ति से भी जोड़कर देखा जा रहा है। 10 मई को भारत ने एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड (HLL) के माध्यम से मालदीव को आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराने का वादा किया था। इसके तहत मालदीव सरकार की स्टेट ट्रेडिंग ऑर्गनाइजेशन (STO) और HLL के बीच एक रणनीतिक समझौता हुआ है, जो भारत की ‘प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना’ (PMBJP) के अंतर्गत दवाओं की सुलभ और सस्ती आपूर्ति सुनिश्चित करता है। भारत की इस आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी मदद को दोनों देशों के बीच गहराते संबंधों का संकेत माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब दक्षिण एशिया में भारत-पाकिस्तान तनाव भी बना हुआ है।

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ट्रेजरी बिल का रोलओवर- क्या है इसका मतलब?

मालदीव की सरकार को पैसे की जरूरत थी, लेकिन उसके पास अभी पर्याप्त पैसा नहीं था। ऐसे में मालदीव ने भारत से मदद मांगी। भारत ने मालदीव को 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 420 करोड़ रुपये) का एक ट्रेजरी बिल दिया था। ट्रेजरी बिल एक तरह का कर्ज होता है, जो सरकारें जारी करती हैं और बाद में उसे चुकाना होता है।

अब इस ट्रेजरी बिल को चुकाने का समय आ गया था, लेकिन मालदीव के पास अभी भी इसे चुकाने के लिए पैसे नहीं थे। तो भारत ने कहा कि ठीक है, तुम्हें अभी पैसे वापस करने की जरूरत नहीं है, हम इस कर्ज को एक साल और के लिए बढ़ा देते हैं। इसे ही "रोलओवर" कहते हैं, यानी कर्ज को आगे बढ़ाना।

यह मदद भारत ने बिना किसी ब्याज के दी है, जो मालदीव के लिए बहुत फायदेमंद है, क्योंकि उसे इस पैसे पर कोई अतिरिक्त लागत नहीं देनी पड़ेगी। यह भारत और मालदीव की दोस्ती को भी दिखाता है, और मालदीव को अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने का मौका देता है। सीधे शब्दों में: भारत ने मालदीव को 50 मिलियन डॉलर का कर्ज एक साल के लिए और बढ़ा दिया, ताकि मालदीव को अभी पैसे लौटाने की चिंता न करनी पड़े और वो अपनी आर्थिक दिक्कतों को ठीक कर सके।

मालदीव की अर्थव्यवस्था इस समय कई चुनौतियों का सामना कर रही है। पर्यटन, जो मालदीव की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा है, 2023 में धीमी वृद्धि का शिकार रहा है। विश्व बैंक की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, मालदीव को अपनी आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए तत्काल और व्यापक आर्थिक सुधारों की जरूरत है। भारत की यह वित्तीय सहायता मालदीव को इन सुधारों को लागू करने में मदद कर सकती है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

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