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कभी विकसित देशों में गिने जाने वाले जापान का बुरा हाल, कैसे सेक्स टूरिज्म कैपिटल बनी टोक्यो?

  • दुनिया के सबसे विकसित देशों में शुमार जापान की राजधानी इन दिनों बुरे दौर से गुजर रही है। टोक्यो एशिया से आए लोगों के लिए सेक्स टूरिज्म हब बन गया है और महिलाओं की स्थिति दयनीय है।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तानFri, 22 Nov 2024 09:34 AM
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अक्सर यह माना जाता है कि किसी देश में सेक्स टूरिज्म का मुख्य कारण गरीबी है। रोजगार के अवसरों की कमी, खास तौर पर गरीब पृष्ठभूमि की महिलाओं के लिए, उन्हें वेश्यावृत्ति में धकेल देता है। हालांकि दुनिया के सबसे संपन्न देशों में गिने जाने वाले जापान की राजधानी टोक्यो एशिया के नए सेक्स टूरिज्म के केंद्र के रूप में उभर रही है, जो कई सवाल खड़े करता है। जापान ने कभी आर्थिक विकास का सर्वश्रेष्ठ दौर देखा। देश ने विदेशी निवेश को भी आकर्षित किया। हालांकि अब स्थिति बदल गई है। टोक्यो अब सेक्स टूरिज्म के लिए सबसे प्रचलित जगह बन गया है, जो ऐसे अनुभव की तलाश करने वाले विदेशी पुरुषों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है।

इस तरह के बदलाव के पीछे का मुख्य कारण देश की करंसी येन का लगातार कम होना और बढ़ती गरीबी है। जापान लाइजन काउंसिल प्रोटेक्टिंग यूथ्स (सिबोरेन) के महासचिव योशीहिदे तनाका ने मौजूदा स्थिति पर बातचीत करते हुए गंभीर स्थिति पर जोर दिया। वे कहते हैं, "जापान एक गरीब देश बन गया है। कोविड महामारी के बाद यात्रा पर लगाए गए प्रतिबंध हटा दिए गए। इसके तुरंत बाद यहां आने वाले विदेशियों की संख्या बढ़ने लगी। तनाका कहते हैं कि विदेशी पुरुष कई देशों से आते हैं। उनमें गोरे, एशियाई, अश्वेत हैं, लोग शामिल होते हैं। हालांकि सबसे अधिक चीनी हैं। तनाका ने कहा कि इन सैलानियों की मांगों को देखते हुए कई किशोरियां और 20 की उम्र की लड़कियां सेक्स उद्योग की ओर रुख करने लगी हैं।

टोक्योहाइव के मुताबिक हाल के दिनों में टोक्यो के काबुकिचो जिले में वेश्यावृत्ति का कारोबार तेजी से बढ़ा है। तनाका ने इस बात पर जोर दिया कि इस क्षेत्र के बार, लव होटल और होस्ट क्लबों की भूलभुलैया में महिलाओं का शोषण जारी है। काबुकीचो में रोजगार और बेहतर जीवन स्तर की तलाश करने वाली युवा महिलाएं अक्सर बढ़ते वित्तीय दबावों के कारण सेक्स वर्क में घुस जाती हैं। एक बार इस उद्योग में फंस जाने के बाद उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कई बार गर्भपात भी करवाना पड़ता है। गौरतलब है कि उनके आधे ग्राहक विदेशी नागरिक हैं। इसके अलावा ग्राहक कभी-कभी इन महिलाओं को हिंसा का शिकार बनाते हैं जिसकी रिपोर्टिंग भी नहीं की जाती। पुलिस और सरकारी अधिकारियों के रवैये से स्थिति और भी खराब हो गई है जो सेक्स व्यापार में शामिल महिलाओं का साथ नहीं देते हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि उच्च स्तर के अधिकारी भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं।

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