दुनिया के लिए अच्छी खबर, अमेरिका-चीन के बीच हो गई ट्रेड डील; आज बताएंगे डिटेल
सोमवार यानी आज संयुक्त बयान के साथ यह स्पष्ट होगा कि क्या यह वार्ता वास्तव में वैश्विक व्यापार के लिए एक नई शुरुआत की ओर ले जाएगी, या यह केवल एक अस्थायी राहत होगी।

अमेरिका और चीन के बीच दो दिनों तक चली उच्च-स्तरीय व्यापार वार्ता रविवार को एक सकारात्मक मोड़ पर समाप्त हुई। दोनों देशों के अधिकारियों ने इस वार्ता में "महत्वपूर्ण प्रगति" की बात कही, हालांकि कोई विस्तृत जानकारी अभी तक साझा नहीं की गई है। दोनों पक्षों ने घोषणा की कि सोमवार को एक संयुक्त बयान जारी किया जाएगा, जिसमें वार्ता के परिणामों का खुलासा होगा।
अमेरिकी अधिकारियों ने इसे “डील” बताया है जो अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने में मदद करेगी। वहीं, चीनी उप-प्रधानमंत्री हे लिफेंग ने इसे “सार्थक और रचनात्मक संवाद” करार देते हुए कहा कि इस पर आधारित संयुक्त बयान सोमवार को जिनेवा में जारी किया जाएगा। चीन के उप-वाणिज्य मंत्री ली चेंगगांग ने इसे "दुनिया के लिए अच्छी खबर" बताया।
क्यों हो रही है बातचीत?
यह वार्ता दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच चल रहे व्यापार युद्ध को शांत करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। इस व्यापार युद्ध ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फरवरी में शुरू किए गए टैरिफ हमले और इसके जवाब में बीजिंग की प्रतिक्रिया ने दोनों देशों के बीच लगभग 600 बिलियन डॉलर के वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार को लगभग ठप कर दिया है। अमेरिका ने चीनी सामानों पर 145% और चीन ने अमेरिकी सामानों पर 125% टैरिफ लगाए हैं।
शनिवार और रविवार को स्विट्जरलैंड के संयुक्त राष्ट्र राजदूत के आधिकारिक आवास पर आयोजित इस वार्ता में अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेन्ट, अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीर और चीनी उप-प्रधानमंत्री हे लिफेंग ने हिस्सा लिया। यह ट्रंप के कार्यकाल में दोनों देशों के वरिष्ठ आर्थिक अधिकारियों की पहली आमने-सामने की बैठक थी।
टैरिफ पर कोई स्पष्टता नहीं
हालांकि बातचीत में काफी प्रगति की बात कही गई, लेकिन 145% अमेरिकी टैरिफ और 125% चीनी टैरिफ को लेकर कोई सीधी बात सामने नहीं आई। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीयर और ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेन्ट ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि समझौते की विस्तृत जानकारी सोमवार को साझा की जाएगी। हालांकि, उन्होंने प्रेस से कोई सवाल नहीं लिया।
ग्रीयर ने कहा, “हमने अपने चीनी साझेदारों के साथ एक डील की है जो 1.2 ट्रिलियन डॉलर के अमेरिकी वैश्विक व्यापार घाटे को कम करने में मदद करेगी। बातचीत बहुत ही रचनात्मक रही और यह समझना जरूरी है कि हम कितनी जल्दी इस समझौते पर पहुंचे।”
डब्ल्यूटीओ की सराहना और नई पहल
चीन के उप-प्रधानमंत्री हे लिफेंग ने WTO के जिनेवा कार्यालय में मौजूद चीनी अधिकारियों की भारी भीड़ के सामने कहा, “यह बैठक निष्पक्ष, गहन और सकारात्मक रही।” उन्होंने WTO की महानिदेशक एंगोजी ओकोंजो-इवेला से भी मुलाकात की, जिन्होंने वार्ता के परिणाम को "सकारात्मक संकेत" बताया और दोनों देशों से आग्रह किया कि वे इस रफ्तार को आगे बढ़ाएं।
हे ने यह भी बताया कि अमेरिका और चीन ने व्यापार और आर्थिक मुद्दों पर नई परामर्श प्रणाली शुरू करने पर सहमति बनाई है। इससे पहले भी दोनों देश कई संवाद मंच स्थापित कर चुके हैं, जैसे कि 2023 में अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी जेनेट येलन और हे लिफेंग द्वारा शुरू किया गया 'इकोनॉमिक वर्किंग ग्रुप'।
ट्रंप सरकार का ऐक्शन
यह बैठक उस समय हो रही है जब ट्रंप प्रशासन ने फिर से चीन पर व्यापार शुल्कों का दबाव बढ़ाया है। फरवरी में उन्होंने 20% टैरिफ लगाया और अप्रैल में 34% ‘जवाबी टैरिफ’ की घोषणा की। अब तक इन शुल्कों ने करीब $600 बिलियन के दोतरफा व्यापार को ठप कर दिया है। हालांकि, शुक्रवार को ट्रंप ने पहली बार संकेत दिया कि चीन पर 80% शुल्क “उचित” हो सकता है, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि टैरिफ में कमी की दिशा में बातचीत हो रही है। ग्रीयर ने कहा, “हम आश्वस्त हैं कि यह समझौता अमेरिका की व्यापार आपात स्थिति को सुलझाने में मदद करेगा, जिसकी घोषणा राष्ट्रपति ट्रंप ने की थी।”
व्हाइट हाउस और नई व्यापार डील्स के संकेत
व्हाइट हाउस ने रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में इस समझौते की घोषणा की लेकिन उसमें कोई नई जानकारी नहीं दी गई। व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार केविन हासेट ने बताया कि चीन “बेहद उत्सुक” था इस बातचीत के लिए और अमेरिका के साथ व्यापार संतुलन बहाल करना चाहता है। हासेट ने यह भी संकेत दिए कि अन्य देशों के साथ भी इसी सप्ताह और व्यापार समझौते हो सकते हैं। हाल ही में ब्रिटेन के साथ हुए सीमित व्यापार समझौते की तरह करीब दो दर्जन डील्स पर काम चल रहा है।
दुनिया के लिए अच्छी खबर क्यों?
अमेरिका और चीन के बीच जिनेवा में हुई व्यापार वार्ता को "दुनिया के लिए अच्छी खबर" माना जा रहा है, क्योंकि यह दोनों देशों के बीच चल रहे तीखे व्यापार युद्ध को शांत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस युद्ध ने वैश्विक सप्लाई चैन को बाधित किया, व्यापार लागत बढ़ाई और वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी के कगार पर ला खड़ा किया। वार्ता में हुई "महत्वपूर्ण सहमति" और टैरिफ कम करने की संभावना से निवेशकों और व्यवसायों में उम्मीद जगी है, जिसका असर शेयर बाजारों में तेजी के रूप में दिखा। यह प्रगति न केवल अमेरिका और चीन, बल्कि वैश्विक व्यापार और आर्थिक स्थिरता के लिए सकारात्मक संकेत देती है।
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