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पाक में क्यों कत्लेआम मचा रही बलूच आर्मी, बेबस सरकार; अब तक के सबसे बड़े हमले की इनसाइड स्टोरी

  • बलूच आर्मी के ट्रेन पर इस तरह के बड़े हमले ने देशभर में हलचल मचा दी है। यह BLA का पहला ऐसा ऑपरेशन था जिसमें इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों को बंधक बनाया गया।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, क्वेटाThu, 13 March 2025 10:07 AM
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पाक में क्यों कत्लेआम मचा रही बलूच आर्मी, बेबस सरकार; अब तक के सबसे बड़े हमले की इनसाइड स्टोरी

पाकिस्तान का दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र, खासकर बलूचिस्तान प्रांत हाल के दिनों में हिंसक हमलों में बढ़ोतरी का गवाह बना है। मंगलवार, 11 मार्च को जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हुए हमले ने इस क्षेत्र की खस्ता हालत को फिर से उजागर किया है। दरअसल बलूचिस्तान में विद्रोही संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने मंगलवार को एक यात्री ट्रेन पर हमला कर कथिततौर पर 21 लोगो की हत्या कर दी। यह घटना तब हुई जब BLA के लड़ाकों ने जाफर एक्सप्रेस पर कब्जा कर लिया और सैकड़ों यात्रियों को बंधक बना लिया। पाकिस्तानी सेना ने बुधवार को सभी 50 हमलावरों को मार गिराने का दावा किया और बचे हुए यात्रियों को सुरक्षित निकालने की बात कही। हालांकि बलूच आर्मी ने पाक सेना के दावो को खारिज करते हुए कहा है कि उलटा उसने 50 सैनिक मार डाले। बलूचिस्तान लंबे समय से अलगाववादी विद्रोह का गढ़ रहा है, लेकिन ट्रेन पर इस तरह के बड़े हमले ने देशभर में हलचल मचा दी है। यह BLA का पहला ऐसा ऑपरेशन था जिसमें इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों को बंधक बनाया गया और सुरक्षा बलों को खुली चुनौती दी गई। अब सवाल उठता है कि आखिर इस क्षेत्र में हिंसा और अशांति क्यों बढ़ रही है? आइए, इसके पीछे के कारणों को समझते हैं।

बलूचिस्तान का इतिहास और क्यों उग्र हो रहा है बलूच विद्रोह?

बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा लेकिन सबसे कम आबादी वाला प्रांत है। यह प्रांत प्राकृतिक संसाधनों जैसे प्राकृतिक गैस, तांबा और सोने से समृद्ध है, लेकिन यहां की स्थानीय आबादी लंबे समय से यह आरोप लगाती रही है कि केंद्र सरकार इन संसाधनों का दोहन करती है और उन्हें इसका लाभ नहीं मिलता। बलूच समुदाय का दावा है कि उनकी जमीन और संसाधनों पर उनका हक छीना जा रहा है, जिसके चलते वे स्वतंत्रता की मांग करते हैं। इस असंतोष ने बलूच अलगाववादी आंदोलनों को जन्म दिया, जिनमें बीएलए सबसे प्रमुख संगठन है।

बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) का उदय

बीएलए कुछ देशों में प्रतिबंधित संगठन है जो बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग करने के लिए सशस्त्र संघर्ष कर रहा है। विद्रोही संगठन 2000 के दशक से ही इस क्षेत्र की स्वतंत्रता और प्राकृतिक संसाधनों पर अधिक नियंत्रण की मांग कर रहा है। हाल के वर्षों में इस समूह ने अपनी गतिविधियों को तेज किया है और हमलों के तरीकों में बदलाव लाया है। पहले जहां यह संगठन ज्यादातर सैन्य ठिकानों या सरकारी संपत्तियों को निशाना बनाता था, वहीं अब यह नागरिकों और बड़े पैमाने पर परिवहन साधनों, जैसे ट्रेनों, को भी टारगेट कर रहा है। जाफर एक्सप्रेस पर हमला इसकी सबसे नई और साहसिक रणनीति का उदाहरण है, जो पाकिस्तान में पहली बार किसी पूरी ट्रेन को हाइजैक करने की घटना थी।

चीन भी निशाने पर

BLA ने अक्सर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और चीन के नागरिकों को निशाना बनाया है, जो चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) की बहु-अरब डॉलर की परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। संगठन का कहना है कि इस परियोजना से बलूच लोगों को कोई फायदा नहीं हो रहा, बल्कि उनके संसाधनों का शोषण किया जा रहा है।

BLA की बढ़ती ताकत से चिंतित सरकार

विशेषज्ञों का मानना है कि हाल के वर्षों में BLA पहले से अधिक शक्तिशाली हुआ है और अब इसे पाकिस्तानी तालिबान (TTP) के बराबर खतरा माना जा रहा है। यह संगठन अब बलूचिस्तान के बाहर भी हमले करने में सक्षम हो गया है, जिसका उदाहरण कराची जैसे बड़े शहरों में हुए हमले हैं।

भारत पर आरोप, ईरान से भी तनाव

इस हमले के बाद पाकिस्तान सरकार ने एक बार फिर भारत पर BLA को समर्थन देने का आरोप लगाया। हालांकि, नई दिल्ली ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। पाकिस्तान का यह भी कहना है कि BLA के कुछ गुट पाकिस्तानी तालिबान से सांठगांठ कर रहे हैं।

बलूचिस्तान में हिंसा का एक और कारण पाकिस्तान और ईरान के बीच तनावपूर्ण संबंध भी हैं। दोनों देशों की 900 किलोमीटर लंबी सीमा पर विद्रोही संगठन और तस्कर सक्रिय हैं। हाल ही में पाकिस्तान और ईरान ने एक-दूसरे की सीमा पर हवाई हमले किए थे, जिससे हालात और बिगड़ गए हैं।

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर असर

सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि बलूचिस्तान में लगातार हो रहे हमलों से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो सकता है। विदेशी निवेशक पहले ही देश की अस्थिरता से चिंतित हैं और ऐसे हमले हालात को और बिगाड़ सकते हैं।

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हमले के राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव

BLA के इस हमले ने बलूचिस्तान में तनाव को और बढ़ा दिया है। हालांकि, सुरक्षा विश्लेषक सैयद मुहम्मद अली का कहना है कि निर्दोष नागरिकों की हत्या से BLA की स्थानीय समर्थन आधार कमजोर हो सकता है। उन्होंने कहा, "इस हमले ने BLA को मीडिया में सुर्खियां जरूर दी हैं, लेकिन बलूच जनता ऐसे हमलों को पसंद नहीं करती, खासकर जब इसमें निर्दोष लोग मारे जाते हैं।"

क्या होगा आगे?

बलूचिस्तान में जारी विद्रोह से निपटने के लिए पाकिस्तान सरकार ने कई बार सैन्य अभियान चलाए हैं, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है। BLA जैसे संगठन लगातार मजबूत हो रहे हैं, जिससे पाकिस्तान के लिए सुरक्षा संकट और बढ़ता जा रहा है।

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