जहां मन हो शादी कर लो, जनसंख्या बढ़ाने के लिए क्या-क्या कर रहा चीन; तलाक को बना दिया मुश्किल
- ये कदम जन्म दर में तीव्र गिरावट को रोकने के लिए उठाए जा रहे हैं। नए प्रस्तावों के तहत चीनी अधिकारी अब विवाह के लिए आवेदन करने वाले जोड़ों से हुकू यानी घरेलू पंजीकरण की मांग नहीं करेंगे।
चीन पिछले लंबे समय से जनसंख्या दर में गिरावट को लेकर परेशान है। दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश चीन इस समस्या से उबरने के लिए तरह-तरह के प्रयास कर रहा है। हालांकि इन प्रयासों ने आम जनता का जीना दुश्वार कर दिया है। चीन जनसंख्या दर में वृद्धि के लिए तरह-तरह के उपाय अपना रहा है और युवा आबादी से लुभावने वादे किए जा रहे हैं। अब चीन ने विवाह पंजीकरण को आसान बना दिया है लेकिन इसके साथ ही तलाक को और अधिक कठिन बनाने का प्रस्ताव रखा है। इन उपायों ने लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है।
ये कदम जन्म दर में तीव्र गिरावट को रोकने के लिए उठाए जा रहे हैं। नए प्रस्तावों के तहत चीनी अधिकारी अब विवाह के लिए आवेदन करने वाले जोड़ों से हुकू यानी घरेलू पंजीकरण की मांग नहीं करेंगे। इसके अलावा, प्रस्तावित संशोधन में तलाक चाहने वालों के लिए 30 दिन की कूलिंग-ऑफ अवधि भी जोड़ी गई है। बताया जा रहा है कि यह नियम 2021 में पहले ही लागू हो चुका है। इससे विवाह से बाहर निकलना और भी मुश्किल हो गया है। लेकिन चीनी मीडिया आउटलेट्स ने इन बदलावों को “वैवाहिक स्वतंत्रता” को बढ़ावा देने के प्रयास के रूप में प्रचारित किया है। मसौदे में कहा गया है कि तलाक के लिए 30 दिन का कूलिंग ऑफ पीरियड होगा, जिसके दौरान यदि कोई भी पक्ष तलाक के लिए तैयार नहीं है, तो वे आवेदन वापस ले सकते हैं, जिससे तलाक पंजीकरण प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी।
विवाह के लिए घरेलू पंजीकरण नहीं मांगने के फैसले पर लोग सवाल उठा रहे हैं। सोशल मीडिया पर सार्वजनिक आक्रोश देखा जा रहा है। चीनी लोगों ने अधिकारियों की मंशा पर सवाल उठाए हैं। उनका मानना है कि ऐसे तो लोग एक से ज्यादा विवाह करेंगे। उन्होंने धोखाधड़ी के बारे में चिंता व्यक्त की है। एक्स की तरह चीन के सोशल प्लेटफॉर्म वीबो डॉट कॉम पर एक यूजर ने लिखा, "क्या तलाक के लिए कूलिंग-ऑफ अवधि को वैवाहिक स्वतंत्रता माना जा सकता है?" शुक्रवार की सुबह वीबो की ट्रेंडिंग लिस्ट में इन प्रस्तावों को लेकर चर्चाएं गरम रहीं। 10 करोड़ से अधिक बार इस तरह की पोस्ट देखी गईं। एक यूजर ने लिखा, "तलाक लेने का मेरा अधिकार कहां है?"
चीन सरकार ने काफी समय पहले अपनी 2 बच्चों वाली जन्म नियंत्रण नीतियों को खत्म कर दिया था। अब प्रजनन दर को बढ़ाने के उपायों के बावजूद नए जन्मों में लगातार गिरावट को रोकने के लिए संघर्ष कर रही है। वहीं दंपति के लिए अलग होना अब और अधिक कठिन बनाया जा रहा ताकि तलाक दर में गिरावट लाई जा सके जिससे अधिक बच्चे पैदा किए जाने की गुंजाइश बनी रही। ऐसी भी रिपोर्टें सामने आई हैं कि चीन में युवा शादी को लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं हैं। शंघाई स्थित समाचार साइट द पेपर के अनुसार, आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष की पहली छमाही में केवल 34.3 लाख कपल शादी के बंधन में बंधे, जो 1980 के बाद से सबसे कम है।
नागरिक मामलों के मंत्रालय ने इस सप्ताह 11 सितंबर तक विवाह और तलाक प्रक्रियाओं में प्रस्तावित संशोधनों पर सार्वजनिक टिप्पणियां मांगना शुरू कर दिया है। दशकों से घरेलू विवाह पंजीकरण की ऑरिजिनल कॉपी एक अनिवार्य दस्तावेज रही हैं और द्विविवाह को रोकने के तरीके के रूप में इस्तेमाल की जाती हैं। यानी अगर कोई कपल दोबारा शादी करना चाहता है तो उसे वहीं रजिस्टर कराना होगा जहां उसकी पहली शादी का रजिस्ट्रेशन जारी किया गया था। लेकिन अब प्रस्तावित परिवर्तनों से लोगों को देश में कहीं भी विवाह करने की अनुमति मिल जाएगी, बस उन्हें अपना पहचान पत्र और घोषणापत्र देना होगा जिससे यह पुष्टि हो सके कि वे विवाह करने के योग्य हैं।
चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर एक नेटीजन ने लिखा, "शादी करना आसान है, लेकिन तलाक लेना मुश्किल है, यह कितना बेवकूफी भरा नियम है।" इस पोस्ट को हजारों लोगों ने लाइक किया है। शीआन जियाओतोंग विश्वविद्यालय के जनसंख्या और विकास अध्ययन संस्थान के प्रोफेसर जियांग क्वानबाओ ने सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स को बताया कि इस नियमन का उद्देश्य "विवाह और परिवार के महत्व को बढ़ावा देना है।"
(इनपुट एजेंसी)
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