भारत ने पाकिस्तान के दोस्त चीन पर लगा दिया टैरिफ, अब इन कंपनियों को होगा फायदा, कल रहेगी निवेशकों की नजर
India Tariffs: बोरोसिल रिन्यूएबल्स के शेयर आने वाले दिनों में फोकस में रह सकते हैं।

India Tariffs: बोरोसिल रिन्यूएबल्स के शेयर (Borosil Renewables Ltd share) आने वाले दिनों में फोकस में रह सकते हैं। बीते शुक्रवार को कंपनी के शेयर 10% तक चढ़ सकते हैं और यह शेयर 532.65 रुपये पर पहुंच गया था। शेयरों में तेजी के पीछे भारत का एक बड़ा ऐलान है। दरअसल, भारत ने घरेलू निर्माताओं को इन दोनों देशों से सस्ते आयात से बचाने के लिए चीन और वियतनाम से एक निश्चित प्रकार के सोलर ग्लास के आयात पर पांच साल के लिए 664 अमेरिकी डॉलर प्रति टन तक का डंपिंग रोधी शुल्क लगाया है। यानी अब सोलर ग्लास से संबंधित भारतीय कंपनियों के शेयर में तेजी आ सकती है। बता दें कि सोलर पैनलों में इस्तेमाल होने वाले इन ग्लास को सोलर ग्लास, लो आयरन सोलर ग्लास, सोलर पीवी ग्लास, हाई ट्रांसमिशन फोटोवोल्टिक ग्लास और टेम्पर्ड लो आयरन पैटर्न्ड सोलर ग्लास भी कहा जाता है।
क्या है डिटेल
वाणिज्य मंत्रालय की जांच शाखा व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) ने चीन और वियतनाम से 'टेक्सचर्ड टफन्ड (टेम्पर्ड) कोटेड और अनकोटेड ग्लास' की डंपिंग पर डिटेल जांच करने के बाद इसकी सिफारिश की थी, जिसके बाद यह शुल्क लगाया गया। वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा, "इस अधिसूचना के तहत लगाया गया डंपिंग रोधी शुल्क अनंतिम डंपिंग रोधी शुल्क लगाए जाने की तारीख से पांच साल की अवधि के लिए प्रभावी होगा, यानी 4 दिसंबर, 2024, जब तक कि इसे पहले ही रद्द, संशोधित या प्रतिस्थापित नहीं किया जाता है।" लगाया गया शुल्क 570 अमेरिकी डॉलर प्रति टन और 664 अमेरिकी डॉलर प्रति टन के बीच होगा। डीजीटीआर ने घरेलू उद्योग की ओर से बोरोसिल रिन्यूएबल्स लिमिटेड से इस संबंध में आवेदन मिलने के बाद जांच की।
BSE ने क्या कहा?
बीएसई फाइलिंग में बोरोसिल ने इस निर्णय की सराहना की है और कहा है कि इससे सोलर ग्लास के घरेलू विनिर्माण में तेजी से और महत्वपूर्ण वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। देशों द्वारा एंटी-डंपिंग जांच की जाती है ताकि यह पता लगाया जा सके कि सस्ते आयात में वृद्धि के कारण घरेलू उद्योगों को नुकसान पहुंचा है या नहीं। एक जवाबी उपाय के रूप में, वे जिनेवा स्थित विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की बहुपक्षीय व्यवस्था के तहत ये शुल्क लगाते हैं। भारत और चीन दोनों ही बहुपक्षीय संगठनों के सदस्य हैं, जो वैश्विक व्यापार मानदंडों से निपटते हैं। शुल्क का उद्देश्य निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को सुनिश्चित करना और विदेशी उत्पादकों और निर्यातकों के मुकाबले घरेलू उत्पादकों के लिए समान अवसर बनाना है।भारत ने चीन सहित विभिन्न देशों से सस्ते आयात से निपटने के लिए पहले ही कई उत्पादों पर एंटी-डंपिंग शुल्क लगा दिया है।