क्या अंतरिक्ष में बच्चे पैदा कर सकता है मानव? चूहों पर हो रहे इस शोध से सुलझ सकती है गुत्थी
- अंतरिक्ष में मानव बस्ती बसाने के सपनों को लेकर वैज्ञानिक बीते कई सालों से शोध कर रहे हैं। ताजा रिसर्च के तहत इससे जुड़ी गुत्थियों को सुलझाने के लिए चूहों के स्पर्म को स्पेस भेजा जा रहा है।
अंतरिक्ष में मानव बस्ती बसाना इंसान की बड़ी महत्वकांक्षाओं में से एक है। इसके लिए अलग-अलग स्तर पर शोध भी चल रहे हैं। ऐसे में इंसान के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए रिसर्चर्स फिलहाल सबसे जटिल सवाल का जवाब तलाश कर रहा है। यह सवाल है कि क्या मानव अंतरिक्ष में बच्चे पैदा कर सकते हैं? स्पेस एक्सप्लोरेशन में काफी तरक्की करने के बाद भी यह सवाल अब तक वैज्ञानिकों को परेशान कर रहा है। अब जापानी के कुछ शोधकर्ता इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए एक शोध कर रहे हैं।
वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि अंतरिक्ष की परिस्थितियों में स्तनधारी जीवों की प्रजनन क्षमता या बच्चे पैदा करने की क्षमता कैसे प्रभावित होती है। इसके जरिए वह पृथ्वी के वातावरण से बाहर मानव जीवन की महत्वाकांक्षाओ से जुड़ी जानकारियां इकठ्ठा करेंगे। जापान की यामानाशी यूनिवर्सिटी के एडवांस्ड बायोटेक्नोलॉजी सेंटर के प्रोफेसर टेरुहिको वाकायामा इस प्रकिया को समझने के शोध कर रही टीम का नेतृत्व कर रहे हैं। इसके लिए चूहों के स्पर्म को फ्रिज कर स्पेस में भेजा गया है। स्पर्म को खास रूप से डिजाइन किए गए रेडिएशन प्रूफ बॉक्स में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर भेजा गया है। इन स्पर्म को जांच के लिए 2025 में पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा।
मील का पत्थर साबित हो सकते हैं नतीजे
टाइम्स ऑफ इंडिया ने वाकायामा के हवाले से बताया, "साइंस फिक्शन स्टोरीज में लोग दूसरे ग्रहों पर रहते हैं और बच्चे पैदा करते हैं लेकिन हम अभी तक नहीं जानते हैं कि क्या यह संभव है। अगर अंतरिक्ष में यह हो सकता है तो हम आश्वस्त हो जाएंगे। अगर नकारात्मक परिणाम मिले तो हमें समाधान की जरूरत है।" मौजूदा माउस स्पर्म शोध से अलग वाकायामा अंतरिक्ष में प्रजनन रिसर्च को लेकर एक टेक्नोलॉजी भी विकसित कर रहे हैं। एक पहल के जरिए वह माइक्रोग्रैविटी में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) के लिए एक डिवाइस बना रहे हैं। दो साल के अंदर इसका इस्तेमाल ISS पर शुरू किया जा सकता है। अगर ये रिसर्च सफल साबित होते हैं तो मानव अस्तित्व के इतिहास में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।
स्तनधारी जीवों पर शोध
वाकायामा के शोध का मकसद यह पता लगाना है कि क्या अंतरिक्ष की परिस्थितियों के संपर्क में आने के बाद भी जेनेटिक मटेरियल के जरिए स्वस्थ बच्चे पैदा किए जा सकते हैं। इस शोध के निष्कर्ष यह समझने की कोशिश की जाएगी कि मनुष्य सहित स्तनधारी जीव धरती के बाहर के वातावरण में कैसे प्रजनन कर सकते हैं। इससे पहले अलग-अलग जीवों पर इस तरह के शोध किए गए है। जहां मुर्गियों की प्रजनन क्षमता बुरी तरह प्रभावित हुई वहीं मेंढक, मछली और घोंघे जैसी प्रजातियों की प्रजनन प्रक्रिया पूरी करने में सफलता मिली थी।
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