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डोनाल्ड ट्रंप की जीत कैसे है बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं के लिए राहत, मोहम्मद यूनुस की अब आएगी आफत?

  • माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप की जीत से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के लिए बहुत बेहतर नहीं है। साथ ही, बांग्लादेश में रहे रहे हिंदुओं को भी ट्रंप की जीत से फायदा मिल सकता है।

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, वॉशिंगटनWed, 6 Nov 2024 06:00 PM
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डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। उन्होंने चुनाव में डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस को पराजित कर दिया। 2016 से 2020 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहने के बाद ट्रंप की बतौर राष्ट्रपति दूसरी पारी होने जा रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव का असर सिर्फ अमेरिका तक ही सीमित नहीं रहता है, बल्कि पूरी दुनिया की नजरें इस पर रहती हैं। माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप की जीत बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के लिए उतनी बेहतर नहीं है, जितनी उनके लिए कमला हैरिस की जीत होती। साथ ही, बांग्लादेश में रहे रहे हिंदुओं को भी ट्रंप की जीत से फायदा मिल सकता है।

मतदान से कुछ दिनों पहले डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में रह रहे बड़ी संख्या में हिंदुओं को अपनी ओर लुभाने के लिए बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा को लेकर चिंता जाहिर की थी। ट्रंप ने एक्स पर पोस्ट किया था, ''मैं बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ बर्बर हिंसा की कड़ी निंदा करता हूं, जिन पर भीड़ द्वारा हमला किया जा रहा है और लूटपाट की जा रही है। यह पूरी तरह से अराजकता की स्थिति है।" ट्रंप ने आगे कहा था, "मेरे कार्यकाल में ऐसा कभी नहीं होता। कमला और जो (बाइडन) ने दुनियाभर में और अमेरिका में हिंदुओं की अनदेखी की है। हम अमेरिका को फिर से मजबूत बनाएंगे और ताकत के जरिए शांति वापस लाएंगे।'' मतदान से ठीक पहले किए गए पोस्ट से साफ था कि ट्रंप बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे उत्पीड़न का मुद्दा उठाकर न सिर्फ कमला हैरिस और जो बाइडन को घेर रहे हैं, बल्कि अमेरिका में रह रहे बड़ी संख्या में हिंदुओं को भी आकर्षित करने की कोशिश में हैं। इसी वजह से ट्रंप की जीत बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं के लिए किसी राहत से कम नहीं मानी जा रही।

यूनुस का बाइडन से बेहतर रिश्ता

इस साल अगस्त की शुरुआत में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को आरक्षण मुद्दे को लेकर हो रहे जनता के विरोध के बाद देश छोड़कर भारत आना पड़ा था। इसके बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस की देखरेख में अंतरिम सरकार का गठन हुआ। यूनुस को पश्चिमी देश और खासकर अमेरिका का पिट्ठू माना जाता रहा है। अमेरिका में भी वे डेमोक्रेट के नेताओं के करीबी रहे हैं, जिसमें जो बाइडन, कमला हैरिस आदि जैसे नाम हैं। इसका पुष्टि शेख हसीना के उस बयान से भी होती है, जिसमें उन्होंने खुद को हटाए जाने के पीछे अमेरिका का हाथ बताया था। हसीना ने कहा था कि अमेरिका उनसे सेंट मार्टिन आइलैंड चाहता था, जिसे उन्होंने मना कर दिया और इसके बाद उनका तख्तापलट किया गया। मोहम्मद यूनुस ने जब कुछ समय पहले अमेरिका की यात्रा की तो उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप समेत किसी भी रिपब्लिकन नेता से मुलाकात नहीं की, जिससे दोनों के बीच संबंधों के बारे में पता चलता है। उस यात्रा के दौरान बाइडन और यूनुस की न सिर्फ मुलाकात हुई, बल्कि गहन चर्चा भी हुई। अमेरिका ने बांग्लादेश को पूरी तरह सपोर्ट करने की भी बात कही।

मोहम्मद यूनुस और ट्रंप के रिश्ते अच्छे नहीं?

साल 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को बंपर जीत मिली थी। इसके बाद जब उन्होंने वॉशिंगटन में बांग्लादेश के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की तो उन्होंने यूनुस का बिना नाम लिए तंज कसा था। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले सवाल के बाद प्रतिनिधियों को हैरान कर दिया था। प्रतिनिधियों से अपने आधिकारिक परिचय के बाद, डोनाल्ड ट्रंप ने पूछा, "ढाका का माइक्रो-फाइनेंस वाला आदमी कहां है?" ट्रंप ने आगे कहा था कि मैंने सुना है कि उसने मुझे हारते देखने के लिए दान दिया है। ट्रंप का इशारा मोहम्मद यूनुस की ओर था, जो उस समय बांग्लादेश के माइक्रो-फाइनेंस विशेषज्ञ सामुदायिक विकास बैंक, ग्रामीण बैंक के अध्यक्ष थे। ट्रंप के इस बयान से साफ है कि उनके कार्यकाल में बांग्लादेश और अमेरिका के रिश्ते उस तरह के बेहतर नहीं रहेंगे, जैसे कि जो बाइडन और यूनुस के समय अभी तक थे।

ट्रंप को हिंदुओं के लिए कुछ कर दिखाना होगा

बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही हिंदुओं के खिलाफ हिंसा होने लगी। इसमें कई लोगों की जान चली गई और बड़ी संख्या में मंदिरों को भी निशाना बनाया गया। कई सरकारी संस्थानों में काम कर रहे हिंदुओं से जबरदस्ती इस्तीफे तक लिए जाने लगे। ट्रंप ने मतदान से ठीक पहले बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न का मुद्दा उठाकर अपने इरादे साफ कर दिए थे। उनके बयान से साफ था कि बाइडन और हैरिस ने पद पर रहते हुए जिस प्रकार बांग्लादेश पर हिंदुओं की रक्षा के लिए दबाव नहीं डाला, उसके विपरीत वे यूनुस के देश में ऐसा नहीं होने देंगे। अब जब ट्रंप अमेरिका के अगले राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं तो उन्हें अपने कहे गए को हकीकत में बदलना होगा और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा को लेकर यूनुस पर दबाव बनाना होगा।

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