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डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद यूरोप के देशों में क्यों मची खलबली, रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी चिंता

  • डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद यूरोपीय देशों में भी खलबली और अनिश्चितता का माहौल है। अब चर्चा यही होने लगी है कि यूरोप के देशों को अमेरिका पर निर्भर नहीं रहना चाहिए और किसी भी चुनौती से खुद निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।

Ankit Ojha लाइव हिन्दुस्तानFri, 8 Nov 2024 09:12 AM
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अमेरिका में रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद यूरोप के देशों में असमंजस की स्थिति नजर आ रही है। डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद यूरोप के नेताओं का बुडापेस्ट में जमावड़ा हो रहा है। रूस और यूक्रेन में युद्ध को लेकर भी यूरोप में अब चर्चा तेज हो गई है। दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ने वादा किया था कि वह राष्ट्रपति बनने के बाद रूस और यूक्रेन का युद्ध खत्म करवाएंगे। पहले कार्यकाल में डोनाल्ड ट्रंप के यूरोप के सहयोगियों के साथ काफी समजबूत संबंध थे। हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि अगर यूरोपीय सहयोगी खुद की सुरक्षा पर ज्यादा खर्च नहीं करते तो अमेरिका साथ नहीं दे पाएगा। इसके बाद उन्होंने आयात पर टैरिफ बढ़ाने का भी प्रस्ताव रख दिया जिससे यूरोप के मैन्युफैक्चरर्स को टेंशन होने लगी।

अब डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद यूरोप में असमंजस की स्थिति है। इसी बीच यूरोप की दो बड़ी शक्तियों फ्रांस और जर्मनी के बीच भी अनबन की स्थिति बनने लगी। फ्रांस में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संसद में बहुमत खो दिया। मैक्रों ने ट्रंप की जीत को लेकर कहा कि यह ऐतिहासिक और निर्णायक समय है। उन्होंने कहा, अमेरिका के लोगों ने उन्हें चुना है तो वह उनके हित में ही काम करेंगे। उनपर बहुत ज्यादा भरोसा रखना ठीक नहीं है। अब सवाल है कि हम यूरोप के हितों की रक्षा करना चाहते हैं या नहीं। यही हमारी प्राथमिकता भी है।

यूरोपीय संघ के अध्यक्ष चार्ल्स माइकल ने मैक्रों के बयान को लेकर कहा कि महाद्वीप को अब अमेरिका पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। हमें अपने भाग्य का मालिक खुद बनना होगा। यह सब डोनाल्ड ट्रंप या फिर कमला हैरिस की वजह से नहीं बल्कि हमारे बच्चों के भविष्य के लिए जरूरी है। यूरोपीय आयोग की प्रमुख उरसुला वोन डेर लेयेन और अन्य नेताओं ने कहा कि रूस के खिलाफ यूक्रेन की मदद जारी रहनी चाहिए।

उन्होंने कहा, हमारे हित में यही है कि दुनियाभर के निरंकुश लोगों को संदेश दें कि हमें कानून के हिसाब से ही चलना है। ग्रीक प्रधानमंत्री ने कहा, अब जागने का समय आ गया है। हमें अपनी ताकत और जरूरत का अहसास होना चाहिए और चुनौतियों से निपटने के लिए खुद पर भरोसा करना चाहिए। यह यूरोप के हित का मामला है।

NATO चीफ मार्क रूट ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया है कि वह क्या चाहते हैं। वह समझते हैं कि साथ आने के लिए ही हमारे बीच समझौता है। और मुझे लगता है कि हम कुछ भी करके दिखा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि यूरोप के लिए रूस एक बड़ी चुनौती है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने डोनाल्ड ट्रंप को जीत की बधाई दी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर जल्दबाजी में कुछ किया जाता है तो इससे यूक्रेन का नुकसान होगा।

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