Hindi Newsविदेश न्यूज़eight arab countries release statement on future of Syria America and China also invovled

सीरिया के भविष्य पर इस मुस्लिम देश में मंथन, अमेरिका और चीन भी गुटबाजी में उतरे

  • जॉर्डन में सऊदी अरब, इराक, लेबनान, मिस्र, यूएई, बहरीन और कतर के विदेश मंत्रियों ने सीरिया को लेकर संयुक्त बयान जारी किया। उधर, अमेरिका और चीन ने भी गुटबाजी शुरू कर दी है।

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तानSun, 15 Dec 2024 02:49 PM
share Share
Follow Us on

तानाशाह बशर अल-असद के तख्तापलट के बाद मध्य पूर्व राष्ट्र सीरिया पर अब विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम की सत्ता है। इस विद्रोही गुट ने 13 साल से चल रहे युद्ध के बाद सफलता पाई। हालांकि नए दौर के युद्ध में तहरीर अल-शाम को महज 13 दिन में जीत मिल गई। तहरीर अल-शाम ने अपने गुट के एक अधिकारी मोहम्मद बशीर को सीरिया का कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुना है। बशीर अगले साल मार्च तक सत्ता पर काबिज रहेंगे। इसके बाद चुनाव में सीरिया में नई सरकार का गठन होगा। कभी अलकायदा जैसे खूंखार आतंकी संगठन का साथी रहा तहरीर अल-शाम सीरिया को कैसे चलाएगा, इसे लेकर दुनियाभर के देशों की चिंता बढ़ गई है।

हाल ही में सीरिया के पड़ोसी राष्ट्र जॉर्डन में इसे लेकर अरब देशों ने मंथन किया। जॉर्डन में सऊदी अरब, इराक, लेबनान, मिस्र, यूएई, बहरीन और कतर के विदेश मंत्रियों ने सीरिया को लेकर संयुक्त बयान भी जारी किया। उधर, अमेरिका और चीन ने भी गुटबाजी शुरू कर दी है। अमेरिका ने पहली बार स्वीकार किया है कि वह सीरिया के विद्रोही गुट के साथ संपर्क में है। चीन ने भी हाल ही में सीरिया में शांति का आह्वान किया।

आठ अरब लीग देशों के शीर्ष राजनयिकों ने जॉर्डन में एक बैठक में राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से बेदखल करने के बाद सीरिया को लेकर कहा कि नई सीरियाई सरकार में “सभी राजनीतिक और सामाजिक ताकतों” का प्रतिनिधित्व होना चाहिए और “किसी भी जातीय, सांप्रदायिक या धार्मिक भेदभाव” के खिलाफ चेतावनी दी और “सभी नागरिकों के लिए न्याय और समानता” का आह्वान किया।

बयान में कहा गया कि सीरिया में राजनीतिक प्रक्रिया को "संयुक्त राष्ट्र और अरब लीग द्वारा सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2254 के सिद्धांतों के अनुसार" समर्थन दिया जाना चाहिए। यह 2015 का एक प्रस्ताव है जिसमें बातचीत के जरिए समाधान की वकालत की जाती है। अरब राजनयिकों ने एक अलग बैठक में भी भाग लिया जिसमें अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गीर पेडरसन और यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख काजा कालास और तुर्की के विदेश मंत्री हाकन फिदान भी शामिल हुए।

सीरिया में तख्तापलट के बाद पहली बार बोला अमेरिका

सीरिया में असद सरकार के पतन के बाद विद्रोहियों के हाथ में सत्ता आने को लेकर पहली बार अमेरिका ने सार्वजनिक रूप से बयान दिया। ब्लिंकन ने एक संवाददाता सम्मेलन में पहली बार स्वीकार किया कि उनकी सरकार तहरीर अल-शाम के कब्जे में हैं। यहां यह भी गौर करने वाली बात है कि अमेरिका अभी भी तहरीर अल-शाम को आतंकी संगठन मानता है। ब्लिंकन ने कहा कि वह खास तौर पर सीरिया में लापता हुए अमेरिकी पत्रकार ऑस्टिन टाइस को लेकर भी तहरीर अल-शाम से जुड़ा हुआ है।

सीरिया में इस वक्त के हालात

सीरिया में बीते 8 दिसंबर को तहरीर अल-शाम ने लंबी लड़ाई के बाद असद सरकार को उखाड़ फेंका। असद अपने पूरे परिवार के साथ रूस की शरण लिए हुए हैं। असद सरकार और तहरीर अल-शाम के बीच युद्ध 13 साल से चल रहा था। 13 साल से गृहयुद्ध के कारण सीरिया में कम से कम पांच लाख लोगों ने अपनी जान गंवा दी। असद के देश से भाग जाने के बाद तहरीर अल-शाम ने नए प्रधानमंत्री के साथ सीरिया पर नियंत्रण रखा हुआ है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें