कोरोना काल में छिपते-छिपाते ट्रंप कर रहे थे पुतिन की मदद, दोनों ने क्यों दबा रखा था वो राज
- अमेरिकी पत्रकार बॉब वुडवर्ड की नई किताब 'वॉर' ने मार्केट में आते ही दुनियाभर में हलचल पैदा कर दी है। दावा है कि कोराना काल के दौरान जब अमेरिका में लाखों मर रहे थे, तब ट्रंप छिपते-छिपाते रूस की मदद कर रहे थे।
अमेरिकी पत्रकार बॉब वुडवर्ड की नई किताब 'वॉर' ने मार्केट में आते ही दुनियाभर में हलचल पैदा कर दी है। पहले किताब में वु़डवर्ड ने दावा किया था कि इजरायली सेना की राफा में चढ़ाई से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू पर भड़क गए थे। बाइडेन ने नेतन्याहू को फोन पर खूब खरी-खोटी सुनाई और गाली-गलौज भी किया। अब वुडवर्ड ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर सनसनीखेज खुलासा किया है। दावा है कि कोराना काल के दौरान जब अमेरिका में लाखों लोगों ने अपनी जान दे दी, तब ट्रंप चुपके से रूस की मदद कर रहे थे। तब पुतिन ने ट्रंप को आगाह भी किया था।
अमेरिका और रूस के रिश्तों में तल्खी आज की नहीं है, विश्व युद्ध के दौरान ही सोवियत रूस का जर्मनी को साथ देना और फिर द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सोवियत रूस का कई देशों में टूट जाना इन दोनों मुल्कों के बीच दुश्मनी की बानगी भर है। रूस और अमेरिका दोनों देश खुद को सबसे पॉवरफुल करने की होड़ में रहते हैं। यही वजह है कि सबसे शक्तिशाली देश होने के कारण दोनों के बीच रिश्ते मधुर नहीं हैं। रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान भी अमेरिका यू्क्रेन को मदद पहुंचा रहा है, जो रूस को आगबबूला करता रहता है।
अमेरिकी पत्रकार के खुलासे से हड़कंप
अमेरिकी पत्रकार बॉब वुडवर्ड ने मंगलवार को प्रकाशित एक पुस्तक, "वॉर" में दावा किया है कि कोरोना महामारी के दौरान अमेरिका में कमी के बावजूद ट्रंप ने गुप्त रूप से पुतिन को कोविड परीक्षण किट भेजे थे और ट्रंप कार्यालय छोड़ने के बाद भी रूसी नेताओ के संपर्क में रहे। 2020 में कोरोनोवायरस के अमेरिका में प्रचंड और भयावह रूप लेने के दौरान ट्रंप ने मॉस्को में कोरोना टेस्टिंग किट्स का एक बैच भेजा। पुस्तक में कहा गया है कि पुतिन ने इस आपूर्ति को सहर्ष स्वीकार किया, लेकिन ट्रंप को इससे राजनीतिक आघात न पहुंचने, इस बात को गोपनीय रखा।
किताब के ये दावे इसलिए भी ट्रंप के लिए खतरनाक हैं, क्योंकि अगले महीने अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होना है और डोनाल्ड ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से कैंडिडेट हैं। उनका मुकाबला डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस से है।
दावों पर रूस की सहमति
'वॉर'में हुए इस खुलासे पर क्रेमलिन की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है। प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने गुरुवार को पत्रकारों को बताया कि "पहले उनके पास कोरोना टेस्टिंग किट सही काम नहीं कर रहे थे और उनके पास पर्याप्त उपकरण भी नहीं थे। इसके बाद कई देशों की मदद से उन्हें टेस्टिंग किट की मदद मिली, इसमें अमेरिका भी शामिल था। हमने अमेरिका को वेंटिलेटर इकाइयों की आपूर्ति भेजी, उन्होंने जवाब में हमें टेस्टिंग किट भेजे थे।" क्रेमलिन ने किताब के इन दावों की पुष्टि की कि तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कोविड परीक्षण किट का बैच भेजा था, लेकिन यह भी कहा कि यह महामारी की शुरुआत में एक अंतरराष्ट्रीय आदान-प्रदान का हिस्सा था।
पुतिन ने ट्रंप से कहा था- इस बात को गुप्त ही रखना
वुडवर्ड के अनुसार, पुतिन ने ट्रंप की इस मदद का आभारा व्यक्त किया और कहा, "मैं नहीं चाहता कि आप किसी को इस बारे में बताएं क्योंकि लोग आप पर गुस्सा होंगे, मुझ पर नहीं।" वुडवर्ड ने ट्रंप के एक अनाम सहयोगी का भी हवाला दिया, जिसने कहा कि ट्रंप और पुतिन में 2021 के बाद से अभी तक कम से कम सात बार बात हुई है। बता दें कि रूस का यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने में युद्ध के बावजूद ट्रंप पुतिन के साथ लगातार संपर्क में थे, यह जानकर भी कि अमेरिका युद्ध में यूक्रेन को मदद कर रहा है।
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