'शादीशुदा जीवन में सेक्स कोई ड्यूटी नहीं', पति संग सोने से इनकार करने वाली महिला को कोर्ट से राहत
- रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांसीसी महिला की शादी साल 1984 में हुई थी। उसके 4 बच्चे हुए। इसके कुछ समय बाद वह पति से तलाक की मांग करने लगी। हालांकि, इसके लिए वह खुद को दोषी ठहराए जाने को गलत मानती रही।
फ्रांस की कोर्ट ने शादीशुदा जीवन में सेक्स की भूमिका को लेकर अहम टिप्पणी की है। एक फ्रांसीसी महिला को अदालतों ने तलाक के लिए दोषी ठहराया था क्योंकि वह अब अपने पति के साथ यौन संबंध नहीं बनाती थी। इसे लेकर उसने यूरोप की शीर्ष मानवाधिकार अदालत में अपील दायर की थी, जिसका फैसला उसके पक्ष में रहा। कोर्ट ने कहा, 'सेक्स वैवाहिक कर्तव्य नहीं है।' अब अदालत के ताजा फैसले को लेकर फ्रांस में महिलाओं के अधिकारों पर नए सिरे से बहस छिड़ गई है। लोग इसे लेकर अपनी-अपनी राय जाहिर कर रहे हैं।
फ्रांसीसी महिला की पहचान सुश्री एच.डब्ल्यू के तौर हुई है, जिसका जन्म 1955 में हुआ था। तलाक के लगभग एक दशक बाद फ्रांस में उसके सामने कानूनी रास्ते बंद हो चुके थे। इसे देखते हुए उसने साल 2021 में यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय का रुख किया। इसने अपने फैसले में कहा कि फ्रांसीसी अदालतों ने महिला के निजी और पारिवारिक जीवन के सम्मान के अधिकार का उल्लंघन किया है। बयान में कहा गया, 'मौजूदा मामले में अदालत कामुकता में हस्तक्षेप को उचित ठहराने के किसी भी कारण की पहचान नहीं कर सकी।'
पति से संबंध बनाने से कर दिया इनकार
रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांसीसी महिला की शादी साल 1984 में हुई थी। उसके 4 बच्चे हुए। इसके कुछ समय बाद वह पति से तलाक की मांग करने लगी। हालांकि, इसके लिए वह खुद को दोषी ठहराए जाने को गलत मानती रही। उसने तर्क दिया कि यह उसके निजी जीवन में एक तरह की घुसपैठ और शारीरिक इच्छाओं का उल्लंघन होगा। महिला ने बताया कि साल 2004 के बाद से उसने पति के साथ संबंध नहीं बनाए हैं। इसके लिए वह अपनी स्वास्थ्य समस्याओं और पति की ओर से हिंसा को कारण बताया। यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय ने उसके इन तर्कों को गंभीरता से लिया और उसके पक्ष में फैसला सुनाया।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।