बिगड़ते हालात के बीच ढाका पहुंचे भारत के विदेश सचिव; हिंदुओं की सुरक्षा पर क्या होगा बांग्लादेश का रुख?
- भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्तों में बीते दिनों तनाव बढ़ गए हैं। इस बीच विदेश सचिव विक्रम मिस्री अंतरिम सरकार के साथ बातचीत करने के लिए ढाका पहुंचे हैं।
बांग्लादेश में हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद माहौल सामान्य नहीं है। भारत और बांग्लादेश ने सार्वजनिक तौर पर एक-दूसरे के खिलाफ टिप्पणी की है। भारत ने जहां बार-बार बांग्लादेश में हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया है वहीं दूसरी तरफ बांग्लादेश में यूनुस सरकार ने भारत पर गलत नैरेटिव बनाने का आरोप लगाया है। इस बीच भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करने के लिए सोमवार सुबह ढाका पहुंचे हैं। अधिकारियों ने बताया कि बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद यह पहली उच्च स्तरीय आधिकारिक यात्रा है।
दोनों देशों के विदेश सचिव फॉरेन ऑफिस कंसल्टेशन (एफओसी) में भाग लेकर द्विपक्षीय संबंधों के मुद्दों पर चर्चा करेंगे। 4 दिसंबर को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा कि दोनों देशों के विदेश सचिव आपसी हितों पर बातचीत करेंगे। इससे पहले इस साल सितंबर में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश सलाहकार (मंत्री) मोहम्मद तौहीद हुसैन ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी। इस बातचीत में अच्छे संबंध बनाए रखने पर सहमति हुई थी और भारत और बांग्लादेश के बीच एफओसी आयोजित करने का भी फैसला किया गया था।
इस बीच बांग्लादेश से लगातार अल्पसंख्यकों पर हमलों की खबरें आ रही हैं। 6 दिसंबर को ढाका के बाहरी इलाके में एक और हिंदू मंदिर में कथित तौर पर आग लगा दी गई थी। ढाका के उत्तर में धोर गांव में महाभाग्य लक्ष्मीनारायण मंदिर पर शुक्रवार देर रात हमला हुआ था। मंदिर के पर्यवेक्षक बाबुल घोष ने कहा कि मंदिर को जलाने के लिए अज्ञात बदमाशों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। बाबुल घोष ने कहा कि हमलावरों ने मूर्तियों पर पेट्रोल डाला और उनके कदमों की आवाज सुनकर भाग गए।
वहीं आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास कथित राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार हैं। विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर दबाव डाला है कि वह सुनिश्चित करे कि उनके कानूनी अधिकारों का सम्मान किया जाए और उसकी निष्पक्ष और पारदर्शी सुनवाई हो। चिन्मय कृष्ण दास को 25 नवंबर को ढाका में 'देशद्रोह' के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था। इस मामले की अगली सुनवाई अगले साल जनवरी में होनी है।
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