पाकिस्तान का हाल देख 'भाई' चीन भी परेशान! क्यों जाफर ट्रेन कांड से बढ़ गई उसकी टेंशन
- पाकिस्तान सरकार के साथ बलूचिस्तान की तकरार की खबरें नई नहीं हैं। बलूचिस्तान में खनिजों और संसाधनों का भंडार है। अब बलूच दावा करते हैं कि पाकिस्तान सरकार इन संसाधनों का दोहन करती है, जिनपर मूल निवासियों का हक है।

क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्स्प्रेस को हाईजैक किए जाने के बाद शुरू हुए हाई वोल्टेज ऑपरेशन खत्म होने की खबरें हैं। दावा किया जा रहा है कि सभी आतंकवादियों को मार दिया गया है। इस घटना की जिम्मेदारी BLA यानी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने ली थी। मौजूदा ऑपरेशन भले ही पूरा हो गया हो, लेकिन एक साल में पाकिस्तान में हुई कम से कम 15 घटनाओं में BLA का जिक्र आ चुका है। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि ये घटनाएं करीब 3900 किमी दूर बैठे पाकिस्तान के 'भाई' चीन की चिंता बढ़ा सकती हैं।
पाकिस्तान और चीन 'भाई'
मई 2022 में एक कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने चीन को 'भाई' बताया था। उन्होंने कहा था, 'चीन और पाकिस्तान दो भाइयों के नाम हैं।' उन्होंने कहा था, 'दो देशों के नेतृत्व और लोगों ने दोस्ती के इस हरे भरे पेड़ की 71 सालों से देखभाल की है।'
पाकिस्तान और बलूचिस्तान में क्यों है टकराव
पाकिस्तान सरकार के साथ बलूचिस्तान की तकरार की खबरें नई नहीं हैं। बलूचिस्तान में खनिजों और संसाधनों का भंडार है। अब बलूच दावा करते हैं कि पाकिस्तान सरकार इन संसाधनों का दोहन करती है, जिनपर मूल निवासियों का हक है। BLA और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट जैसे की समूह इसका खुलकर विरोध करते हैं। दोनों के टकराव की कई और वजहें भी हैं।
इसका नतीजा यह होता है कि पाकिस्तान के सुरक्षा बलों, इंफ्रास्ट्रक्चर और खासतौर से उन चीजों को निशाना बनाया जाता है, जिनपर चीन का निवेश है। जैसे CPEC यानी चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर। ऐसा माना जाता है कि बलूचों को लगता है कि अस्थिरता से चीन परेशआन होगा और पाकिस्तान पर उनकी मांगों को मानने के लिए दबाव मानेगा।
चीन को क्यों होना चाहिए चिंतित
सीएनएन-न्यूज18 की एक रिपोर्ट में भारतीय खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि बीजिंग के हितों को निशाना बना रहे BLA जैसे समूहों के ताजा हमलों को लेकर चीन को चिंतित होना चाहिए। फिलहाल, चीन या पाकिस्तान सरकार की ओर से इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। सूत्रों का कहना है कि CPEC में चीन के बड़े निवेशों पर हमलों से प्रभावी ढंग से निपटने में पाकिस्तान की असफलता चिंता बढ़ा सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि जारी हमलों के चलते चीनी कर्मचारियों और परियोजनाओं पर जोखिम बढ़ गया है। बीएलए चीनी कर्मचारियों और इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमले कर रहा है। वहीं, जाफर एक्सप्रेस की घटना ने BLA की बढ़ती ताकत के संकेत दिए हैं। चैनल से बातचीत में खुफिया सूत्र ने कहा, 'हमलों को रोकने और उनका जवाब देने में यह पाकिस्तान की बड़ी असफलता है।'
उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान का सुरक्षा सुनिश्चित करने में असफल होने का मतलब है कि चीन के आर्थिक और रणनीतिक लक्ष्यों पर जोखिम हो सकता है या संभावित रूप से उनमें देरी हो सकती है। साथ ही खर्च बढ़ने या प्रोजेक्ट रद्द भी हो सकते हैं। ये हमले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन की प्रतिष्ठा पर भी असर डाल रहे हैं, क्योंकि अस्थिरता को इस तरह से देखा जा सकता है कि वह अपने हितों की रक्षा करने में असफल हो रहा है।'
जाफर ट्रेन कांड
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में विद्रोहियों ने एक ट्रेन पर कब्जा करके बंधक बनाए गए 21 यात्रियों और अर्धसैनिक बलों के चार जवानों की हत्या कर दी। पाकिस्तान सेना के एक जनरल ने बुधवार को यह जानकारी दी। पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ ने टीवी चैनल ‘दुनिया न्यूज’ को बताया कि सुरक्षा बलों ने घटनास्थल पर मौजूद सभी 33 विद्रोहियों को मार गिराया।
लेफ्टिनेंट जनरल शरीफ ने कहा, 'सशस्त्र बलों ने सभी आतंकवादियों को मार गिराया और सभी यात्रियों को सुरक्षित छुड़ाकर आज (बुधवार) शाम को अभियान सफलतापूर्वक पूरा कर लिया।' उन्होंने बताया कि मंगलवार को ट्रेन पर हमला करके विद्रोहियों ने 21 यात्रियों को मार डाला। उन्होंने बताया कि इस घटना में अर्धसैनिक बल फ्रंटियर कोर के चार जवान भी मारे गए।
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