कनाडा में हिंदुओं को नहीं मिली सुरक्षा; एक और भारतीय कैंप रद्द, 4000 लोग प्रभावित
- भारत ने सुरक्षा कारणों की वजह से टोरंटो में आयोजित होने वाले वाणिज्य दूतावास कैंप रद्द कर दिया है। इससे लगभग 4,000 लोग प्रभावित हुए हैं।
बढ़ते तनाव के बीच भारत ने कनाडा में कॉन्सुलर कैंप को एक बार फिर रद्द कर दिया है। कॉन्सुलेट ने कहा है कि हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाओं के बावजूद कनाडा हिंदुओं को सुरक्षा प्रदान करने में पूरी तरह फेल रहा है। यह दूसरी बार है जब वाणिज्य दूतावास शिविर रद्द किए गए हैं। इससे पहले कनाडा के टोरंटो में भारत के कॉन्सुलेट जनरल ने सुरक्षा एजेंसियों द्वारा भारतीय शिविर आयोजकों को सुरक्षा प्रदान करने में असमर्थता जताए जाने के बाद कुछ कैंप को रद्द करने का फैसला किया था। अब ओंटारियो प्रांत के हिंदू मंदिर ने रविवार को आयोजित होने वाले वाणिज्य दूतावास शिविर को रद्द करने की घोषणा की है। ओकविले में वैष्णो देवी मंदिर में 23 नवंबर को भारत के वाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित कैंप की मेजबानी करनी थी। इस शिविर में पेंशनभोगियों को लाइफ सर्टिफिकेट बांटे जाने वाले थे। हालांकि गुरुवार को मंदिर की कार्यकारी समिति ने एक बयान जारी कर शिविर रद्द करने की घोषणा की। इसने कहा कि शिविर को हेल्टन क्षेत्रीय पुलिस सेवा (HRPS) के प्रमुख रोजर विल्की से बातचीत के बाद रद्द कर दिया गया है।
विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर वाणिज्य दूतावास के कर्मचारियों, समुदाय के सदस्यों और आम जनता सहित सभी प्रतिभागियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कार्यक्रम को रद्द किया गया है। कॉन्सुलेट ने कहा कि पुलिस ने मौजूदा समय में सुरक्षा का आकलन करने के बाद यह निष्कर्ष निकला है कि यह आयोजन ऐसे तरीके से नहीं हो सकता है जिससे कर्मचारियों को खतरा हो। बयान में कहा गया है, "हमें इस बात का गहरा दुख है कि हमारे वरिष्ठ नागरिक और समुदाय के सदस्य पूजा स्थलों या सार्वजनिक संस्थानों में इन आवश्यक सेवाओं तक सुरक्षित रूप से नहीं पहुंच पा रहे हैं। हमारे समुदाय, विशेष रूप से हमारे बुजुर्ग सदस्यों की सुरक्षा को लेकर हम चिंतित हैं।”
इस बीच आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने बुधवार को धमकी दी थी कि वह इन कैंप्स में भारतीय अधिकारियों की मौजूदगी का विरोध करने के लिए रविवार को ओकविले मंदिर और 30 नवंबर को टोरंटो के लक्ष्मी नारायण मंदिर में प्रदर्शन करेगा। मामले पर खालिस्तानी गुरपतवंत पन्नू ने कहा, "SFJ का विरोध प्रदर्शन भारतीय राजनयिकों निशाना बनाने के लिए है न कि पूजा स्थलों को।” 3 नवंबर को ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर पर खालिस्तान समर्थक तत्वों द्वारा हिंसक हमला किए जाने के बाद से शिविरों के आयोजन को लेकर तनाव बना हुआ है। इसके बाद माल्टन में एक गुरुद्वारे के बाहर विरोध प्रदर्शन किए गए थे। 4 नवंबर को हिंदू सभा मंदिर के बाहर एक रैली भी निकाली गई। हालांकि इन घटनाओं से हिंसा की घटनाएं सामने आईं और अब तक इस संबंध में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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